चिकित्सकों के लिए देह और दृष्टीबाधित के लिए नेत्र दे गए संत
बीती
रात बाराँ जिले के,भटवाड़ा गांव में संत सूचाल दास साहिब का आकस्मिक निधन
हो गया था । संत सूचाल दास बाल्यावस्था से ही कबीर पंथी समुदाय से जुड़े
हुए थे, साधु संतों की सेवा,उनके बताए हुए नियम और आसनों पर ही इनका पूरा
जीवन समर्पित था । अंत समय में भी वह भटवाड़ा ग्राम में रात्रि कालीन
प्रवचन सुना रहे थे, वही पर अचानक हृदयाघात होने से इनकी तुरंत ही मृत्यु
हो गयी ।
संत सूचाल दास जी
प्रारंभ से ही नेत्रदान,अंगदान देहदान के प्रबल समर्थक रहे हैं । इन्होंने
अपने शिष्यों को बता रखा था कि,जब भी कभी मेरा शरीर मृत होता है,तो अंतिम
संस्कार से पहले,उसमें से जो भी जरूरी अंग किसी को नया जीवन या उत्तम
स्वास्थ्य दे सकते हैं तो,तुरंत ही उन सभी का दान करा दिया जाए ।
आज
इनके देवलोक-गमन के उपरांत आश्रम साथियों ने, कबीर आश्रम संचालक प्रभाकर
जी के नेतृत्व में सूचाल दास जी का नेत्रदान शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा
एवं ,देहदान मेडिकल कॉलेज कोटा में देकर पुनीत कार्य सम्पन्न करवाया ।
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