नरेश विजय वर्गीय , ओरिजनल गांधीवादी , ,ओरिजनल कोंग्रेसी यूँ तो किसी की श्रद्धांजलि के मोहताज नहीं , लेकिन अगर उनके तिये की बैठक या फिर कांग्रेस की आयोजित शोकांजलि सभा में ,, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गांधीवादी विचारक , पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा , प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ,,, सह प्रभारी , पूर्व मंत्री विधायक की गैरमौजूदगी नज़र आती है ,,तो ऐसी ,,,,निष्ठुर , क्रूर ,, गैरज़िम्मेदार कांग्रेस को श्रद्धासुमन अर्पित करने के सिवा कोई दुसरा रास्ता भी तो नहीं है ,, मौक़ा ,है ,, इन नेताओं ,को कांग्रेस विचारकों ,को , गांधी विचारकों को , खुद को , फिज़िकल रूप से साबित करने का के वोह ओरिजनल है या फिर दिखावटी हाथी के ,दांत मगर मच्छ के आंसू हैं ,, या फिर कांग्रेस की ,गांधी की उदारवादिता की धरोहर ,हैं ,,,,,,,,,
कोटा हाड़ोती के ओरिजनल गांधी ,, जिनके रोम रोम , रूह ,, आत्मा में , गांधी , गाँधी की विचारधारा , ओरिजनल कांग्रेस बसी थी , वोह बहुमुखी प्रतिभा ,, बेहतरीन शख्सियत इंजीनियर, स्वतंत्र पत्रकार ,, नरेश विजयवर्गीय अचानक हमें यूँ छोड़कर चले गए , लेकिन जाने के बाद भी उनकी यादें , उनके सिद्धांत हमेशा कोटा कांग्रेस में जीवित रहेंगे ,, हाड़ोती में , एक नरेश विजय वर्गीय गांधी थे , जो हमें छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गए , एक पंकज मेहता है , जो गाँधीवादी है , लेकिन अब कांग्रेस के गाँधीवादी नहीं रहे , वोह अब भाजपा के गाँधीवादी हो गए हैं , लेकिन अब गाँधी कहाँ से लाओगे , गाँधी की विचारधारा कहाँ से लाओगे , हाड़ोती में कहावत ,,, क़ाज़ी जी की मोत हुई , तो कोई नहीं आया उनके परिजन की मोत हुई तो सभी उमड़ पढ़े ,, शायद कमोबेश लागू हो , एक मोत में तो खुद नरेश विजयवर्गीय होकर ही आये थे जहां राजस्थान के दिग्गज लोगों ने सांत्वना दी है , एक गांधीवादी ,, वरिष्ठ कोंग्रेसी , कांग्रेस का ओरिजनल सिपाही , खिदमतगार के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में ही , ,कोटा कांग्रेस की कमी आखरी , खेर कोटा जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी थे , विद्या शंकर गौतम थे , दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल थे , पूर्व विधायक भरत सिंह थे , कई और लोग थे ,उपमहापौर सोनू कुरैशी ,,,,पवन मीणा थे , लेकिन कई पार्षद , वरिष्ठ कोंग्रेसी नदारद थे ,,,, खेर कोई बात नहीं , अब शनिवार 3 फरवरी को विज्ञाननगर रोड एयरपोर्ट के सामने ,दोपहर 3 बजे , नरेश विजय वर्गीय की तिये की बैठक रखी गई , है ,, रविवार को जिला कांग्रेस कार्यालय ,में जिला कांग्रेस अध्यक्ष भी शोकसभा रख रहे हैं ,,,,, बात नरेश विजयवर्गीय गांधी विचारक की , पंकज जी मेहता के भाजपा में जाने के बाद ,,कांग्रेस के गांधी में तो अब खुद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं , लेकिन यह परीक्षा की कठिन घड़ी है ,, नरेश विजयवर्गीय के निधन पर , पूर्व मुख्यमंत्री , अशोक गहलोत , प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ,, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा सहित कई ज़िम्मेदारों को तिये की बैठक में 3 फरवरी या कांग्रेस द्वारा की जाने वाली शोकसभा में , उन्हें आना ही चाहिए ,, अगर ऐसे ओरिजनल कोंग्रेसी को , खुद उपस्थित ,होकर श्रद्धानजलि देने , उनके परिजनों को , ढांढस बंधाने का माद्दा , शऊर , कर्तव्य , ज़िम्मेदारी , इन पदाधिकारियों ,, वरिष्ठ नेताओं , गांधीवादियों में नहीं है , तो फिर इन लोगों को खुद कोंग्रेसी , गाँधीवादी कहने से इंकार कर देना चाहिए , ,कांग्रेस में ओरिजनल कोंग्रेसी की मोत हो , ,गाँधीवादी विचारक की मोत हो , और पूर्व मुख्यमंत्री स्तर के जो खुद गाँधीवादी है , प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ,, पूर्व उप मुख्यमंत्री , प्रभारी , सह प्रभारी , मंत्री वगेरा ,, व्यक्तिगत जाकर शोक व्यक्त नहीं करें , तो ऐसी कांग्रेस पर अफ़सोस से ज़्यादा कुछ भी नहीं हो सकता , ऐसी कांग्रेस जिसके नेता , ऐसे ओरिजनल गाँधीवादी कोंग्रेसी को व्यक्तिगत रूप से श्रद्धंजलि देने नहीं पहुंचे , तो ऐसी कांग्रेस खुद , श्रद्धाजंलि के लायक बनने की तरफ बढ़ जाती है ,,,,,,देखते हैं ,एक ब्रेक के बाद , ,बहानेबाज़ी , उपेक्षा ,, हठधर्मिता ,, ना जाने क्या क्या ,, या फिर ओरिजनल गांधीवादिता , ओरिजनल कांग्रेस विचारधारा , कांग्रेस कर्तव्य , कांग्रेस की ज़िम्मेदारी , नरेश विजयवर्गीय के निर्धन के बाद उनके श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस को नै ऊर्जा ,, पुनर्जीवन ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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