आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

13 जुलाई 2023

कांग्रेस प्रभारी , रंधावा के विरुद्ध , विधायक मदन दिलावर के परिवाद के विरुद्ध निगरानी याचिका पर सुनवाई ,24 जुलाई तक टली

 कांग्रेस प्रभारी , रंधावा के विरुद्ध , विधायक मदन दिलावर के परिवाद के विरुद्ध निगरानी याचिका पर सुनवाई ,24  जुलाई तक टली
कोटा 13 जुलाई ,, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के विरूद्ध ,, विधायक मदन दिलावर द्वारा दर्ज परिवाद के विरुद्ध निगरानी याचिका में , न्यायालय ने , चार मुख्य बिंदु निर्धारित कर , उक्त बिंदुओं पर , दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को  पुन बहस करने के निर्देश दिए है , निर्धारित 4 बिंदुओं पर बहस करने के लिए,, न्यायालय हे आगामी पेशी ,24 जुलाई नियत की है ,,,,
अपर लोक अभियोजक अख्तर खान अकेला ने बताया की , विधायक मदन दिलावर ने अधीनस्थ न्यायलय ,में  कांग्रेस प्रदेश प्रभारी , सुखजिंदर सिंह रंधावा के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी के मामले में , राजद्रोह सहित संगीन धाराओं में मुक़दमा दर्ज करने के लिए परिवाद पेश किया था ,जिसे अधीनस्थ न्यायालय ने संबंधित थाने को मुक़दमा दर्ज करने के आदेश दिए थे , ,उक्त आदेश के विरुद्ध थानाधिकारी , महावीर नगर , सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरफ से दो अलग अलग निगरानी याचिकाएं पेश हुईं , जो वर्तमान में  माननीय न्यायलय अपर जिला जज क्रम 5 के यहां विचाराधीन है , उक्त दोनों निगरानी याचिकाओं में , सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक , अख्तर खान अकेला , लोक अभियोजक राजेश शर्मा, अतिरिक्त महाधिवक्ता , जी एस राठोड , सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरफ से , कुलदीप सिंह पुनिया , ने पैरवी की थी जबकि , मदन दिलावर की तरफ से , मनोज पूरी , थानाधिकारी महावीर नगर की तरफ से मनु शर्मा ने पैरवी की थी , [अख्तर खान अकेला ने बताया की पत्रावली आज , अंतिम बहस के बाद ,निर्णय हेतु नियत थी , किन्तु माननीय न्यायालय ने पत्रावली के अवलोकन के बाद ,, याचिका में कुछ बिंदुओं के निर्धारण पर बहस दुबारा से सुनकर याचिका को निर्णीत करने के तहत मुख्य रूप से चार बिंदु निर्धारित किये है  ,, जिनपर सभी पक्षों को  अपना अपना पक्ष रखने के लिए , माननीय न्यायालय ने , आगामी पेशी , 24 जुलाई नियत की है , बहस  नहीं करने की स्थिति में भी  न्यायालय निर्णय देगा ,, माँननीय  न्यायालय ने निर्धारित बिंदुओं में , क्या मोदी ,, पदनाम प्रधानमंत्री श्री  नरेंद्र मोदी स्टेट की परिभाषा में आता है ,,,,, क्या पुलिस के द्वारा विचरण न्यायलय के आदेश की रिविज़न किये जाने से अनुसंधान पर प्रश्नचिन्ह लगने से ,अनुसंधान प्रभावित होने की श्रेणी में आता है , , क्या अनुसंधान एजेंसी परिवाद में अंकित धाराओं तक ही जांच करने हेतु सिमित है या बादपरिवाद अवलोकन अतिरिक्त धाराओं में भी जांच कर सकती है  ,,,,क्या विचारण न्यायालय के आदेश में किसी भी प्रकार का परिवर्तन / हस्तक्षेप किये जाने में रिविज़न न्यायालय द्वारा धरा 482 दंड प्रक्रिया संहिता की परिधि में आने वाली माननीय उच्च न्यायालय की शक्तियों का उयपयोग तो नहीं किया जा रहा है , ,  अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...