और अगर ये कुफ्फार सुलह की तरफ माएल हो तो तुम भी उसकी तरफ माएल हो और
ख़ुदा पर भरोसा रखो (क्योंकि) वह बेशक (सब कुछ) सुनता जानता है (61)
और अगर वह लोग तुम्हें फरेब देना चाहे तो (कुछ परवा नहीं) ख़ुदा तुम्हारे
वास्ते यक़ीनी काफी है-(ऐ रसूल) वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने अपनी ख़ास मदद
और मोमिनीन से तुम्हारी ताईद की (62)
और उसी ने उन मुसलमानों के दिलों में बाहम ऐसी उलफ़त पैदा कर दी कि अगर
तुम जो कुछ ज़मीन में है सब का सब खर्च कर डालते तो भी उनके दिलो में ऐसी
उलफ़त पैदा न कर सकते मगर ख़़ुदा ही था जिसने बाहम उलफत पैदा की बेशक वह
ज़बरदस्त हिक़मत वाला है (63)
ऐ रसूल तुमको बस ख़ुदा और जो मोमिनीन तुम्हारे ताबेए फरमान (फरमाबरदार) है काफी है (64)
ऐ रसूल तुम मोमिनीन को जिहाद के वास्ते आमादा करो (वह घबराए नहीं ख़ुदा
उनसे वायदा करता है कि) अगर तुम लोगों में के साबित क़दम रहने वाले बीस भी
होगें तो वह दो सौ (काफिरों) पर ग़ालिब आ जायेगे और अगर तुम लोगों में से
साबित कदम रहने वालों सौ होगें तो हज़ार (काफिरों) पर ग़ालिब आ जाएँगें इस
सबब से कि ये लोग ना समझ हैं (65)
अब ख़़ुदा ने तुम से (अपने हुक्म की सख़्ती में) तख़्फ़ीफ (कमी) कर दी और
देख लिया कि तुम में यक़ीनन कमज़ोरी है तो अगर तुम लोगों में से साबित
क़दम रहने वाले सौ होगें तो दो सौ (काफि़रों) पर ग़ालिब रहेंगें और अगर तुम
लोगों में से (ऐसे) एक हज़ार होगें तो ख़ुदा के हुक्म से दो हज़ार
(काफि़रों) पर ग़ालिब रहेंगे और (जंग की तकलीफों को) झेल जाने वालों का
ख़ुदा साथी है (66)
कोई नबी जब कि रूए ज़मीन पर (काफिरों का) खून न बहाए उसके यहाँ कै़दियों
का रहना मुनासिब नहीं तुम लोग तो दुनिया के साज़ो सामान के ख़्वाहा (चाहने
वाले) हो औॅर ख़़ुदा (तुम्हारे लिए) आखि़रत की (भलाई) का ख्वाहा है और
ख़ुदा ज़बरदस्त हिकमत वाला है (67)
और अगर ख़ुदा की तरफ से पहले ही (उसकी) माफी का हुक्म आ चुका होता तो
तुमने जो (बदर के क़ैदियों के छोड़ देने के बदले) फिदिया लिया था (68)
उसकी सज़ा में तुम पर बड़ा अज़ाब नाजि़ल होकर रहता तो (ख़ैर जो हुआ सो
हुआ) अब तुमने जो माल ग़नीमत हासिल किया है उसे खाओ (और तुम्हारे लिए) हलाल
तय्यब है और ख़ुदा से डरते रहो बेशक ख़ुदा बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है
(69)
ऐ रसूल जो कै़दी तुम्हारे कब्जे़ में है उनसे कह दो कि अगर तुम्हारे
दिलों में नेकी देखेगा तो जो (माल) तुम से छीन लिया गया है उससे कहीं बेहतर
तुम्हें अता फरमाएगा और तुम्हें बख़्श भी देगा और ख़ुदा तो बड़ा बख़्शने
वाला मेहरबान है (70)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 सितंबर 2023
और अगर ये कुफ्फार सुलह की तरफ माएल हो तो तुम भी उसकी तरफ माएल हो और ख़ुदा पर भरोसा रखो (क्योंकि) वह बेशक (सब कुछ) सुनता जानता है
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