कोटा बूंदी लोकसभा सीट पर कोंग्रेस विधायक, ज़िला कोंग्रेस अध्यक्ष का भाजपा सांसद के पक्ष में वाक ओवर कोंग्रेस की पूर्व घोषित हार, भाजपा की जीत का सार्वजनिक बयान हो , फिर भी अनुशासन का डंडे में जंग लगा हो तो ज़िम्मेदार राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर रंधावा को शर्म से इस्तीफा देकर राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए, ओरिजनल समर्थित, कोंग्रेस को बचाने की कवायद में जुटे समर्पित कोंग्रेसियों की अब यही पुकार है,
कोटा, 3 जनवरी, राहुल जी गाँधी के संरक्षण में चल रही , मलिकार्जुन खड़गे जी की अध्यक्षता में , सुखजिंदर रंधावा जी के प्रभार और गोविन्द सिंह जी डोटासरा के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस के बूंदी के जिला अध्यक्ष ,,जो पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक के बाद भी बगावत कर निर्दलीय लड़े ,, बिना लिखित माफ़ी के कांग्रेस में आये , पुरस्कृत हुए , उन्हें बूंदी का जिला अध्यक्ष बनाया गया , फिर केशोराय पाटन विधानसभा से टिकिट दिया , फिर वोह विधायक बने , लेकिन उनका प्रेम ,, उनका प्यार , कांग्रेस के राहुल गांधी को संसद से निलंबित करने , संसद से उन्हें बर्खास्त करने वाले लोकसभा अध्यक्ष कोटा बूंदी सांसद के प्रति असीम , अटूट खुलकर नज़र आना , यह सब भविष्य की कोंग्रेस के लिए बेहतर संकेत नहीं है , ,राजस्थान में चुनाव के पूर्व , राहुल जी ने खुलकर पत्रकारों को कहा था , के छत्तीसगढ़ ,, मध्य्प्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार आ रही हैं , लेकिन राजस्थान में हम कमज़ोर है , बस , छत्तीसगढ़ ,, मध्य्प्रदेश में तो कांग्रेस हारना ही थी , राजस्थान में भी कांग्रेस जीती हुई बाज़ी हार गई , ,खेर कोशिश की लेकिन नतीजे रोक नहीं पाए , ,, लेकिन कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में तो कमाल ही हो गया , ,कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में कोटा की 6 और बूंदी की 2 विधानसभा कुल 8 विधानसभा हैं , जिसमे से कांग्रेस पीपल्दा , कोटा उत्तर , बूंदी , और केशोराय पाटन में जीती है , बाक़ी जगह भी कमोबेश कम वोटों से हारी है , ऐसे में कोटा लोकसभा में कांग्रेस मज़बूत है , जीतने की स्थिति में है , कांग्रेस जब कोटा लोकसभा में मज़बूत स्थिति बनाने की कोशिश में है , तब , कोटा बूंदी लोकसभा के बूंदी ज़िले के जिला कांग्रेस अध्यक्ष , केशोराय पाटन के निर्वाचित विधायक , लोकसभा चुनाव के दो माह पूर्व ,,, खुले मंच से , कोटा के भाजपा निर्वाचित सांसद के लिए क़सीदे पढ़े , खेर अच्छे लोगों की तारीफ़ करना भी चाहिए , लकिन अगर कांग्रेस के एक ज़िले का अध्यक्ष , कांग्रेस से टिकिट लेकर निर्वाचित हुआ विधायक , डंके की चोट पर सरेंडर होकर कहे , के भाजपा सांसद साहब , हमारी कोंग्रेस में आपका कोई तोड़ नहीं ,, कांग्रेस में आपके खिलाफ कोई प्रत्याक्षी ही नहीं , इस बार भी आप ही जीतेंगे , ,,लोकसभा चुनाव के ऍन वक़्त पहले ,, एक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और , कांग्रेस के टिकिट पर जीतकर आये विधायक का यह बयान भविष्य में , कांग्रेस छोड़कर ऐसे सांसद को फिर से भाजपा का प्रत्याक्षी बनाये जाने पर , इनका वोट , इनका समर्थन कहाँ होगा , इनकी वफादारी कांग्रेस के प्रति रह भी पाएगी या नहीं , समझ नहीं आता , अरे खुद तुम विधायक हो , बूंदी जिला कांग्रेस के अध्यक्ष हो , कहते ,, के में खुद कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से ,, कांग्रेस का उम्मीदवार भाजपा सांसद के खिलाफ बनूंगा और जीत कर आऊंगा , आपने तो कांग्रेस कार्यर्कताओं का मनोबल ही तोड़ दिया ,,,खेर आपने तो अपने कोटा बूंदी के निजी संबंध निभाए हैं , लेकिन जिस तरीके से सार्वजनक मंच से कांग्रेस को हतोत्साहित किया गया ,, कांग्रेस को खुद ने ही , हारी हुई कहकर , कार्यर्कताओं का मनोबल तोडा है , यह सब तो ,, भाजपा प्रत्याक्षी को अभी से वाक् ओवर देना , और कांग्रेस को खत्म करने जैसा है , , ताज्जुब है , ,कांग्रेस के जिला अध्यक्ष , विधायक के नाते इस तरह के सार्वजनिक बयान पर , ,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष , प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा , खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ,, राष्ट्रिय कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे , वरिष्ठ कोंग्रेसी नेता , ,सभी तो इस वाक् ओवर बयान पर ,, कांग्रेस कार्यर्कताओं को हतोसाहित आकर कांग्रेस के सिस्टम को कोटा बूंदी लोकसभा प्रत्याक्षी चयन में अप्रत्यक्ष रूप से , फेल्योर बताने पर भी चुप है , खामोश है , ,इधर , प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के नेतृत्व में चुनाव हारे लेकिन उन्हें फिर राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले प्रभारी बना दिया गया ,, वोह प्रभारी जिन्होंने राजस्थान में ऐतिहासिक रूप से ,, प्रदेश कांग्रेस संगठन में सचिव , महासचिव , थोक में बनाये , ,अनगिनत नियुक्तियां , खुद ने लिखित में दे डालीं , जिनके नियुक्ति पत्रों के मामले में संगठन के प्रभारी ,, राज्यसभा सदस्य वेणी गोपाल जी ने , लगभग असहमति जताई है ,क्योंकि कांग्रेस संगठन की नियुक्तियां आज तक , .. एक विशिष्ठ प्रफोर्मा जिसमे ,,, माननीय राष्ट्रिय अध्यक्ष की सहमति से , फलां व्यक्ति को , फलां पद पर नियुक्त किया जाता है , और राष्ट्रिय संगठन प्रभारी ने खुद इस तरह की नियुक्ति पर सार्वजनिक रूप से असहमति जताई है , , इस विरोधाभास के बाद जिला अध्यक्षों ने सुखजिंदर सिंह रंधावा की नियुक्तियों को नज़र अंदाज़ करते हुए , जिला स्तरीय कार्यक्रमों में ऐसे नियुक्त हुए ,, प्रदेश सचिव और महासचिव को , कार्य्रक्रमों की सुचना तक देना मुनासिब नहीं समझा है , कई जिला अध्यक्षों ने तो इस तरह की नियुक्तियों को माना ही नहीं है ,,,, खेर जो भी , हो ,, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ,, जिसे हाई कहकर उसकी कमान का इन्तिज़ार सभी को रहता है , अगर उसने ,, कोटा लोकसभा सीट चुनाव के पहले ही कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत की सार्जनिक घोषणा कर कांग्रेस कार्यर्कताओं का मनोबल गिराने वाले के खिलाफ कार्यवाही नहीं की , तो फिर तो एक के बाद एक लोकसभा क्षेत्रों के विधायक , जिला कांग्रेस अध्यक्ष और दूसरे लोग , इस तरह की बयानबाज़ी देकर ,, कांग्रेस को हीरो से ज़ीरो करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ,, लेकिन ,, हाँ लेकिन इसलिए के बस लेकिन ही है , और हमे कोटा बूंदी लोकसभा बूथ अध्यक्ष होने पर , पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य होने पर , पार्टी का वोटर , समर्थक होने पर गर्व होने के बावजूद भी , इस तरह के लोगों के खिलाफ सबक़ सिखाने वाली कार्यवाही नहीं होने पर , शर्मिंदगी सी भी होती है , , होती है ना ,,,,,,,अरे कोटा बूंदी लोकसभा में पूर्व सांसद रामनारायण मीणा , पूर्व सांसद शान्ति कुमार धारीवाल , खुद सी एल प्रेमी विधायक ,, बूंदी जिला कांग्रेस अध्यक्ष , ,कोटा जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविन्द त्यागी , डॉक्टर एकता धारीवाल ,,भरत सिंह पूर्व विधायक ,, हरिमोहन शर्मा , खुद राखी गौतम ,,, श्रीमती पूनम गोयल , आबिद कागजी , नईमुद्दीन गुड्डू ,,पंडित गोविन्द शर्मा , मौलाना फ़ज़ले हक़, मुझ सहित खुद सचिन पायलेट , राहुल गांधी , अशोक गहलोत ,, खुद भाजपा में चाणक्य की तरह बदले किबाग में छोटी बांध कर भविष्य के संभावित हो सकने वाले पप्रत्याक्षी, ऐसे हैं जो इस चेलेंज को स्वीकार कर कांग्रेस को जीता सकते हैं ,,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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