आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 दिसंबर 2023

और (अलहमदोल्लिाह कि) मुझको सरकश नाफरमान नहीं बनाया

 और मै (चाहे) कहीं रहूँ मुझ को मुबारक बनाया और मुझ को जब तक जि़न्दा रहूँ नमाज़ पढ़ने ज़कात देने की ताकीद की है और मुझ को अपनी वालेदा का फ़रमाबरदार बनाया (31)
और (अलहमदोल्लिाह कि) मुझको सरकश नाफरमान नहीं बनाया (32)
और (खु़दा की तरफ़ से) जिस दिन मैं पैदा हुआ हूँ और जिस दिन मरूँगा मुझ पर सलाम है और जिस दिन (दोबारा) जि़न्दा उठा कर खड़ा किया जाऊँगा (33)
ये है कि मरियम के बेटे ईसा का सच्चा (सच्चा) कि़स्सा जिसमें ये लोग (ख़्वाहमख़्वाह) शक किया करते हैं (34)
खु़दा कि लिए ये किसी तरह सज़ावार नहीं कि वह (किसी को) बेटा बनाए वह पाक व पकीज़ा है जब वह किसी काम का करना ठान लेता है तो बस उसको कह देता है कि “हो जा” तो वह हो जाता है (35)
और इसमें तो शक ही नहीं कि खु़दा (ही) मेरा (भी) परवरदिगार है और तुम्हारा (भी) परवरदिगार है तो सब के सब उसी की इबादत करो यही (तौहीद) सीधा रास्ता है (36)
(और यही दीन ईसा लेकर आए थे) फिर (काफिरों के) फि़रकों ने बहम एख़तेलाफ किया तो जिन लोगों ने कुफ्र अख्तियार किया उनके लिए बड़े (सख़्त दिन खु़दा के हुज़ूर) हाजि़र होने से ख़राबी है (37)
जिस दिन ये लोग हमारे हुज़ूर में हाजि़र होंगे क्या कुछ सुनते देखते होंगे मगर आज तो नफ़रमान लोग खुल्लम खुल्ला गुमराही में हैं (38)
और (ऐ रसूल) तुम उनको हसरत (अफ़सोस) के दिन से डराओ जब क़तई फैसला कर दिया जाएगा और (इस वक़्त तो) ये लोग ग़फलत में (पड़े हैं) (39)
और इमान नहीं लाते इसमें शक नहीं कि (एक दिन) ज़मीन के और जो कुछ उस पर है (उसके) हम ही वारिस होंगे (40)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...