मेडिकल कॉलेज कोटा की प्रिंसिपल , डॉक्टर संगीता सक्सेना के नेतृत्व में , कोटा मेडिकल कॉलेज के अधूरे पढ़े निर्माण कार्य तीव्र गति पर हैं , जबकि टूट फुट मरम्मत संबधित सभी काम जल्द ही शुरू करवाकर , पुरे करवा लिए जाएंगे,इधर , हड़ताल के विकट हालातों के बावजूद भी , आपात सेवाओं सहित सभी चिकित्सा व्यवस्थाएं बहाल रहे , मरीज़ों को परेशानी ना हो इस मामले में ,भी डॉक्टर संगीता सक्सेना और उनकी टीम कुशल प्रबंधन देने में कामयाब हुई हैं , सभी जानते है , कोटा में निजी चिकित्सकों की हड़ताल , रेज़िडेंट की हड़ताल के वक़्त , आम मरीज़ों के लिए व्यवस्था विकट और जानलेवा थी , लेकिन ऐसे हालातों में भी , डॉक्टर संगीता सक्सेना ने अपने प्रशासनिक कौशल का परिचय दिया , और चिकित्सकों में समन्वय स्थापित कर, आपात व्यवस्थाओं को जारी रखा , जबकि हाल ही में 100 जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टर्स की नियुक्ति प्रकिया को अंतिम रूप देकर , चरमराई चिकित्स्कीय व्यवस्था को , हड़ताल की आपात स्थिति में भी पटरी पर लाकर खड़ा कर दिया है , ऐसे हालातों में गंभीर मरीज़ों का भी राजस्थान से दूसरे राज्यों में माइग्रेशन रुक गया है , और कोटा मेडिकल कॉलेज में ,गंभीर आरपेशन भी शुरू हो गए हैं , जबकि जे के लोन हॉस्पिटल में , सीज़ेरियन डिलेवरी भी हो रही हैं , बच्चों के इलाज भी चल रहे हैं , एम बी एस नयापूरा कोटा में भी व्यवस्थाएं बेहतर हुई हैं , इधर प्राचार्य डॉक्टर संगीता सक्सेना कोटा मेडिकल कॉलेज के भवन रखरखाव को लेकर भी , चिंतित हैं , वोह रोज़ मर्रा अधीनस्थ स्टाफ से सुझाव लेती हैं , आम जनता से , पत्रकारों और समाजसेवियों से मिलने वाले सुझावों पर भी वोह आवश्यक निर्णय लेती है , डॉक्टर संगीता सक्सेना ने , कोटा मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम की दुर्दशा की खबर पर कहा के यह उनके संज्ञान में है , इस ऑडिटोरियम के रखरखाव सहित सभी सुविधाओं को बहाल करने , फिर से इसे बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत , इसके प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं , ताकि ऑडिटोरियम को कार्यक्रमों , प्रशिक्षण , लेक्चर्स के लिए , बेहतर सुविधाजनक बनाया जा सके, जबकि अन्य भवनों , सहित आवश्यक सुविधाओं में भी जो कमीपूर्ति है , उन्हें सूचीबद्ध कर , सर्वेक्षण के बाद , सुविधाजनक व्यवस्था के तहत , आम जनहित में सभी तरह के कार्य शीघ्र होते रहेंगे ,, डॉक्टर संगीता सक्सेना की अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन , बेहतर इलाज व्वयस्था , बेहतर साफ़ सफाई व्यवस्था को लेकर आम जनता से भी अपेक्षाएं है , उनका कहना है , के स्टाफ और प्रबंधन के समन्वय से व्यवस्थाएं बनाई जा सकती हैं , लेकिन संतुलित तरीके से , इन वव्यस्थाओं को , मरीज़ उनके तीमारदारों ,, जरूरतमंदों तक पहुंचाने , उनके लिए लम्बे समय तक उपयोगी बनाये रखने के लिए , आम जनता के सुझावों के साथ साथ , सहयोगात्मक रवय्ये की भी आवश्यकता है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अप्रैल 2023
मेडिकल कॉलेज कोटा की प्रिंसिपल , डॉक्टर संगीता सक्सेना के नेतृत्व में , कोटा मेडिकल कॉलेज के अधूरे पढ़े निर्माण कार्य तीव्र गति पर हैं
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