कोटा सहित देशभर में क्रेडिट सोसायटियों के नाम पर अरबों रूपये के घोटाले
जाँच कर सज़ा दिलवाने की जरूरत
आम जनता के अरबों रूपये ऐंठ लिए और फिर खाकर फरार
अख्तर खान अकेला
कोटा। कोटा सहित राजस्थान और देश भर में क्रेडिट सोसायटियों के नाम पर अरबों अरब रूपये के घोटाले हैं , केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त इन सोसायटियों में अपराधियों के नाम पते तक ठीक नहीं है , अकेले कोटा में , डेढ़ हज़ार से भी ज़्यादा , इस तरह के मामलों में , सहकारिता विभाग ने , कोर्ट में परिवाद पेश कर , दोषी लोगों को सज़ा दिलवाने की प्रार्थना की है , अगर कोटा के पत्रकार , जांबाज़ पत्रकार, इस मामले में सहकारिता विभाग , ठगे हुए परिवारों , और सहकारिता में , केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त ,, इन सोसायटियों के निदेशक , पदाधिकारियों के नाम पते तलाश कर, नियमित , फॉलोअप के साथ , सहकारिता मंत्री , मुख्यमंत्री , ग्रह मंत्री , केंद्रीय सहकारिता मंत्री , केंद्रीय ग्रह मंत्री , प्रधानमंत्री के वर्जन , उनकी चुप्पी , खामोशी , या एक्टिवनेस की खबर भंडाफोड़ करेंगे , तो , लाखों लाख लोगों को इंसाफ मिल सकेगा, और यह घोटाला देश का अब तक सबसे बढ़ा घोटाला साबित होगा , जिसमे , देश के बढे बढे सफेद पॉश , लोग शामिल ,निकलेंगे केंद्र सरकार की ई डी , सी बी आई, इनकम टेक्स सहित कई एजेंसियों को भी इस मामले ,में घोटालेबाज़ों की परत दर परत खोलने के लिए , जाँच कर सज़ा दिलवाने का धर्म निभाना ज़रूरी है , ,,
माननीय प्रधानमंत्री , केंद्रीय गृहमंत्री के नियंत्रित , ई डी और सी बी आई , अगर , कोटा सहित पुरे राजस्थान में , चल रही केंद्रीय मान्यता प्राप्त क्रेडिट सोसायटी घोटालों की जांच कर ले , तो अरबों अरब नहीं खरबों खरब रूपये के घोटाले सामने आएंगे , और केंद्र सरकार से मान्यता लेकर, , कोटा सहित राजस्थान के गरीब , ज़रूरतमंदों के खरबों खराब रूपये , हड़प कर घोटाला करने वाले , केंद्रीय मान्यता प्राप्त को ऑपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारी जेल की सींखचों के पीछे होंगे ,, जबकि , राजस्थान सरकार सहित केंद्र को ऑपरेटिव सोसायटी के हिस्सेदार भी इस मामले में ,जेल में होंगे , यक़ीनन सोसायटियों के इस घोटालें में केंद्र सरकार हो या फिर प्रदेश की सरकारें गंभीर नहीं है , , एक पेंशन शुदा व्यक्ति , एक रोज़ रोज़ , जोड़कर , अपना घरोंदा बनाने का सपना देखें वाला ज़रूरत मंद , आम आदमी , मज़दूर , किसान , सभी दर्जे के लोग , इन क्रेडिड सोसायटियों में भविष्य का सपना संवारने की ख्वाहिश में इन्वेस्ट करते है , और यह सोसायटी से जुड़े लोग , ऊँचे ओहदेदारों , सरकार के ज़िम्मेदारों से सांठ गांठ करते हैं , गलत पत्तों के आधार पर ,सोसायटी बनाते हैं , ,प्रदेश के बाद केंद्रीय क़ानून के तहत केंद्र से अनुमति , मान्यता प्राप्त करते हैं , और वर्ष 2019 में क्रेडिट सोसायटियों द्वारा किसी भी प्रकार के लेनदेन को बेन करने के बाद भी ,, इन सोसायटियों ने , केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारीयों ,, सियासी लोगों , के अप्रत्यक्ष सहयोग से , ,आम जनता के अरबों अरब रूपये ऐंठ लिए और फिर खाकर फरार हो गये है , सभी इन्वेस्टर जमाकर्ता , गरीब मध्यम परिवारों के हैं , , जिनमे से कई लोग तो आत्महत्या करने को मजबूर है , तो कई लोगों के खाने के लाले पढ़े हैं , ,अकेले कोटा में , डेढ़ हज़ार से भी ज़्यादा ऐसे परिवाद कोर्ट में पेश हुए हैं , जिनमे , दर्जन भर सोसायटियों ने , आम जनता के अरबो अरब रूपये डकार लिए हैं , खुद को बचाने के लिए , खुद को कर्तव्यबद्ध साबित करने की साक्ष्य दिखाने के लिए ही सही , लेकिन कोटा के सहकारिता अधिकारीयों ने , इस मामले में , सेशन न्यायालय में , डेढ़ हज़ार से भी ज़्यादा परिवाद पेश किये है , जिनमे घोटाले ही घोटाले के आरोप हैं , और ऐसे घटालेबाज़ों को सज़ा दिलवाने की गुहार लगाई गई है ,, देश और राजस्थान , खासकर कोटा के पत्रकारों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए , देश के पत्रकार अगर हिन्दू मुस्लिम छोड़कर , ईमानदारी से सिर्फ इस क्रेडिट सोसायटी घोटाले की इन्वेस्टिगेशन में लग जाएँ , तो देश के पांच करोड़ परिवारों को , अरबों अरब रूपये के घोटाले खुलने से इन्साफ मिल ,सकेगा जबकि , हज़ारों हज़ार लोग ,जिनमे अधिकारी , मंत्री , विद्यायक , , मिडिल क्लास उद्योपति , सांसद पूर्व मंत्री , सेवानिवृत शीर्ष अधिकारी , उनके रिश्तेदार पत्नी , साले , बच्चे , वगेरा कुछ मुख्यमंत्री , सहकारिता मंत्री , सहकारिता अधिकारी , तक , जेल की सींखचों में ,होंगे लेकिन ऐसा करे कौन ,, सरकारें तो मिली हुई हैं , अधिकारी कुछ करते नहीं , परिवाद अगर पेश भी हों , तो सोसायटी के ज़िम्मेदारों के नाम पते सही नहीं ,हैं तो उन्हें तलाशेंगे कैसे ,, राज्य के अधिकारी कहते हैं , के यह तो राज्य के क़ानून के तहत नहीं , केंद्र के क़ानून के तहत संचालित ,है केंद्र सरकार ही इसमें कुछ कर सकती है , और केंद्र की एजेंसी कहती हैं , हमने तो मान्यता दी है , राज्य ही इन घोटालेबाज़ों के खिलाफ कार्यवाही ,करे कुल मिलाकर, देश की जनता , अपनी गाढ़ी कमाई के अरबों अरब रूपये गंवाकर,, खून के आंसू रो रही हैं , और केंद्र सरकार की एजेंसियां , राज्य सरकारों की एजेंसियां , ज़िम्मेदार अधिकारी इसलिए मज़े कर रहे हैं , के उन्हें जगाने वाले पत्रकार भी सो रहे ,हैं वोह सजग नहीं है , सतर्क नहीं है, कई पत्रकारों के , परिजन भी इन घोटालों के शिकार भी ,हैं तो इन घोटालों में भी , शीर्ष पत्रकारों के रिश्तेदार शामिल ,हैं क्रेडिट सोसायटियों के इस घोटाले का पोस्टमार्टम पत्रकारिता के माध्यम से होना ही चाहिए , क्योंकि ई डी , सी बी आई का कर्तव्य ऐसे घोटालेबाज़ों को पकड़ना है , वोह तो अभी तक इस मामले ,में मैदान में नहीं है , उसने कोई पहल नहीं की है , क्योंकि इनकी कमान , केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री और ग्रह मंत्री के हाथ में हैं , जिनकी मर्ज़ी के बगैर वोह कुछ करने की स्थिति में हैं नहीं , और यह लोग , आम जनता के इस दर्द के बारे में , सोचते ही नहीं , ऐसे घोटालेबाज़ों को दंडित करवाने के मामले में उन्हें कोई , दिलचस्पी है ही नहीं , बस यह घोटालें , अख़बारों की चुप्पी , न्यूज़ चेनल्स की मुख बधिरता की वजह से ढके हुए हैं ,, , अकेले कोटा ,में आदर्श कोऑपरेटिव सोसायटी सोसायटी के , वीरेंद्र मोदी , रोहित मोदी , विवेक पुरोहित , भारत दास वैष्णव , ईश्वर सिंह सिंघल , ललिता राजपुरोहित , समीर मोदी , प्रियंका मोदी , वैभव लोधा ,, भारत मोदी , कमलेश चौधरी , राजेश्वर सिंह , राहुल मोदी , मुकेश मोदी के विरुद्ध ,,, इसी तरह संजीवनी कॉपरेटिव सोसायटी के श्रीमती विनोद कंवर , उषा कंवर , खीम कंवर ,टीकम चंद , जोगाराम नरेंद्र , , सम्पतराम जुझाराम , चैतन्य रामावत , खेमचंद , चौधरी बाबू भाई ,,के खिलाफ ,,,नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के ,,गिरधर सिंह सोडा ,,किशोर कुमार दुलानी ,बी एल सेठी , मंगल व्यास , राजेश कुमार ,, नक्कट सिंह ,सुखदेव सिंह परमार , रामजीभाईअ कछाड़िया , मदन लाल पुरोहित , निर्मला देवी ,, लच्छा कंवर ,,,,के विरुद्ध ,, सहारा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी के , देवेंद्र कुमार , सुधीर कुमार , अवधेश कुमार विजेंदर कुमार , गजेनर नाथ , लक्ष्मीकांत , पूजा शर्मा , प्रलय कुमार , संजय कुमार , अनुयज लता , बच्चा झा , लालजी वर्मा , नीरज कुमार , प्रशांत कुमार , हफीजुल्ला हुसैन , आर रामा , विजय कुमार ,, करुणेश के विरुद्ध , , दी बेनिंग ऑफ़ अनरेगुलेटेड डिपाजिट स्किम क़ानून 2019 की धारा 4 /22 के तहत सैकड़ों परिवाद सहकारिता अधिकारी कोटा ने पेश कर रखे हैं , उक्त अपराध ,में अधिकतम सात साल की सज़ा , पच्चीस लाख तक के जुर्माने की सज़ा है , लेकिन ऐसे अपराधियों की तामील कैसे होगी , पकड़ कर कौन लाएगा , इनका पता पत्रावलियों में ,हैं उन पतों पर यह रहते भी हैं या नहीं , कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है ,, उक्त बेनिंग क़ानून के बावजूद भी कोटा में कई सोसायटी ,, इस के उलंग्घन में लेनदेन का काम कर रही है , लेकिन सहकारिता विभाग , केंद्र सरकार के विभाग , राज्य सरकार के विभाग खामोश बैठे हैं ।
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