बेशक परहेज़गार लोग (दरख़्तों की) घनी छाँव में होंगे (41)
और चश्मों और आदमियों में जो उन्हें मरग़ूब हो (42)
(दुनिया में) जो अमल करते थे उसके बदले में मज़े से खाओ पियो (43)
मुबारक हम नेकोकारों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं (44)
उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है (45)
(झुठलाने वालों) चन्द दिन चैन से खा पी लो तुम बेशक गुनेहगार हो (46)
उस दिन झुठलाने वालों की मिट्टी ख़राब है (47)
और जब उनसे कहा जाता है कि रूकूउ करों तो रूकूउ नहीं करते (48)
उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है (49)
अब इसके बाद ये किस बात पर ईमान लाएँगे (50)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 मार्च 2023
बेशक परहेज़गार लोग (दरख़्तों की) घनी छाँव में होंगे
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