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01 नवंबर 2023

मगर इबलीस (मलऊन) की उसने सजदा करने वालों के साथ शामिल होने से इन्कार किया

 मगर इबलीस (मलऊन) की उसने सजदा करने वालों के साथ शामिल होने से इन्कार किया (31)
(इस पर ख़ुदा ने) फरमाया आओ शैतान आखि़र तुझे क्या हुआ कि तू सजदा करने वालों के साथ शामिल न हुआ (32)
वह (ढिठाई से) कहने लगा मैं ऐसा गया गुज़रा तो हूँ नहीं कि ऐसे आदमी को सजदा कर बैठूँ जिसे तूने सड़ी हुयी खन खन बोलने वाली मिट्टी से पैदा किया है (33)
ख़ुदा ने फरमाया (नहीं तू) तो बेहिश्त से निकल जा (दूर हो) कि बेशक तू मरदूद है (34)
और यक़ीनन तुझ पर रोज़े में जज़ा तक फिटकार बरसा करेगी (35)
शैतान ने कहा ऐ मेरे परवरदिगार ख़ैर तू मुझे उस दिन तक की मोहलत दे जबकि (लोग दोबारा जि़न्दा करके) उठाए जाएँगें (36)
ख़ुदा ने फरमाया वक़्त मुक़र्रर (37)
के दिन तक तुझे मोहलत दी गई (38)
उन शैतान ने कहा ऐ मेरे परवरदिगार चूंकि तूने मुझे रास्ते से अलग किया मैं भी उनके लिए दुनिया में (साज़ व सामान को) उम्दा कर दिखाऊँगा और सबको ज़रुर बहकाऊगा (39)
मगर उनमें से तेरे निरे खुरे ख़ास बन्दे (कि वह मेरे बहकाने में न आएँगें) (40)

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