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09 अगस्त 2023

फ्लाइंग किस का मतलब क्या होता है?, संसद और झालावाड़ के फ़्लाइंग किस को लेकर फ़र्क़ केसा , ,नफरत के खिलाफ मोहब्बत की दूकान का संकेत है राजनितिक , सिर्फ राजनितिक फ़्लाइंग किस ,,

फ्लाइंग किस का मतलब क्या होता है?, संसद और झालावाड़ के फ़्लाइंग किस को लेकर फ़र्क़ केसा , ,नफरत के खिलाफ मोहब्बत की दूकान का संकेत है  राजनितिक , सिर्फ राजनितिक फ़्लाइंग किस ,,
एक फ्लाइंग किस (flying kiss) काफी लंबे टाइम तक याद के तौर पर बनी रहती है. माथे पर अगर आप किस करते हैं तो ये अपनेपन का एहसास दिलाती है. ये एहसास दिलाती है कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और हमेशा ही रहूंगा. ये किस का तरीका दरअसल एक अटूट वादे (forehead kiss) की तरह होता है. यह गूगल बाबा का ज्ञान है , ,
संसद से लोकसभा सदस्य्ता  जल्दबाज़ी में निलंबित करने के ,बाद  एक बढ़ी सुप्रीम जंग जीत कर आये ,, राहुल गांधी का संसद में आना , उनका भाषण देना , भाजपा के  लोगों को हज़म नहीं हो रहा है , भाजपा ,, इंडिया गठबंधन और राहुल गांधी की सुप्रीम जीत से घबरा गई ,है  आने वाले लोकसभा चुनाव में , भाजपा के पास , रोज़ी रोटी ,, कपड़ा ,, मकान ,, क़ानून व्यवस्था ,  निष्पक्ष इन्साफ के मुद्दे तो हैं ही नहीं , ऐसे ,में  अब वोह अगला चुनाव कैसे जीतेंगे इसके लिए , जो वोह  कर रहे हैं , दुनिया देख रही हैं , आगे भी , मंसूबे साफ़ है , ,लेकिन राहुल गांधी , नफरत के इस माहौल में मोहब्बत की दूकान ,,, खोल कर आये है,, और मोहब्बत की इस दूकान ,से  ,, भाजपा नाराज़ ,है  उसने ,, इस दूकान को बंद  करने के लिए पूरा दम खम लगाया ,, लेकिन सुप्रीमकोर्ट , ,ने ,, भाजपा के मंसूबे ,, इन्साफ देकर ,,,,,तार तार कर दिए ,,नतीजा ,, बोखलाहट तो होना ही , थी ,, लोकसभा में राहुल  गांधी की उपस्थिति ,, और मिस यू ,, का प्रतीक ,, में आपके साथ रहना चाहता हूँ , का  प्रतीक फ़्लाइंग किस ,, को   बतंगगढ़ ,बनाकर , बखेड़ा खड़ा करने , और अविश्वास मत से ,, देश  का ध्यान हटाने ,, मणिपुर की निर्वस्त्र महिलाओं के अपमान को छुपाने ,, को लेकर, मणिपुर की निर्वस्त महिलाओं की लज्जा भंग करने के मामले में ,चुप्पी साधे बैठी महिला नेत्रियां ,, दोहरा किरदार निभा रही हैं , नैतिकता , है तो मणिपुर में महिलाओं के ,अपमान पर एक शब्द तो बोलो , मणिपुर मामले में , अविश्वास प्रस्ताव , नाकामयाबी के मामले में , महिलाओं  के हक़ में, नैतिकता के नाम पर, अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट तो डालो , ,लेकिन मणिपुर की महिलाये , जिनके  मामले सुप्रीम कोर्ट तक ने अफ़सोस ज़ाहिर किया है , एक्शन लिया ,है  लेकिन अफ़सोस इन महिला नेत्रियों ने ,  अफ़सोस जताना तो दूर ,, एक शब्द भी महिला शक्ति के सम्मान में ,, उनके अपमान करने वालों , और क़ानून व्वयस्था के मामले में नाकाम होने वालों , खासकर देश में राजधर्म निभाने वाले प्रधानमंत्री महोदय की चुप्पी ,पर  नज़र अंदाज़ी पर , एक शब्द भी नहीं बोला है , देश देख रहा ,है  नैतिकता , और अनैतिकता के सवालों को , देश परख रहा है , खेर अपना अपना ज़मीर है , परवरिश है ,, लेकिन राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में आये थे , तब झालावाड़ में ,, भाजपा के कार्यर्कताओं ने राहुल गाँधी का विरोध किया ,, नारे बाज़ी की , तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार , कांग्रेस की सरकार नियंत्रित पुलिस का दुरूपयोग नहीं किया ,गया  ,, भाजपा नेताओं को , नारेबाजी की लोकतान्त्रिक आज़ादी दी गई और राहुल गांधी ने , मुस्कुरा  कर,ऐसे विरोध करने वालों को फ़्लाइंग किस दिया , तब इस मीडिया ने इस खबर को , फ़्लाइंग ,किस  सकारात्मक खबर के रूप में पेश ,की  लेकिन अब , मैनेज्ड मिडिया , ,हुक्म की गुलाम मीडिया ,, इस तरह के फ़्लाइंग किस के , दस मतलब बता रही है ,, मामले को , एक नौकरी की तरह से तूल दे रही है , ,खेर नौकरी है , पेट का सवाल है , लेकिन देश का सवाल भी तो है , अरे भाई , तुम पढ़े लिखे नहीं हो , पढ़े लिखे हो , तो अगर समझदार नहीं हो , समझदार हो , तो अगर गुमराह हो , अगर तुम्हारे गले में , पट्टा डाला हुआ है , तुम अगर भटक जन , हो तो प्लीज़ , तुम ज़रा आंखे तो खोलो , ,तुम्हे ज्ञान नहीं है , तो गूगल बाबा से ही अब तक , फ़्लाइंग किस पर जो ज्ञान बांटा गया है , पूंछ लो ,, फ़्लाइंग किस का मतलब , आवारागर्दी , किसी के साथ  छेड़छाड़ नहीं होता , ,, एक भरोसा होता है ,, एक अपनापन होता है , , गूगल बाबा जी बताते हैं ,, फ्लाइंग किस का मतलब क्या होता है?
एक फ्लाइंग किस (flying kiss) काफी लंबे टाइम तक याद के तौर पर बनी रहती है. माथे पर अगर आप किस करते हैं तो ये अपनेपन का एहसास दिलाती है. ये एहसास दिलाती है कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और हमेशा ही रहूंगा. ये किस का तरीका दरअसल एक अटूट वादे (forehead kiss) की तरह होता है., यानी , भाजपा की सभी कोशिशों के बाद भी , ,राहुल गाँधी ,, सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम जीत के साथ जब , लोकसभा में पहुंचे हैं , और भाषण देकर जा रहे हैं , तो  उनका प्रतीकात्मक विश्वास है , भरोसा है , अपनेपन का अहसास है , , ज़ालिमों के खिलाफ मज़लूमों के लिए संघर्ष का वायदा है , नफरत के खिलाफ मोहब्बत , मोहब्बत ,, मणिपुर की महिलाओं के साथ ना इंसाफ़ी , के बावजूद भी , प्रधानमंत्री महोदय की चुप्पी, सरकार द्वारा एफ आई आर में देरी , लेटलतीफी , लापरवाही , इन सब के मामले में , एक भरोसा है , के में हर ज़ुल्म के खिलाफ , मज़लूमों के साथ , उन्हें इन्साफ दिलाने के लियें खड़ा हूँ ,, और यह सब , भरोसा जब राहुल गांधी संसद के सांसदों को दिलाते है , के वोह सिर्फ इन्साफ के साथ हैं , ,मोहब्बत के साथ हैं ,, तो फिर , ,वहां दो पक्ष होते हैं , एक ,तो  ज़ुल्म ज़्यादती पर चुप्पी रखने वाले , और एक ज़ुल्म ज़्यादती पर इन्साफ का संघर्ष करने वाले, , जिनके तरीके , देश देख रहा है ,, , लेकिन देख रहा ,है  समझ नहीं रहा है ,, अख़बारों में नहीं पढ़ रहा है , न्यूज़ चेनल्स में , नहीं देख रहा है , न्यूज़ चेनल्स बहस में , लाइव नहीं सुन रहा है ,,  लेकिन आज नहीं तो कल,, यह देश , इस देश का हर नागरिक , नफरत के खिलाफ इस मोहब्बत की जंग के फार्मूले को , में हूँ ना ,, के फ़्लाइंग किस ,, नारे के साथ समझेगी ज़रूर ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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