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04 अगस्त 2023

के डी ऐ विधायक को एक माह पूर्व विधायकों को देने के बाद भी उन्होंने पढ़ा क्यों नहीं , विधानसभा में विरोध करने गए क्यों नहीं

  के डी ऐ विधायक को एक माह पूर्व विधायकों को देने के बाद भी उन्होंने पढ़ा क्यों नहीं , विधानसभा में विरोध करने गए क्यों नहीं  ,,, फिर जब कर्त्तव्यविहीन है  तो फिर वेतन भत्ते क्यों ले रहे हैं ,, , के डी ऐ से किसानों को कोई नुकसान नहीं , उनकी कृषि भूमि  शहरी आधारभूत ढांचे में विकसित होगी , कृषि भूमि के दाम बढ़ेंगे , किसान खुशहाल होंगे ,  फिर भाजपा की सरकार बनवाने के मुख्य साज़िशकर्ता , किसानों पर अत्याचार पर चुप्पी साधे रखने वाले ,,,अन्ना समर्थकों के पेट में दर्द क्यों ,,,,,
कहावत तय्यब अली प्यार के दुश्मन हाय , हाय , अब कोटा के विकास , ,के डी ऐ के नाम पर कोटा का सर्वागीण विकास के खिलाफ लोगों के लिए , तय्यब अली कोटा के विकास के दुश्मन  हाय , हाय के रूप में बदल गई है , मुट्ठी भर लोग , कोटा के सर्वांगीण विकास का राजनितिक कारण , निजी कारणों से विरोध ,कर  कोटा के विकास को ,बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं , इस षड्यंत्र में , विधानसभा में बैठे लोग , भी शामिल हैं ,, , कोटा में  ऑक्सीज़न , मुकंदरा , चंबल रिवर फ्रंट , चौराहों का सोंदर्यकरण , सम्पर्क सड़कों का निर्माण , गार्डन , अभेदा अभ्यारण्य ,, बायलोजिकल पार्क , सहित सभी विकास , सोंदर्यकरण कार्य , देश देख रहा है , लेकिन हाल ही में , कोटा डवलपमेंट ऑथोरिटी का सुनियोजित राजनितिक , अन्ना हज़ारे समर्थकों द्वारा किया जा रहा विरोध तो , कोटा के विकास के दुश्मनों की पोल खोल रहा है , ,इसमें विधायक जैसे लोगों का शामिल होना शर्मनाक सा है ,  अफ़सोस की बात यह है , के कोटा से जुड़े विधायक , लोग भी विधानसभा में विधायक का वेतन पूरा प्राप्त करने के बाद भी खुद को अनुपस्थित बताकर , इसका विरोध कर रहे हैं , , विधानसभा में कोटा डवलपमेंट ऑथोरिटी का विधेयक पेश हुआ , कोई विधेयक एक दिन में ही पारित नहीं हो जाता है , एक माह पूर्व ,,,से भी ज़्यादा या लगभग ,, पूर्व , ,सभी विधायकों को वितरित किया जाता है , कोटा के विधायक जिनके पेट में अभी दर्द हो रहा है ,वोह आखिर , उस वक़्त सोते क्यों रहे , एक माह पूर्व या विधेयक पारित होने के पूर्व जब उन्हें अध्ययन और टिप्पणी के लिए दिया गया ,, तो किसी भी विधायक ने विरोध क्यों नहीं जताया ,, ऊंघते रहे , सोते रहे , विधेयक की किताब इन्होने खोल कर भी नहीं देखी , अकेले , रामनारायण मीणा ने अलबत्ता विधायक होने का फ़र्ज़ निभाया , एक विधायक जी तो विधानसभा में गए ही नहीं , जब विधानसभा में नहीं गए , विधायक की ज़िम्मेदारी नहीं निभाई , तो फिर नैतिकता तो इतनी होना ही चाहिए के , वोह विधायक का वेतन ,, भत्ते , लेना बंद कर दें , या ले लिया हो तो वापस सरकार को लोटा कर रसीद प्राप्त करें , और अपनी नैतिकता का उदाहरण पेश करने , जब जनता ने तुम्हे विधायक चुन कर भेजा ,, और तुम विधायक होने के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पाए , तुम्हारे क्षेत्र के विधेयक तुम्हे दिए गये , उसे तुमने पढ़ा नहीं ,  विधानसभा में  बोलना तो , दूर लिखकर भी विरोध दर्ज नहीं कराया , , और जब विधेयक पारित हो गया तो विधानसभा के बाहर , जनता को उल्लू बनाने के लिए उस का विरोध जता रहे हों , यह नैतिकता नहीं , सियासी साज़िश है ,,, कोटा  डवलपमेंट ऑथोरिटी , कोटा को , बूंदी को , झालावाड़ को , बारां को , एक साथ करके,  भिवाड़ी जैसा ऍन सी आर जैसा विकसित करने की तरफ अगर बढ़ रहा है , तो तुम्हारे पेट में दर्द क्यों हो रहा है , ,, कोटा को विकसित होने दो , कोटा अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर , बढ़ रहा है तो ख़ुशी की बात है , ,फिर किसानों को उकसाया जा रहा है , बहकाया जा रहा है , अन्ना हज़ारे जो , कांग्रेस के दुश्मन , भाजपा में खुले मित्र है , जिनकी जुबां भाजपा के हर किसान ज़ुल्म पर गले में अटकी रहती हैं , उनके समर्थक लोग , किसानों को बहका कर इसे किसान विरोधी बताने की साज़िश रच रहे हैं , अरे कोटा डवलपमेंट ऑथोरिटी , जिन गाँवों को शामिल कर रहा है , वहां विकास होगा ,शहरी आधारभूत ढांचा बनेगा ,, स्कूल , सड़कें , अस्पताल  सहित कई सुविधाएँ उलब्ध होंगी , , किसानों में खुशहाली आएगी , किसानों की कृषि भूमि के मूल्य बढने , फसल का उत्पादन भी शहरी क्षेत्र होने से बढ़ेगा ,, कोटा डवलपमेंट ऑथोरिटी से , किसानों को क्या आपत्ति है , उनकी ज़मीन , उनकी कृषि भूमि , कृषि कार्य अपनी जगह सुरक्षित हैं ,कोटा डवलपमेंट ऑथोरिटी  सिर्फ सरकारी ज़मीन ही तो आवाप्त करेगी , उन्ही ज़मीनों पर तो डवलपमेंट करेगी , विकसित करेगी , कृषि भूमि तो सुरक्षित रहेगी , हाँ जिन किसानों ने सरकारी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा कर रखा है , अतिक्रमण कर रखा है , सिवाय चक ज़मीन पर अतिक्रमणकारी की गैंग है , उनके पेट में तो दर्द  होना वाजिब है , क्योंकि सरकारी ज़मीन पर अतिरक्मण की गेंग और उनके गेंगमास्टर तो इससे  नाराज़ होंगे ही , तो जनता को जवाब माँगना चाहिए के कोटा के विकास को रोकने के पीछे इनकी साज़िशें क्या है , क्यों गुमराह आकर गलत प्रचार कर रहे हैं , और जो विधायक विधानसभा में नहीं गए , विधायक का सम्पूर्ण वेतन लेकर भी विधायक का कर्तव्य का निर्वहन जिन विधायकों ने नहीं किया , जिन विधायकों के पास एक माह पुर , यह कोटा डवलपमेंट का विधेयक पहुंच गया ,उन्होंने उसे खोलकर पढ़ा क्यों नहीं , समय पर,  विधिक रूप से , लिखित में , या बोलकर  इसे पारित होने के पहले , इस पर विरोध क्यों नहीं जताया , ऐसे विधायक जो , अब विधानसभा के बाहर इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं , आम जनता को  ,, उनके क्षेत्र के आम वोटर्स को , ऐसे विधायकों का घेराव कर , उनके विधायक के सभी वेतन , भत्ते , जो सुविधाएँ , जो लाखों रूपये प्रतिमाह की सरकार इसलिए देती है , के वोह लोग , लोकतान्त्रिक तरीके से अपने क्षेत्र के लोगों के हक़ की बात , विधानसभा में कहें , उन पर दबाव बनाये , के  जब तुम अनुपस्थित हो , जब तुम अनुपस्थित हो , जब तुम गैर ज़िम्मेदार हो , कामचोर हो  ,,  कर्त्तव्यविहीन हो , तो फिर , तुम्हे अपना वेतन , भत्ते , और सुविधाएं लेने का हक़ नहीं है ,, उनसे उनका वेतन फिर राजकोष में जमा करवाओ , उनकी लापरवाही ,  कर्त्तव्यविहीनता के लिए उनसे माफ़ी मंगवाओ , ,, और यह जो अन्ना समर्थक भाजपा के समर्थक किसानों को बहका रहे हैं , उकसा रहे हैं , उनसे पूंछो के किसान की तो एक इंच ज़मीन भी नहीं जा रही , किसान की तो ज़मीन के भाव बढ़ रहे हैं , किसान को शहरी आधारभूत ढाँचे की सुवीधाएँ मिलने वाली हैं , तो फिर उन्हें झूंठ बोलकर आंदोलन के लिए भाजपा के अन्ना समर्थकों द्वारा उकसाया क्यों जा रहा हैं , , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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