टोंक रियासत की कोठी नजे तमाम, अब हेरिटेज लुक में है, जबकि यहां संचालित स्कूल की काया कल्प हुई है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस काम के लियें दिल खोलकर आर्थिक मदद कर विभिन्न मदों में, बजट दिया है, जबकि प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत इस स्कूल को पी एम श्री योजना में गोद लिया है,
हिम्मत , ताक़त और तहज़ीब, प्यार मोहब्बत , खुलूस की नवाबों की नगरी , मेरे ससुराल टोंक राजस्थान में यूँ तो कोठी ना तमाम का अपना इतिहास है , अलग अलग लोक कथाएं है , लेकिन , टोंक के उप प्राचार्य , सय्यद शाहीन अफ़रोज़ , और प्राचार्य सहित सभी के टीम वर्क ने , कोठी ना तमाम सीनियर सेकेंडरी स्कूल टोंक का कायाकल्प कर सभी टोंक वासियों को चौंका दिया है , जी हाँ दोस्तों कुछ लोग ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कहते हैं , के यह वोह कोठी है , जिसका काम हमेशा चलता रहा , लेकिन कोठी का काम तमाम ही नहीं हुआ, इसीलिए इसका नाम कोठी ना तमाम हो गया , एक ऐतिहासिक तथ्य यह भी है के टोंक स्टेट के पांचवें नवाब , सआदत अली खान ने वीरान पढ़ी ना तमाम कोठी के मामले को लेकर सभी अफवाहों को निर्मूल साबित करते हुए , इस इमारत का उपयोग करते हुए यहां टोंक स्टेट के विकास विभाग स्थापित किया था ,, उक्त विकास विभाग के प्रभारी , अधिकारी , उस वक़्त के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी , मौलाबख्श साहब को बनाया था, मोला बख्श साहब , रजबन के निवासी , थे जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड से एम एक करके आये थे , और हैदराबाद निज़ाम के यहां महत्वपूर्ण ओहदों पर काम करके आये थे , ,इतिहास ,, अफवाहें , जिन ,, भूत ,, की लोककथाएं अपनी जगह अलग हो सकती हैं , लेकिन , आज यह इदारा , राजस्थान में नवाबों की नगरी टोंक के लिए , कोठी नातमाम सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना के साथ , टोंक ज़िले में साक्षरता के अभियान से जुड़ा है , यक़ीनन इस नातमाम कोठी का कुछ भी इतिहास हो, कुछ भी , कथायें हों , लेकिन मेने भी इस कोठी ना तमाम को नज़दीक से देखी है , इसके बदलते दौर को देखा है , कुछ साल पहले , सोशल मीडिया के ज़रिये , लोगों को खुशियां बांटने वाले , हंसी मज़ाक़ ,, प्यार मोहब्बत का माहौल बनाने वाले, गुरु जी ,सय्यद शाहीन अफ़रोज़ साहब की नियुक्ति यहां हुई , उन्होंने नियुक्ति के बाद से ही , अपने वरिष्ठ लोगों के साथ , स्टाफ को मोटिवेट करना शुरू किया , ,वरिष्ठ अधिकारीयों , प्रिंसिपल की मदद लेकर, भामाशाहों की मदद लेकर , इस स्कूल के भवन की रंगाई पुताई सहित कई सोंदर्यकरण योजनाएं चलाई , सय्यद शाहीन अफ़रोज़ खुद , पर्यावरण प्रेमी इसलिए इनके प्रयासों से , प्रिंसिपल के मोटिवेशन से , कोठी ना तमाम में , हरे पेड़ लगाए गए , फुलवारी लगी , बढे अलग अलग क़िस्म के खूबसूरत पेड़ लगे , जो आज हरियाली भी दे रहे हैं , और स्कूल परिसर के खूबूरति भी बढ़ा रहे हैं , इस स्कूल का नाम बहुत लोग है , जो सिर्फ शाहीन अफ़रोज़ के सोशल मिडिया एकाउंट से जुड़े होने के कारण जान सके हैं , स्कूल की हर गतिविधि का अपडेट , स्कूल की एजुकेशन क्वालिटी में उत्तरोत्तर वृद्धि , छात्रों में अनुशासन , पढ़ाई में अव्वल आने का कम्पीटिशन भाव , खेलकूद की तरफ रूहझान ,, ऍन सी सी की तरफ छात्रों का झुकाव , एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी से जुड़ाव , तो हुआ ही सही , पढ़ाई का स्तर सुधरा, वी आई पी मूवमेंट स्कूल में शुरू हुआ , गांधी दर्शन कार्यक्रमों की शुरुआत हुई , सय्यद शाहीन अफ़रोज़ सहित स्कूल स्टाफ के प्रयासों से कोठी ना तमाम स्कूल में , आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित , प्रयोगशालाएं तय्यार हुईं ,भवन का रंग रोगन , टाइल्स , पत्थर , लाल पत्थर का खूबसूरत काम , वृक्षारोपण , पेड़ों के गमलों की खूबसूरती , स्टाफ और बच्चों के लिए बहुउपयोगी , लाइब्रेरी , एक स्कूल को खूबसूरत बनाने , खेलकूद , प्रतियोगिताएं , शैक्षणिक गतिविधियों में परस्पर प्रतिस्पर्धा के साथ , कोठी ना तमाम , अब हर मामले में चर्चा में हैं , लोगों की जुबां पर है , कमोबेश इसके लिए , सय्यद शाहीन अफ़रोज़ ,, की महनत , इनका प्रचार , इनका मोटिवेशन , कार्यव्यवहार का ही नतीजा है , जो , एक असम्भव काम कोठी ना तमाम का हर कार्यक्षेत्र में अव्वल तमाम काम सम्भव हो सका है , इस तरह के मोटिवेशन राजस्थान के हर स्कूल के अध्यापकों द्वारा टीम भाव से मिलजुलकर बिंदास तरीके से करते रहना चाहिए , ताकि , हर शहर , गांव के स्कूल भी इसी तरह , से ,, अव्वलीन दर्जे के होने लगे, और सय्यद शाहीन अफ़रोज़ जैसे लोगों के मोटिवेशनल कार्यों के लिए , उन्हें पुरस्कृत ,करवाकर ,, प्रशंसनीय कार्यों की प्रशंसा कर , उनकी हौसला अफ़ज़ाई भी करते रहना चाहिए , ताकि , कोठी ना तमाम शैक्षणिक विकास विस्तार का मोटिवेशनल प्रबंधन और दूसरे शहरों , और दूसरे स्कूलों , में भी कामयाब हो सके ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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