राष्ट्रिय मेला दशहरा कोटा में कवि , शायर या कोई भी कलाकार , चुनाव आचार संहिता का उलंग्घन कर , सरकारों में पूर्व प्रसाद पर्यन्त पदों पर रहे , किसी भी व्यक्ति को , चुनाव आचार संहिता का उलंग्घन से बचने के लिए नहीं बुलाया जाए ,
,,,अख्तर खान अकेला,,,
कोटा ,,,कोटा मेला दशहरा आयोजन में अधिकारीयों , और कथित इवेंट ठेकेदार के ज़रिये , खबू लूटम पाट कहो या फिर कहो मनमानी , जम कर हो रही है , जिला कलेक्टर कोटा , जिला निर्वाचन अधिकारी को इस मामले में संज्ञान लेकर कार्यवाही करना ही चाहिए , ,, कोटा मेला दशहरा जिसे राष्ट्रिय मेला दशहरा कहा जाता है , उसके कार्यक्रमों में कटौती करना तो समझ में आता है , लेकिन इवेंट कम्पनी के ज़रिये , कलाकारों को बुलाना , उनको दी जाने वाली राशि पर भरोसा करके देना , समझ से बाहर बात है , कोटा में क़व्वाली कार्यक्रम में जब , ऐसे क़व्वाल को बुलाया गया , जिसे हाजी अज़ीज़ जावा ने , ,कोटा जंगली शाह महफ़िल के लिए , सिर्फ छ हज़ार रूपये में बुलाया था , उन्हें , खुलकर , कई हज़ार गुना रूपये देकर कोटा में बुलाना , राशि , पद , और इवेंट व्यवस्था का खुला दुरूपयोग है , पिछले दिनों मुशायरा हुआ,कवि सम्मेलन हुआ, कवि सम्मेलन का भुगतान तो हो ,गया लेकिन शायरों को , रुला रुला कर, भुगतान किया गया,तब बात और थी , अब चुनाव आचार संहिता है , और इस चुनाव आचार संहिता के नाम ,पर अटल कवि सम्मेलन को स्थगित किया गया है , लेकिन मुशायरे में , कवि सम्मेलन में ऐसे ऐसे शायर कवियों को बुलाया गया है , जो भाजपा के कार्यकाल में , या दूसरी सरकारों के कार्यकाल में ,प्रसाद पर्यन्त पदों पर रह चुके है , प्रसाद पर्यन्त पद यानी , जो सरकारें अपनी पार्टी के प्रचारक , समर्थकों को , यह पद ,देकर खुश रखते हैं , उन्हें पुरस्कृत करते है , तो फिर , पूर्व सरकारों में, सरकारी पदों पर, पुरस्कृत होकर कार्यरत रहे , कवि हो शायर हो या फिर कोई भी कलाकार हो , अगर उन्हें ,, मेले दशहरे में बुलाया जाता है , उचित स्थान दिया जाता है , तो साफ़ बात है , के कहीं ना कहीं , अधिकारीयों को , यह व्यवस्था बनाने में सियासी लोगों ने , प्रभावित किया है , इसलिए निष्पक्ष मंच के लिए , निष्पक्ष मेला दशहरा कार्य्रकम के लिए ज़रूरी है , के क़व्वाल और इवेंट के मध्य समझोतो , क़व्वाल के पूर्व में अलग अलग कार्यक्रमों को उन्हें दी गई राशि , ,मुशायरे , कवि सम्मेलन में , ऐसे लोग , जो , सरकार के ओहदों पर सरकारी प्रसाद पर्यन्त पदों पर रह चुके हैं उन्हें , हर हाल में , जांच करवाना चाहिए,, एक शपथ पत्र लेकर ही उन्हें , इन कार्यक्रमों में बुलाना चाहिए , इस बार तो इवेंट कम्पनी ठेका प्रणाली ने कमाल ही कर दिखाया है , ,एनाउंसर मामले में भी पक्षपात पूर्ण निति अपनाई है , जो लोग , सरकारी संगठनात्मक नहीं , ,, शुद्ध प्रशासनिक कार्यक्रमों की ऐंकरिंग करते रहे हैं , उन्हें ख़ास तोर पर ,इवेंट कम्पनी ने मेले दशहरी से व्यक्तिगत व्यवस्थाओं के चलते अलग थलग रखा है , ,मेले के कार्यक्रमों में अटल कवि सम्मेलन स्थगित किया है , तो फिर यह भी ज़रूरी है , के कोई भी , पूर्व सरकारों में , पार्टियों द्वारा प्रचारक होने , या उनके द्वारा पुरस्कृत कर किसी भी पद पर नियुक्त रहकर काम करें वाले पूर्व ओहदेदार किसी भी ,साहित्यकार , शायर , कवि , या फिर कलाकार ,वगेरा को हरगिज़ , हरगिज़ नहीं बुलाया जाए ,क्योंकि यह प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से , चुनाव आचार संहिता का उलंग्घन होगा , और अगर किसी को बुलाया भी जा रहा है , तो उससे इस बात का शपथ पत्र ज़रूर लिया जाए , के वोह कभी किसी प्रसाद पर्यन्त , जिन पर सरकार नियुक्ति देती है, उन पदों पर , नियुक्त नहीं रहा है , तभी उसे इस मेले दशहरे में बुलाया जाना चाहिए ,, ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 अक्तूबर 2023
राष्ट्रिय मेला दशहरा कोटा में कवि , शायर या कोई भी कलाकार , चुनाव आचार संहिता का उलंग्घन कर , सरकारों में पूर्व प्रसाद पर्यन्त पदों पर रहे , किसी भी व्यक्ति को , चुनाव आचार संहिता का उलंग्घन से बचने के लिए नहीं बुलाया जाए ,
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