आपका-अख्तर खान

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30 अप्रैल 2023

चार चम्मच लड़ाई, दो चम्मच प्यार..

 

चार चम्मच लड़ाई, दो चम्मच प्यार..
तीन चम्मच हँसी एक चम्मच तकरार.
आधा चम्मच रूठना, पूरा चम्मच मनाना.
दो-चार चम्मच वादे, कुछ बेहतरीन सी यादें.
स्वादानुसार कभी, किसी की कमी..
और कभी कभी चुटकी भर, आँखों की नमी.
ज़िन्दगी में रिश्तों की चाय तो ऐसे ही बनती है.

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