गुदड़ी के लाल का कमाल,
संघर्षों को पार कर कायम की सफलता की मिसाल*
कोटा। सुदूर राजस्थान के बारां जिले की एक तहसील है छबड़ा । इसी तहसील में एक छोटा सा गांव है गोडिया महर।
कुछ समय पहले तक राजस्थान के अन्य कई गांवों की तरह यह छोटा सा गांव भी आसपास के क्षेत्रों में मुख्यतया खेती के लिए जाना जाता था । परंतु 18 जून को कुछ ऐसा हुआ कि इस गांव को एक नई पहचान मिली। इस दिन जब जेईई एडवांस्ड 2023 का रिजल्ट आया तब यहां के एक लाल ने आईआईटी में प्रवेश के लिए होने वाली इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता अर्जित करके अपने गांव की आने वाली सभी पीढ़ियों के लिए शैक्षणिक उपलब्धि का एक नया मानक स्थापित कर दिया। यह इस गांव के इतिहास में प्रथम बार होगा जब वहां का कोई बेटा किसी आईआईटी में प्रवेश लेगा।
जिस विद्यार्थी ने यह कारनामा कर दिखाया उनका नाम है बिपिन मीणा। बिपिन मीणा एक साधारण परिवार से आते हैं - पिता श्याम बाबू मीणा खेती का कार्य करते हैं और माता अशोक मीणा एक ग्रहणी हैं। पिता ग्रेजुएट है और माता दसवीं पास। परिवार में पांच भाई और एक बहन है जिसमें सबसे छोटे बिपिन स्वयं हैं।
बिपिन ने प्रारंभिक पढ़ाई छबड़ा के प्राइवेट स्कूल से पूर्ण की और मेहनत करते हुए कक्षा दसवीं में 88% अंक अर्जित किए। स्वयं के प्रयासों को विराम नहीं देते हुए बाद में कक्षा 12वीं में भी 77.4 प्रतिशत अंक अर्जित किए।
कुछ कर पाने की चाह के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए बिपिन को साथ मिला उनके चाचा श्री लक्ष्मण मीणा का जिन्होंने पढ़ाई का सारा भार उठाया। बिपिन को आर्थिक और मानसिक संबल प्रदान करने के साथ-साथ उनके चाचा ने ये भी सुनिश्चित किया कि बिपिन को प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा के लिए भी जो कदम उठाने हैं वह निःसंकोच उठा पाए।
इस कार्य में बिपिन को अपने बड़े भाई का भी पूर्ण मार्गदर्शन मिला जिन्होंने बिपिन को आईआईटी में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित किया।
अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए बिपिन 2021 में कोटा आए।
बिपिन ने कक्षा 11वीं में स्कूल के साथ-साथ रेजोनेंस में एडमिशन लिया और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए राजस्थान सरकार की अनुप्रति योजना के अंतर्गत आर्थिक अनुदान के लिए आवेदन किया। उस समय विपिन का चयन इस योजना में नहीं हो पाया परंतु रेजोनेंस की स्कॉलरशिप योजना की सहायता से इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। कक्षा 12वीं में आने के बाद पुनः अनुप्रति योजना में सफलतापूर्वक आवेदन किया और इसके उपरांत लगनपूर्वक अपनी पढ़ाई में स्वयं को समर्पित कर दिया।
कोटा में रहकर 2 साल तक तैयारी करते हुए वर्ष 2023 में घोषित जेईई एडवांस्ड के परिणामों में एआईआर 6590 अर्जित की और एसटी कैटेगरी के अंदर 61 वी रैंक हासिल की।
बिपिन का प्रयास यह है कि उन्हें एक बेहतरीन आईआईटी में कंप्यूटर साइंस अथवा इलेक्ट्रिकल ब्रांच मिले।
बिपिन ने बताया कि वो ये भी चाहते हैं कि अपने गांव के अन्य बच्चों को भी उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करें, विशेषकर आईआईटी के लिए। बिपिन का यह मानना है कि हार्ड वर्क अथवा अथक परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। वो ये भी कहते हैं कि अगर अथक परिश्रम के साथ-साथ उच्च कोटि की फैकल्टी और बेहतरीन शिक्षण के रूप में मार्गदर्शन भी उपलब्ध हो जाए तो सफलता प्राप्त नहीं होने का कोई कारण नहीं है।
अपनी इस बेहतरीन सफलता से इस गुदड़ी के लाल ने यह साबित किया है कि अभावों और मजबूत हौसलों की लड़ाई में विजयश्री सदैव ही बुलंद हौसलों का वरण करती है।
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