पिता के देहांत के बाद पुत्रों ने सम्पन्न कराया नेत्रदान
2. पिता के नैत्रदान करा, अर्पित की श्रद्धाजंलि
नई धान मंडी,डीसीएम रोड, कोटा निवासी सुबोध और सुकेश जैन के पिताजी सुभाष चंद्र पाटनी का बुधवार सुबह आकस्मिक निधन हुआ । अपने नित्य कर्म से निवृत होने के बाद वह मंदिर के लिए जाने ही वाले थे कि,अचानक हृदयाघात से उनकी मृत्यु हुई ।
सहज ,सरल,विनम्र व्यवहार,मृदुल स्वभाव के सुभाष जी अपने जैन धर्म के स्वाध्याय से प्रेरित होकर सामाजिक कार्यों एवं साधु संतों की सेवा में हमेशा अग्रणी रहते थे । परिवार के सभी सदस्य नेत्रदान के कार्यों से प्रेरित थे । क्योंकि थोड़े समय पहले इनकी समधन जय श्री दोषी जी का भी नेत्रदान परिवार के सदस्यों ने संपन्न कराया था ।
पिता के निधन की सूचना सभी रिश्तेदारों को देने के ठीक बाद सुबोध ने स्वप्रेरणा से पिताजी के नेत्रदान करवाने का निर्णय लिया जिसकी सूचना इनके भाई अंकेश गोधा ने शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ को दी ।
सूचना मिलते ही संस्था सदस्यों की टीम सुभाष जी के निवास पर पहुंची और परिवार के सभी सदस्यों के बीच नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ । सुभाष जी की पत्नी हीरामणि, बेटी नीता ने नेत्रदान प्रक्रिया के उपरांत कहा कि नेत्रदान के कार्य से अच्छी श्रद्धांजलि हम उनके लिए नहीं दे सकते थे मन में सुकून है कि,दिवंगत सुभाष जी किन्हीं दो दृष्टिहीन की आंखों में जीवित रह सकेंगे । उपस्थित जनसमूह ने नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा और परिवार के इस प्रेरणादायक कार्य की सराहना की ।
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