सूरए अन नबा मक्का में नाजि़ल हुआ और उसकी चालीस (40) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
ये लोग आपस में किस चीज़ का हाल पूछते हैं (1)
एक बड़ी ख़बर का हाल (2)
जिसमें लोग एख़्तेलाफ कर रहे हैं (3)
देखो उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा (4)
फिर इन्हें अनक़रीब ही ज़रूर मालूम हो जाएगा (5)
क्या हमने ज़मीन को बिछौना (6)
और पहाड़ों को (ज़मीन) की मेख़े नहीं बनाया (7)
और हमने तुम लोगों को जोड़ा जोड़ा पैदा किया (8)
और तुम्हारी नींद को आराम (का बाइस) क़रार दिया (9)
और रात को परदा बनाया (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 मार्च 2023
और रात को परदा बनाया
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