आदरणीय सम्मानीय नरेंद्र मोदी साहिब प्रधानमंत्री भारत सरकार ,, सादर , प्रणाम,अभिनंदन , आपको सोशल मीडिया की आज़ादी और निरंकुशता को सदभाविक रूप से , राष्ट्रहित में , व्यवस्थित करने के कुछ सुझाव मेने पूर्व में भी दिए थे , लेकिन निरकुंश प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में से कुछ पॉकेट मीडिया की काऊ काऊ , के आगे , इस तरफ ध्यान नहीं गया ,,कुछ कार्यवाही हुई भी तो वोह नगण्य जैसी रही ,, आदरणीय अब वक़्त आ गया है , जब देश को देश की तरह से चलाया जाए , देश को क़ानूनी बंधनों , संवैधानिक मर्यादाओं के साथ आगे बढाया जाए , सच बोला जाए , सच लिखा जाए , झूंठ , फरेब , अफवाहों पर विराम लगाया जाए , ऐसे करने वाले गैंगेस्टर मिडिया कर्मी हो , पोलिटिकल कर्मी हो ,, सरकारें बनाने , गिराने के लिए नियुक्त , न्यूज़ चैनल कर्मी हो , मीडिया ,, या किसी भी राजनितिक दल का कोई भी वर्ग हो , उन पर अंकुश लगाकर , देश को आगे बढ़ाने के बारे में क़दम उठाना ही होगा , आदरणीय यह ट्विटर , यह सोशल मीडिया , फेसबुक ,वाट्सअप नहीं होते ना ,, तो अब तक तो यह काऊ काऊ , पॉकेट मीडिया देश को बर्बाद कर चूका होता , आपने देखा होगा ना ,, पिछली कोरोना की लहर में किस तरह से कोरोना के लिए एक जमात को ज़िम्मेदार ठहराया गया , काऊ काऊ , बकवास की गयी , देश भर में माहौल नफरत का कर दिया गया , मुक़दमे दर्ज हुए , नफरत फैलाई गयी , सड़को पर , सब्ज़ी वालों से ,, ठेले वालों से , धर्म पूंछ कर मारिपीट हुई , लेकिन जब ,, आपके अधीनस्थ ज़िम्मेदारों ने , राजधर्म नहीं निभाया , ऐसे निरंकुश काऊ काऊ मीडिया की नाक में क़ानूनी नकेल नहीं डाली , तब सोशल मीडिया ने सच उजागर किया ,तब सुप्रीमकोर्ट , हाईकोर्ट ने , संज्ञान लिया , मीडिया काऊ काऊ के दबाव में जो मुक़दमे हुए ,, वोह ख़ारिज हुए ,, इतना ही नहीं , ऐसे मिडिया के न्यूज़ चेनल्स को , हाईकोर्ट , सुप्रीमकोर्ट की खुली लताड़ भी मिली ,, सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने , लगाम कसने के निर्देश हुए , लेकिन , कुछ चेनल्स ,कुछ मिडिया कर्मी तो , आज क़ानून जेब में लेकर चलते है , वोह सरकार के समर्थन के नाम पर , कुछ भी गंदगी फैलाने की हिम्मत रखते फहमी रखते है , , कोई क़ानून ,, कोई विधानं , कोई अधिकारी उन लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही करने वाला नहीं , और फिर धरातल पर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही होती हुई दिखती भी नहीं ,, , बढ़ा अफ़सोस होता है ,जब यह गुस्सा ,सोशल मीडिया पर ऐसे मीडिया कर्मियों के खिलाफ गालियों के रूप में फूटता है , अफ़सोस होता है ,जब सोशल मिडिया पर , आदरणीय प्रधानमंत्री , सहित , पक्ष विपक्ष के लोगों को बुरा भला कहा जाता है , ,निश्चित तोर पर , हमारे देश में ऐसे मामलों को प्रतिन्धित करने के , क़ानून है ,, संविधान है ,, लिखने , बोलने की आज़ादी है , लेकिन लिखने बोलने की आज़ादी के साथ , निर्विवाद रूप से , सम्मानित तरीके से जीने का अधिकार भी हर नागरिक को है , अब अगर कोई कुछ भी बिना प्रमाण के कोई भी बकवास किसी के लिए भी कर दे तो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता , आपको कोई कुछ भी लिख दे ,सोनिया जी ,, राहुल जी , आप आदरणीय नरेंद्र मोदी जी , अमित शाह जी , वगेरा वगेरा सभी को , कोई भी कुछ भी बकवास कर दे , क़ानून अपना काम नहीं करता ,, जिला कलेक्टर्स की , केंद्र सरकार के ज़िम्मेदारों की कोई भी जवाबदारी नहीं है , आदरणीय सुचना प्रसारण ,मंत्रालय सहित ऐसी व्यवस्थाओं को कंट्रोल करने वाली सभी संस्थाए बिलकुल मृत प्राय हो गयी है ,, आपके समर्थकों को सोनिया जी , राहुल जी को गाली देना अच्छा लगता है , सोनिया जी ,राहुल जी के समर्थकों को आपको बुरा भला कहना अच्छा लगता है , लेकिन एसे क़ानून अम्ल में लाकर इस छिछालेदारी और अंकुश नहीं लगाने से ,, से देश तो गर्क में जा रहा है ,, कोई भी न्यूज़ चैनल आता है , हर न्यूज़ में , हर घटना में ,, हिन्दू मुस्लिम ऐंगल घुसा देता है ,, हिंदुस्तान पाकिस्तान , बना देता है ,, एक हिन्दुस्तांनी नागरिक का सम्मान सुरक्षित रखना आपका राजधर्म है ,, लेकिन रोज़ सरे राह इन चेनल्स द्वारा हर किसी का मान मर्दन किया जाता है , जातियां , पीडियां बखान की जाती है , चुनाव के लिए आखिर यह नफरत का खेल कब तक , अगर यह चल रहा है , तो यक़ीनन इसमें , आपकी सरकार के ज़िम्मेदार ,, पूरी तरह से दोषी है ,, देश का कोई भी नागरिक , चाहे किसी भी धर्म , मज़हब का हो , चाहे वोह , निचले स्तर का मज़दूर हो , चाहे उद्योपति हो , चाहे नेता हो ,चाहे विधायक ,, सांसद हो , मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री हो , ,सभी का सम्मान इस देश में बराबर है , और मिडिया चाहे , प्रिंट वाला हो , चाहे ,इलेक्ट्रॉनिक वाला हो , चाहे सोशल मीडिया हो , चाहे रुमर यानी कानफुसी वाला मीडिया हो , उसे किसी के भी अपमान की , ,नफरत फैलाने की , देश और देश के खिलाफ अराजकता का वातावरण बनाने की इजाज़त हरगिज़ नहीं दी जा सकती , सरकार का विरोध हो , लेकिन तथ्यों के साथ , प्रमाण के साथ , आंकड़ों के साथ , शालीन भाषा में ,, होना चाहिए , आप को , सोनिया जी को , राहुल जी को , और ना जाने किस किस को , इस मीडिया ने , किस किस तरह से सम्बोधित नहीं किया , दुखद हादसा है ,, इसे अगर आपने नहीं बदला तो देश कभी नहीं बदल पायेगा , देश में मीडिया को इस गंदगी से रोकने का एक नियंत्रित क़ानून होना चाहिए , देश में न्यूज़ चेनल्स , की मर्यादाएं तय हों , इनकी खबरों की भाषा , इनकी खबरों की विश्वसनीयता , और संवैधानिक विधि नियमों सहित , देश के प्रचलित क़ानूनों की मर्यादाओं में , इन पर कंट्रोल हो , और फिर किसी का बेवजह अपमान करने में , किसी भी पार्टी , या किसी व्यक्ति के साथ पक्षपात , या ,पक्ष लेने में , नफरत फैलाने में , झूंठ फैलाने में , कोई भी ज़िम्मेदार हो , उसे सज़ा मिलना ही चाहिए , हमने देखा था न , एक पत्रकार जी ने ,दो हज़ार के नॉट में ऐसी चिप बताई थी ,जो खुद रुपया कहा रखा है उसे तलाशने की दावेदारी की खबर थी , ऐसी ना जाने कितनी खबरे है , पंद्रह लाख का जुमला ही लो, ,किस तरह से भर्मित कर फैलाया गया ,, जमात ने कोरोना फैलाया , किस तरह से फैलाया गया , यह एक पैकेज प्लान जो पत्रकारिता के नाम पर दलाली के हो गए है , उन्हें आप आदरणीय को रोकना होगा ,, न्यूज़ चैनल लाइसेंस प्रक्रिया , संचालन , प्रसारण , की र्मयादाओं को लेकर , क़ानून नियंत्रित करना होगा ,, खबरें प्रकाशित , प्रसारित हों ,, , लेकिन किसी की भावनाये आहत करके नहीं ,,, किसी का अपमान करके नहीं ,अब देखिये , अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज़ को ही आतंकी बताकर एक चैनल ने प्रचार कर दिया ,, यह अपराध है , और अगर ऐसा अपराध , राजा के शासन में खुले आम होता रहे , तो इसमें या तो राजा की मौन सहमति या फिर असफलता स्वीकारित रूप से कही जाती है ,, खेर , ऐसे लोगों को अंकुश लगाने , उन्हें दंडित करने , उनके लाइसेसं निलंबित , करने ,ख़ारिज करने , जुर्माना लगाने , और ऐसे चेनल्स को बंद करने , उनके संबंधित ज़िम्मेदारों के खिलाफ फौजदारी क़ानूनी प्रक्रिया का सशक्त क़ानून होना ही चाहिए , जबकि प्रिंट मिडिया के लिए भी जवाबदारी हो , ज़िम्मेदारी हो ,, सख्त क़ानून हो ,, इसी तरह से सोशल मिडिया के लिए ,, चाहे फेसबुक हो , चाहे ट्विटर हो , चाहे कोई भी सोशल मीडिया हो , हर शख्स का आधार कार्ड , अगर ऍन आर आई है तो , पासपोर्ट नंबर , अगर विदेशी है , तो उस देश की नागरिकता का कार्ड नंबर से जो भी एकाउंट संचालित हो , उसे ही भारत में प्रकाशन के लिए परमिट किया जाए , अन्य कोई भी पोस्ट भारत में नज़र नहीं आये ऐसी तकनीक , ऐसी व्यवस्था ,,ऐसी बंदिशे , सोशल मीडिया संचालकों पर होना चाहिए , कोई भी फेसबुक , इंस्टाग्राम , ट्विटर या अन्य एकाउंट में ,अगर इस मंच का इस्तेमाल करने वाले की , यह जानकारी इनके पास उपलब्ध नहीं है , तो उसे भारत के किसी भी मंच पर एक्टिवेट रहने का अधिकार ही ना हो , भारत में , ऐसा सिस्टम हो , के इनके आलावा कोई भी दूसरे खातेदारों की पोस्ट भारत के नागरिकों को भारत के इन मिडिया मंचों पर नज़र ही नहीं आये ,,, फिर ऐसे मंचों पर अगर कोई बकवास करता है , कोई नफरत फैलाता है , ,राजनितिक द्वेषता फैलाता है , अपमानकारी , राष्ट्रद्रोही प्रचार करता है ,, तो उसके खिलाफ क़ानून में संशोधन ज़रूरी है ,,अभी ,, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा द्वारा ट्विटर पर , एक पत्र डाला जिसे कांग्रेस ने , फ़र्ज़ी , कूटरचित करारा दिया है ,, ट्विटर ने भी इसे स्वीकार किया ऐसे में ट्विटर पर गुस्सा निकालने से , अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर , हमारी साख को गिराया जा रहा है , सीधा रास्ता है , वोह जो पत्र ,, संबित पात्रा जी ने प्रकाशित किया है ,, प्रसारित किया है , उसका किसी तटस्थ सरकार के ज़िम्मेदारों से , एफ एस एल जांच करवा ली जाए , पता चल जाएगा गड़बड़ी कहाँ हुई है , अगर हुई है तो संबित पात्रा साहिब और सहयोगी टीम को जेल होना चाहिए , और अगर यह पत्र कूटरचित नहीं है , तो ऐसे पत्र जारी करने वाले के खिलाफ, क़ानूनी कार्यवाही की जाकर उन्हें जेल होना चाहिए ,, हम बिना पक्षपात के अगर देश को संचालित करने की एक दिशा की तरफ ले जाएंगे तो यक़ीनन , देश आपके ऐसे निष्पक्ष शासन को इतिहास में याद रखेगा ,, आदरणीय आज वक़्त आ गया है , देश के सम्मान की रक्षा करने का , आज वक़्त आ गया है , प्रधानमंत्री सहित सभी पदों की गरिमा की रक्षा का , किसी को भी किसी शीर्ष पद पर बैठे हुए , व्यक्ति को बिना किसी प्रमाण के , बकवास करने का , उसका नाम बिगाड़ कर , या उसके हुलिए , या निजी ज़िंदगी को लेकर उपहास करने का अधिकार नहीं होना चाहिए ,, आप बोल्ड है , आपने देश में ऐसी ताक़तों के ेखिलाफ़ा , मुक़ाबला किया है कर रहे है ,, आप निष्पक्ष शासन चलाने का मंच से हमे भरोसा दिलाते है , आप ऐसे लोगों के खिलाफ निष्पक्ष कार्यवाही करने का हमे भरोसा दिलाते है ,, इसलिए हमे आप पर भरोसा करना चाहिए , और आप भी इस भरोसे पर कुछ करके दिखाते रहे , ,, आप को ही इस गंदगी को निष्पक्षता की भूमिका निभा कर , साफ करना है , फिर कोई मीडिया प्रचारक हो , पैकेज प्रचारक हो , बिकाऊ चैनल हो , प्रवक्ता की तरह से काम कर रहे पत्रकार हो ,,, सोशल मीडिया कर्मी हों , जो भी हो , सभी को निष्पक्ष रूप से क़ानून के दायरे में लाकर , अभिव्यक्ति की आज़ादी और , जीने की आज़ादी का समन्वय , संतुलन स्थापित कर , कठोर क़ानून बनाना ही होगा ,कार्यवाही कर ऐसे उलंग्घन कर्ताओं को सज़ा देना ही होगी , जो पत्रकार , या पत्रकार के रूप में दलाली कर रहे है , उनका पर्दाफाश हो , और जो ओरिजनल राष्ट्रभक्त है , ओरिजनल पत्रकार है , उन पर निष्पक्ष ,, निर्भीक लेखन के बाद अगर कोई दुविधा आती है , कोई हमले होते है , तो ऐसे पत्रकारों को संरक्षित करने के लिए पत्रकार प्रोटेक्शन क़ानून के साथ , उनके पारिवारिक , और खुद के कल्याणकारी योजनाओं के साथ एक विशेष कोष बनाकर , जल्द क़ानून बनाने की भी ज़रूरत है ,, , आदरणीय आप इस गुज़ारिश पर विचार ज़रूर करेंगे , ऐसी आपसे अपेक्षा है ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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