में प्रेस क्लब कोटा का भवन हूँ , मेरा अपना इतिहास , अपना स्वाभिमान , अपना संविधान है , प्लीज़ यहां फिर से प्यार , मोहब्बत , पत्रकारिता संवर्धन के कार्यक्रम लोक्ततंत्रिक व्यवस्था लोटा दो , एक दूसरे से गुस्सा छोड़कर , फिर से लोकतांत्रिक चुनाव में हार जीत के बाद , गले मिलकर , एक जुट हजो जाओ , प्लीज़ मुझ पे महरबानी कर दो ना , प्लीज़ ,, ,
मेरे पत्रकार ,, साहित्यकार , सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ,, समाजसेवक साथियों , ,में शिक्षा नगरी कोटा गुमानपुरा स्थित प्रेसक्लब कोटा हूँ ,, आपात स्थिति से पहले से लेकर ,अब तक मेने , खबरों , पत्रकारिता के बदलते माहौल , तकनीक सहित कई मामलों में ऐतिहासिक बदलाव देखा है , मेने प्रेस क्लब के फ्रेंडली लोकतांत्रिक चुनाव देखे है , में कभी खेड़ली फाटक स्थित पुराने जननायक भवन में चला , तो कभी रोटरी क्लब कोटा तो कभी सुचना केंद्र कोटा में संचालित हुआ , तो फिर, केनाल रोड गुमानपुरा कोटा के नगर निगम फायर ऑफिस में , कुछ दिनों मेरी गतिविधियां चली , खुदा का शुक्र हुआ के भंवर शर्मा अटल , मुनीश जोशी के संस्थापन के साथ ही , नगर विकास न्यास कोटा ने जो , भूखंड एलॉट किया था , वोह आम जनता की मदद , कोटा के भामाशाह पत्रकारों की मदद से , भवन की शुरआत हुई , तो फिर उसमे , पूर्व मंत्री स्वर्गीय ललित किशोर चतुर्वेदी , पूर्व सांसद इजय राज सिंह के सांसद कोष , स्थानीय पूर्व विधायक, नेता , पंकज मेहता , स्वर्गीय श्याम अग्रवाल , डी सी एम , परमाणु बिजली घर , सी एफ सी एल सहित , कई संस्थाओं , पत्रकार साथियों की मदद से में अपने पैरों पर खड़ा हुआ , और आज आप लोगों की दुआओं से में , पिंक सिटी प्रेस क्लब के बाद , राजस्थान का दूसरा बढ़ा अपने भवन वाला प्रेस क्लब की श्रेणी में गिना जाने लगा हूँ , में प्रेस क्लब कोटा जहाँ इसकी स्थापना के बाद से ही , पहले सुचना केंद्र कोटा में , गतिविधियां होती थी , फिर नगर निगम फायर ऑफिस में गतिविधियां शुरू हुईं , अपना भवन बनने के बाद तो यहां कई केंद्रीय मंत्री , मुख्यमंत्री , मंत्री , विधायक , सांसद , समाज सेवक , वरिष्ठ पत्रकार , साहित्यकार आये , मीट दी प्रेस कार्यकम हुए , वरिष्ठ अधिकारीयों को बुलाया गया , चिकित्सा परामर्श , जाँच शिविर लगे तो , बैठकें हुए , दावते हुईं, होली मिलन , दीपावली मिलन समारोह खूब हुए , क्रिकेट ,, टेबल टेनिस , शतरंज , सभी के खेलकूद मुक़ाबले हुए ,, मेरे विधान के अनुरूप पहले हर साल चुनाव हुए , एक भी व्यक्ति की आम सभा में सर्वसम्मत के नाम पर अगर असहमति हुई तो , फिर निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर चुनाव् करवाए गए , वोह भी फ्रेंडली , दोस्ताना व्यवहार के साथ , आम सभा में खूब आरोप प्रत्यारोप लगे ,, धैर्य और संयम से सुनाने और सुनने की परम्परा थी ,फिर जवाब देने की परम्परा थी , फिर चुनाव में सभी लोग , अपने पेनल , अपना चुनाव संयोजक, पार्टियां , चुनाव प्रचार घर घर सपर्क , फिर नतीजे आते थे , सभी लोग हार जीत का दर्द भूलकर एक दूसरे के गले लगजाते थे , प्यार था , ,मोहब्बत थी ,, खुलूस था , एक दूसरे के काम आने का जज़्बा था , मेरा भवन तय्यार हुआ एड्ररेन आयी, टूटा , तो फिर मरम्मत भी हुआ , रन रोगन भी हुआ ,कुर्सियां आयीं , कम्प्यूटर आया , कूलर आये , किताबें आयीं , और फिर मेरा अपना भवन , मेरा अपना हॉल , मेरा अपना कार्यालय कक्ष , मेरी अपनी लाइब्रेरी , मीटिंग हॉल , रहे , यहां कॉमर्शियल सेक्टर के लिए , कमाई देने का लालच देने वाले खूब आये , लेकिन प्रेस क्लब की कमाई , उसका व्यवसायीकरण किसी भी सूरत में ,, किसी भी लालच में हरगिज़ हरगिज़ मंज़ूर नहीं हुआ ,, धीरज गुप्ता तेज , प्रद्युम्न शर्मा , सुकुमार जी ,धीरेन्द्र राहुल , के एल जैन , हरि मोहन शर्मा , सुनील माथुर , सुबोध जैन , गिरीश गुप्ता , सभी तो मेरे भवन में किलकारियां कैसे गूंजती रहें इसके लिए फिक्रमंद रहे , विवाद हुए , जयनारायण सक्सेना ने , मुक़दमे दर्ज कराये ,गिरफ्तारी का जब नंबर आया , तो फिर समझौते भी हुए , माफ़ी नामें भी हुए , लेकिन किसी ने किसी के खिलाफ गाँठ नहीं बाँधी , कभी किसी की सदस्य्ता भंग नहीं की , कभी भी किसी भी व्यक्तिगत आक्षेप के बाद भी , व्यक्तिगत आधार बनाकर ,पद का ताक़त का मेरे इस प्रेसक्लब भवन में , दुरूपयोग कर किसी की सदस्य्ता नवीनीकृत करने से नहीं रोका गया , लेकिन मेरे प्रेस क्लब के सी भवन की यह सब यादें थीं तो थीं , अब रंगाई पुताई का मुझे इन्तिज़ार है , गुमानपुरा नहर की तरफ वाले लटके हिस्से की मरम्मत का इन्तिज़ार है , लेकिन नहीं हो रहा तो नहीं रहा , सिक्के खनक तो रहे हैं , लेकिन प्यार मोहब्बत खुलूस , समझौते , एक दूसरे की फ्रिक , रंग बिरंगे कार्यकम , चिकित्सा शिविर , खेलकूद ,बढ़े बढे अधिकारीयों , मंत्रियों , वगेरा की मीट दी प्रेस का में रोज़ इन्तिज़ार करता हूँ , में प्रेस क्लब का भवन रोज़ इन्तिज़ार में रहता हूँ की पहले की तरह पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम फिर से शुरू हों , फिर से , पत्रकारिता संवर्धन ,, उन्हें पत्रकारिता क्षेत्र में सीख देने के कार्यकम चलाये जाए , खेर इन्तिज़ार है तो वोह भी पूरा होगा , क्योंकि में प्रेस क्लब हूँ , भवन नहीं , यहां मेरी खुशनुमा यादों का इतिहास है , तो कभी आने वाला वर्तमान भी बहतर होगा ,, यहां वही किलकारियां गूंजेंगी , कार्यक्रम ,होंगे लोकतंत्र के हिसाब से असहमति पर चुनाव होंगे , हंसी मज़ाक़ का माहौल होगा ,,आरोप प्रत्यारोप होंगे , इनके जवाब होंगे , फिर वही , स्नेह भोज में एक दूसरे के साथ , गलबहियां कर खाने की शुरुआत होगी , एक दूसरे के पारिवारिक सुख दुःख में सभी एक दूसरे के साथ होंगे , देखलेना , रोक सको तो रोक लेना , ऐसा फिर मेरे इस प्रेस क्लब के भवन में होकर ही रहेगा ,,
पत्रकारों के लिए कभी संघर्ष ,, प्रशिक्षण , सेमिनार , मीट दी प्रेस , का गवाह बने , मेरे इस कोटा प्रेस क्लब , भवन में इन दिनों , खुद के ही अस्तित्व , विधि , विधान , कोष , उलंग्घन मामले में ,, आपसी खींचतान शुरू हो गयी है , एक तरफ साधारण सभा के नाम पर , सर्वसम्मति से फिर से उसी कार्यकारिणी को दुबारा निर्वाचन का प्रचार प्रसार कर खुशियां गईं , तो दूसरी तरफ , इसी मेरे इस प्रेस क्लब भवन के नींव की ईंट बने , संस्थापक सदस्यों को इस प्रेस क्लब को बचाने के लिए अब संघर्ष करना पढ़ रहा , है मेरे इस प्रेस क्लब में आम सभा के नाम पर ,, कथित सर्वसम्मत चुनाव चयन , मामले को रद्द करने की मांग को लेकर ,, संस्थापक सदस्यों ने ,, कोटा जिला कलेक्टर तक का दरवाज़ा खटखटा डाला है ,, उनका कहना है , प्रेस क्लब के संविधान से बढ़कर कोई नहीं और संवैधानिक प्रावधानों के उलंग्घन पर दोषी लोगों को सज़ा मिलना ही चाहिए ,, सभी जानते है , 1976 में स्थापित मेरे इस प्रेस क्लब कोटा के लिए संस्थापक सदस्य भंवर शर्मा अटल ,,सहित कुछ सदस्यों ने , नगर विकास न्यास से भूखंड आवंटित करवाया था , फिर इन सदस्यों ने तात्कालिक रूप से नगर निगम कोटा से केनाल रोड स्थित ,, फायर ब्रिगेड ,,कार्यालय में , एक हॉल ,, प्रेस क्लब कार्यालय के लिए आवंटित करवाया था ,,, सदस्यों की एकजुटता ,, सदस्यों द्वारा किये गए आर्थिक सहयोग , संस्थाओं सहित दानदाताओं से घर घर जाकर मदद लेकर , इस प्रेस क्लब भवन को खड़ा किया गया ,, प्रेस क्लब कोटा में सदस्यों की राशि के अलावा ,, नगर निगम , नगर विकास न्यास ,, सांसद कोष , विधायक कोष , राजयसभा सांसद कोष से निर्माण सहयोग है ,, जो शुद्ध रूप से सरकारी व्यवस्था के तहत है ,, इस भवन में स्थापित प्रेस क्लब कोटा , के संचालन , इसकी निधि , इसके कोष , इसके चुनाव मामले में ,, विधि नियम बने हुए है , प्रेस क्लब कोटा ,राजस्थान सोसाइटी एक्ट 1958 एवं प्रचलित विधि नियमों के तहत संचालित है , जिसके एक अध्यक्ष ,, उपाध्यक्ष , सचिव ,कोषाध्यक्ष , सहित अन्य लोगों को ,, सभी सदस्य मिलकर चुनते है , चुनाव स्वतंत्र प्रक्रिया के तहत , विधिक रूप से निष्पक्ष निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर , गुप्त मतदान प्रक्रिया से होते आये है ,, मेरे इस प्रेस क्लब की साधारण सभा में , एक पद पर लगातार दो बार रह चुके सदस्यों को उस पद पर चुनाव से प्रतिबंधित करते हुए नियम में संशोधन कर , रजिस्ट्रार सोसायटी से अनुमोदित भी करवा लिया गया था ,,मेरे इस, प्रेस क्लब कोटा के लिखित संविधान में ,, चुनाव नियम की धारा 7 में स्पष्ट संशोधन है , कोई भी व्यक्ति दो बार एक पद पर रहने के बाद ,उसी पद के लिए तीसरी बार निर्वाचित नहीं होगा , चुनाव भी नहीं लड़ सकेगा ,, चुनाव सर्वसम्मति से होगा , सर्वसम्मति नहीं होने पर , निर्वाचन अधिकारी के ज़रिये गुप्त मतदान से चुनाव ,होगा , लेकिंन संशोधन में , लिखा किस तरह से पढ़ा गया है समझ नहीं आया ,,और सर्वसम्मति से चुनाव में खुद को ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया , या बहुमत से , निर्वाचित घोषित कर दिया ,, प्रेस क्लब संविधान में धारा 5 की उपधारा 5 में क्लब का कोष किस तरह से होगा ,, और विधान की धारा 8 में ,, क्लब के कोष का किस तरह से किन मामलों में उपयोग होगा , इसका विवरण है ,मेरे विधान की धारा 7 में चुनाव प्रक्रिया स्पष्ट है ,,, धारा 7 की उपधारा 1 विशिष्ठ प्रावधान था , के किसी भी एक पद पर लगातार दो बार रह चुके है वोह उस पर पर चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं होंगे ,, उपधारा 2 में चुनाव सर्वसम्मति से होगा , यानी सर्वसम्मति मतलब एक व्यक्ति भी विरोध में नहीं होगा , अगर एक व्यक्ति भी चुनाव करवाने के पक्ष में है , तो फिर सर्वसम्मति नहीं मानी जाएगी ,, उप धारा 3 में सर्वसम्मति नहीं होने पर चुनाव बहुमत के आधार पर साधारण सभा की स्वीकृति मिलने पर करवाना होगा ,, उप धारा 4 गुप्त मतदान की प्रक्रिया है ,,, निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया है ,, ,, आपके अच्छे काम है , आप लोकप्रिय है सभी सदस्य आपके साथ है ,, कुछ गिनती के लोगों ने अगर विरोध किया है तो फिर आप को दुबारा , विधिक प्रावधान के तहत , दो बार एक ही पद पर रहने पर , नियम के तहत , निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर , गुप्त मतदान करवा लेते , जो भी जीतता , वोह असली जीत थी , इधर निर्वाचित पक्ष खुद को ईमानदार बताकर ,, प्रेस क्लब का हितेषी साबित कर रहा है , एक तरफा जीत और भविष्य के प्रेस क्लब के लिए इस निर्वाचन को ज़रूरत बता रहा है , विधिक प्रावधान के तहत बता रहा है ,,, विधान की धारा 6 में विधिक व्यवस्था से हर पक्ष बाध्य है , जबकि धारा 12 प्रेस क्लब की हर गतिविधि , व्यवस्थाओं की जांच करने का अधिकार , राजस्थान सोसायटी एक्ट के प्रावधान के तहत , सोसायटी के रजिस्ट्रार उसके प्रतिनिधि को है ,,, कोटा प्रेस क्लब , पत्रकारिता के संघर्ष , स्नेह मिलन ,, सहयोग , ,प्यार , मोहब्बत ,, सेमिनार , सिम्पोजियम ,, भवन निर्माण सहित कई उपलब्धियों की यादगार रहा है ,, लेकिन प्रेस क्लब में हमेशा लोकतंत्र ज़िंदा रहा है , आरोप ,लगाने , साधारण सभा में विरोध प्रकट करने की खुली आज़ादी रही ,,,कभी किसी भी सदस्य को इसलिए नाराज़ होकर , षड्यंत्र कर नहीं निकाला गया , के यह अमूक ग्रुप का विरोधी है , लेकिन अब , इस तरह की शिकायतें आम हो गयी ,, प्रेस क्लब में कभी भी ,, साधारण सभा में आम सहमति के नाम पर , स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया का गला नहीं घोंटा गया ,, हमेशा चुनाव हुए है , हार जीत कुछ भी हो , लेकिन चुनाव में वोट डालने , सदस्य्ता बनाने ,, और वोटों की गिनती में , निर्वाचन प्रक्रिया में हमेशा ईमानदाराना संवैधानिक लोकतंत्र रहा है ,, सर्वसम्मति नहीं होने पर भी निर्विरोध निर्वाचन , या बहुमत निर्वाचन बिना चुनाव के , जिस अध्यक्षता खुद अध्यक्ष ,करे और बिना निर्वाचन अधिकारी के खुद ही बहुमत से निर्वाचित , हो ,,, लोकप्रियता अच्छी बात , है तो फिर मेरे इस प्रेस क्लब के चुनाव होने देते , नतीजा तो अधिक वोट लाने वाले के पक्ष में ही आता ,, क्यों खाली पीली में आरोपों से घिर , कर मेरे इस प्रेस क्लब को विवादित होने दिया , यह घोडा और यह मैदान का खेल खेल लेते चुनाव में एक तरफा वोटों से जीत कर आ जाते , , ,,, विरोध मुट्ठी भर ही सही , लेकिन विरोध तो है ,, बहुमत है तो जीत कर आ जाओ ,, यही तो सदस्य कह रहे है ,, खेर यह सब अलग अलग गुटों की गुटबाज़ी के तहत ,, जो भी हो रहा है ,प्रेस क्लब के सौहार्दपूर्ण , लोकतान्त्रिक इतिहास को धक्का लगाने वाला है ,, यूँ प्रेस क्लब के संविधान के नाम पर छिछालेदारी न हो ,इसके लिए ,, किसी को तो मध्यस्थतता करना होगी ,, कोई तो इस विवाद का निस्तारण करवाएगा ,, हठधर्मिता किसी भी समस्या का समाधान नहीं ,, सौहार्दपूर्ण वार्ता ,, लिखित विधि नियमों की पालना ही किसी को भी बढ़ा बनाती है ,, प्रेस क्लब के वर्तमान हालातों में ,, सभी पक्षों को आपस में बैठ ,कर संवाद करना चाहिए ,, विधि नियमों पर चर्चा करना चाहिए ,जो गलत हुआ है ,उसे ग़लत स्वीकार करके ,, उसमे सुधार करना चाहिए , ताकि मेरे इस प्रेस क्लब की गरिमा फिर से ज़िंदाबाद रह सके , वरना संस्थाओं पर पारिवारिक सदस्य्ता का माहौल बनाकर , क़ब्ज़े तो रोज़ होते हुए देखते है ,, लेकिन जो लोग दूसरों की लोकतान्त्रिक लड़ाई के सिपाही होते है , उन्ही की संस्था में अलोकतांत्रिक व्यवस्था के आरोप लग कर छिछालेदारी हो ,, अच्छी बात नहीं है ,,आओ ,, आपस में मिलो , बैठो , संवाद करो , और विवाद का स्थाई निस्तारण करके , मिलजुल कर , एक जुट होकर , फिर से प्रेस क्लब की गतिविधिया पत्रकारों के हित में शुरू करो ,, प्रेस क्लब विस्तार ,, प्रबंधन के हित में व्यवस्थित करो , नहीं तो तुम्हारी मर्ज़ी जो चाहो करो ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 अप्रैल 2023
में प्रेस क्लब कोटा का भवन हूँ , मेरा अपना इतिहास , अपना स्वाभिमान , अपना संविधान है
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