आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 फ़रवरी 2024

मगर अपनी बीबियों से या अपनी ज़र ख़रीद लौनडियों से कि उन पर हरगिज़ इल्ज़ाम नहीं हो सकता

 सूरए अल मोमिनून मक्का में नाजि़ल हुआ और इसमें एक सौ अठारह आयतें और 6 रुकुउ हैं
खुदा के नाम से शुरु करता हूँ जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है
अलबत्ता वह इमान लाने वाले रस्तगार हुए (1)
जो अपनी नमाज़ों में (खुदा के सामने) गिड़गिड़ाते हैं (2)
और जो बेहूदा बातों से मुँह फेरे रहते हैं (3)
और जो ज़कात (अदा) किया करते हैं (4)
और जो (अपनी) शर्मगाहों को (हराम से) बचाते हैं (5)
मगर अपनी बीबियों से या अपनी ज़र ख़रीद लौनडियों से कि उन पर हरगिज़ इल्ज़ाम नहीं हो सकता (6)
पस जो शख़्स उसके सिवा किसी और तरीके़ से शहवत परस्ती की तमन्ना करे तो ऐसे ही लोग हद से बढ़ जाने वाले हैं (7)
और जो अपनी अमानतों और अपने एहद का लिहाज़ रखते हैं (8)
और जो अपनी नमाज़ों की पाबन्दी करते हैं (9)
(आदमी की औलाद में) यही लोग सच्चे वारिस है (10)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...