स्टाफ़ नर्स का जन्मदिवस पर देहदान संकल्प
दान
में मिली एक मृत-देह,अमूक शिक्षक बनकर 20 भावी चिकित्सकों को 2-3 वर्ष तक
शरीर रचना का अध्ययन कराती है,इसके बाद मेडिकल कॉलेज से शहर, समाज और देश
के लिए कुशल चिकित्सक बन पाते हैं ।
देहदान
की उपयोगिता के बारे में चिकित्सा विभाग से जुड़े अधिकारी और स्टाफ़ से अधिक
अन्य कोई नहीं जानता होगा । मृत देह पर शिक्षा प्राप्त करना चिकित्सा
शिक्षा की पहली सीढ़ी है।
वैशाली
नगर,बूंदी निवासी, सरोज जैन ब्लॉक सीएमएचओ कार्यालय,बूंदी में स्टाफ नर्स
के पद पर कार्यरत हैं,वह काफी समय से अपना देहदान का संकल्प पत्र भरना
चाहती थी । इसके लिए उन्होंने अपनी तीनों बेटियों आरती,गुंजन,सुरभी से भी
सहमति प्राप्त कर ली थी,परंतु देहदान संकल्प पत्र भरने के बारे में उन्हें
कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी ।
शहर
में मेडिकल कॉलेज न होने के कारण देहदान संकल्प पत्र भरना थोड़ा मुश्किल
था,परंतु शाइन इंडिया के देहदान अभियान से सरोज का देहदान संकल्प पत्र भरने
का कार्य पूरा हुआ । इन्होंने अपने 61 वें जन्मदिवस पर बेटी-दामादों की
सहमति के उपरांत देहदान का संकल्प पत्र शाइन इंडिया फाउंडेशन के इदरीस
बोहरा को भरकर सौंपा।
ज्ञात
हो कि नेत्रदान के कार्य के बाद,अब बूंदी में देहदान के लिए भी काफी लोग
दिन प्रतिदिन जागरूक हो रहे हैं । संस्था के जागरूकता अभियान से अब बूँदी
शहर में देहदान के बारे में जागरूकता पहले से बढ़ने लगी है । सरोज जी की
तीनों बेटियाँ भी अपने माँ के इस निर्णय से काफी खुश हैं । उन्हें अपने मां
के इस कार्य पर गर्व है,सभी ने यह विश्वास दिलाया है कि माँ के कार्य से
प्रेरित होकर वह भी अपने परिजनों से देहदान संकल्प के विषय में चर्चा करने
के उपरांत जल्दी ही देहदान संकल्प पत्र भरने के लिए विचार करेंगे ।
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