कोटा मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग के रखरखाव पर हर साल करोड़ों करोड़ रूपये के खर्च होने के बाद भी , कोटा मेडिकल कॉलेज का , ऑडिटोरियम का हाल देखकर , शहर भर के गाँधीवादी विचारक चीख पढ़े , दांतों तले उँगलियाँ दब गयीं, जबकि नगर निगम के अधिकारी खुद , इस ऑडिटोरियम के साफ़ सफाई और जनसुविधा सहित दूसरी व्यवस्थाएं सही करवाने में ज़बरदस्त प्रताड़ित हुए , जी हाँ दोस्तों कोटा मेडिकल कॉलेज का ऑडिटोरियम जो एक वक़्त में जब बनकर तय्यार हुआ था तो कोटा का सबसे बढ़ा, सबसे बहतर , सुविधाजनक , खूबसूरत ऑडिटोरियम में गिना जाता था ,, यहां स्थानीय, राज्य , ,राष्ट्रिय स्तर के कई कार्यक्रम भी हुए , लेकिन कुछ सालों में ही , प्रशासनिक अक्षमता , कहो , या रख रखाव का अभाव कहो , या रखरखाव के ज़िम्मेदारों द्वारा , बजट इधर उधर खर्च बताकर, इस ऑडिटोरियम के रख रखाव का बजट खुर्दबुर्द कर देने का अपराध कहो , कुछ भी कहो , लेकिन इस ऑडिटोरियम के हालात बद से बदतर हो गए , हाल ही में ,जिला प्रशासन और गाँधी दर्शन समिति के संयुक्त तत्त्वाधान में , इस ऑडिटोरियम में , दो दिवसीय गाँधी प्रशिक्षण शिविर रखा गया , यहां के बदले हुए , टूट फुट , बिखरे हुए , जन सुविधाओं की अव्यवस्था सहित कई बदतर हालात देखकर, मेडिकल कॉलेज कोटा ऑडिटोरियम के हालातों पर रोना आना ज़रूरी हो गया था ,, बाथरूम , की व्यवस्थाएं टूटी फूटी , रंगाई पुताई हरगिज़ नहीं , पानी की टंकी , पानी की सप्लाई खराब , व्यवस्थाएं छिन्न भिन्न , ,, इस मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम के रखरखाव की पोल कुछ इस तरह खोलकर समझे , यहां , जब गांधीवादियों का श्रमदान हुआ , तो यक़ीनन कई ट्रॉली कचरा इधर से निकाला गया , खेर कोई बात नहीं , आउटडोर गार्डन में , कचरे की सफाई नहीं हो रही होगी , लेकिन जिला प्रशासन ने जब , नगर निगम के ज़रिये इस ऑडिटोरियम को , कार्यक्रम के लायक बनाने की ज़िम्मेदारी दी , तो खुद , नगर निगम अधिकारी , जनाब अम्बालाल जी ने , सफाई अभियान के साथ गांधी विचार को जोड़कर ,अपने उदबोधंन में जो कुछ कहा वोह इस ऑडिटोरियम के रखरखाव की हालात बयान करने के लिए काफी थे , , अम्बालाल जी ने बताया के जब इस ऑडिटोरियम की ज़िम्मेदारी हमे मिली तो एक तरफ तो कार्यकम के लिए अल्पसमय दूसरी तरफ ऑडिटोरियम की जन सुविधाओं की टूटफूट , अव्यस्थाएं ,,जीर्ण शीर्ण हालात, पानी की टंकियों की अव्यवस्था , सब कुछ अव्यस्थित था , अम्बालाल जी ने ,बताया के , खुद ने अपने हाथों से , लेबर लगाने के बाद भी कई व्यवस्थाएं अस्थाई तोर पर कीं , तब कहीं जाकर यह मेडिकल कॉलेज कोटा ऑडिटोरियम उपयोग में लाने लायक हुआ ,है , खेर यह तो कार्यक्रम थे , कार्यक्रम होते है , ,होते रहते हैं , लेकिन अब इस समस्या की तरफ ध्यान गया है , तो चकाचक , अस्पताओं की व्यवस्था के प्रयास में लगे , प्रशासन ,, मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल , उनके स्टाफ , प्रशासनिक अधिकारी , पी डब्ल्यू डी के इंजीनियर्स , जिला प्रशासन , राज्य सरकार , सभी इस व्यवस्था को देखे , फिर से , मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम को , हर तरह की टूट फुट , जीर्ण शीर्ण व्यवस्था की मरम्मत करवाकर, रंगाई पुताई , जो जन सुविधाएं , तो तुरंत उपलब्ध कराकर ,, करोड़ों करोड़ की लागत से बने इस आधुनिक सुविधाओं वाले , मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम को , पहले की तरह सुन्दर , पहले की तरह सुविधाजनक बना दें , कचरा मुक्त करवा दें , पानी की टंकी की कनेक्शन सप्लाई शुरू करवा दें , ,बिजली के स्विच वगेरा सही करवा दें , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अप्रैल 2023
कोटा मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग के रखरखाव पर हर साल करोड़ों करोड़ रूपये के खर्च होने के बाद भी , कोटा मेडिकल कॉलेज का , ऑडिटोरियम का हाल देखकर , शहर भर के गाँधीवादी विचारक चीख पढ़े
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