और उन (कम्बख़्तों) ने जिन्नात को ख़ुदा का शरीक बनाया हालाँकि जिन्नात को
भी ख़ुदा ही ने पैदा किया उस पर भी उन लोगों ने बे समझे बूझे ख़ुदा के लिए
बेटे बेटियाँ गढ़ डालीं जो बातों में लोग (उसकी शान में) बयान करते हैं
उससे वह पाक व पाकीज़ा और बरतर है (101)
सारे आसमान और ज़मीन का मव्दित (बनाने वाला) है उसके कोई लड़का क्योंकर
हो सकता है जब उसकी कोई बीबी ही नहीं है और उसी ने हर चीज़ को पैदा किया और
वही हर चीज़ से खूब वाकि़फ है (102)
(लोगों) वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसके सिवा कोइ्र माबूद नहीं
वही हर चीज़ का पैदा करने वाला है तो उसी की इबादत करो और वही हर चीज़ का
निगेह बान है (103)
उसको आँखें देख नहीं सकती (न दुनिया में न आखि़रत में) और वह (लोगों की)
नज़रों को खूब देखता है और वह बड़ा बारीक बीन (देख़ने वाला) ख़बरदार है
(104)
तुम्हारे पास तो सुझाने वाली चीज़े आ ही चुकीं फिर जो देखे (समझे) तो
अपने दम के लिए और जो अन्धा बने तो (उसका ज़रर (नुकसान) भी) ख़ुद उस पर है
और (ऐ रसूल उन से कह दो) कि मै तुम लोगों का कुछ निगेहबान तो हूँ नहीं
(105)
और हम (अपनी) आयतें यू उलट फेरकर बयान करते है (ताकि हुज्जत तमाम हो) और
ताकि वह लोग ज़बानी भी इक़रार कर लें कि तुमने (क़ुरान उनके सामने) पढ़
दिया और ताकि जो लोग जानते है उनके लिए (क़ुरान का) खूब वाजेए करके बयान कर
दें (106)
जो कुछ तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से ‘वही’ की जाए बस उसी
पर चलो अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मुष्रिको से किनारा कश रहो (107)
और अगर ख़़ुदा चाहता तो ये लोग शिर्क ही न करते और हमने तुमको उन लोगों
का निगेहबान तो बनाया नहीं है और न तुम उनके जि़म्मेदार हो (108)
और ये (मुशरेकीन) जिन की अल्लाह के सिवा (ख़ुदा समझ कर) इबादत करते हैं
उन्हें तुम बुरा न कहा करो वरना ये लोग भी ख़़ुदा को बिना समझें अदावत से
बुरा (भला) कह बैठें (और लोग उनकी ख़्वाहिष नफसानी के) इस तरह पाबन्द हुए
कि गोया हमने ख़ुद हर गिरोह के आमाल उनको सॅवाकर अच्छे कर दिखाए फिर उन्हें
तो (आखि़रकार) अपने परवरदिगार की तरफ लौट कर जाना है तब जो कुछ दुनिया में
कर रहे थे ख़़ुदा उन्हें बता देगा (109)
और उन लोगों ने ख़ुदा की सख़्त सख़्त क़समें खायीं कि अगर उनके पास कोई
मौजिजा़ आए तो वह ज़रूर उस पर इमान लाएँगे (ऐ रसूल) तुम कहो कि मौजिज़े तो
बस ख़ुदा ही के पास हैं और तुम्हें क्या मालूम ये यक़ीनी बात है कि जब
मौजिज़ा भी आएगा तो भी ये ईमान न लाएँगे (110)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 अगस्त 2023
(लोगों) वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसके सिवा कोइ्र माबूद नहीं वही हर चीज़ का पैदा करने वाला है तो उसी की इबादत करो और वही हर चीज़ का निगेह बान है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)