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10 फ़रवरी 2023

मोटर वाहन दुर्घटना अधिनियम के विधिक प्रावधान में भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई ,, बदलाव ,हुए है

 मोटर वाहन दुर्घटना अधिनियम के विधिक प्रावधान में भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई ,, बदलाव ,हुए  है , मालिकों के हक़ में , इंश्योरेंस कम्पनी के हक़ में , कांग्रेस सरकार द्वारा मोटर यान दुर्घटना क्लेम मामले में जो , समय सीमा हटा दी थी वोह फिर से छह माह की कर दी गई है , जबकि नए वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ,, सरकार किसी भी वाहन को अब प्रतिबंधित कर सकती है ,  इधर ,, कल्याणकारी क़ानून के नाम ,पर जो संशोधन त्वरित मृतक या घायल को क्लेम दिलवाने के प्रावधान ,कर  सरकारी , अधिकारी पुलिस अनुसंधान अधिकारी , संबंधित अधिकारीयों को जो ज़िम्मेदार बनाया ,गया है ,, उसके तहत , कम से कम कोटा में तो अब तक , कोई भी अनुसंधान अधिकारी  किसी भी घायल की तरफ से कोई क्लेम पेश ,कर उसे दिलवाने का कोई प्रयास नहीं किया है ,, नए संशोधन करना तो आसान ,है  लेकिन  क्रियान्विति पर ज़ोर सिर्फ उन्ही संशोधनों का ,है  जो , दूसरों के फायदे के लिए हैं , प्रतिकर देने के लिए , ,जो विधि नियम ,. ज़िम्मेदारी , कर्त्वयबद्धता दी गई है , उसके तहत , ना तो कोई पुलिस कर्मी काम कर रहा ,है  ना ही खुद केंद्र सरकार ने इस संशोधन नियम के तहत ,  कोई सख्ती दिखाकर आम दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को  त्वरित प्रतिकर दिलवाने के मामले में कोई दिलचस्पी दिखाई है , जबकि विधिक न्याय प्राधिकरण ने भी , इस नए संशोधित क़ानून के प्रति लोगों को उनके अधिकार बताते हुए कोई साक्षरता अभियान चलाया है , ना ही कोई विधिक सहयोग के प्रशिक्षण शिविर लगाए हैं ,, , नए संशोधित मोटर यान दुर्घटना क़ानून में  ,, टक्क्रर  मारकर भागना मोटर यान दुर्घटना पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2022 ,, 1989 तोषण स्कीम बदलाव १ अप्रेल 2022 से लागु हैं , जबकि छह माह की समयावधि दुर्घटना की तिथि से , निर्धारित की गई है , जबकि , कोई भी गंभीर घायल , जिसकी हड्डीया टूटी हों , हेमरेज हो , वोह छह माह तक तो , किसी भी सूरत ,में  ठीक होने की स्थिति में रहता ही नहीं है , ऐसे में छह माह में वोह कैसे , अपना वकील ,करे  कैसे नकलें , निकलवाए कैसे , टूटी हड्डियों से अदालत जाए , ,यह सोचने की बात है ,, तोषण  स्कीम  के   आवेदन के तत्काल निस्तारण के लिए , जिला स्तरीय  समिति में  बी डी ओ , कलेक्टर की स्थाई ,  जिसमे दस से बाराह सदस्य होंगे , जो तीन सदस्य का कोरम पंद्रह दिनों में दावों का निपटान करेंगे ,, धारा 22 में दावों की मंज़ूरी होगी , जबकि दधारण बीमा परिषद वार्षिक रिपोर्ट देगी ,, नए संशोधन नियम के तहत , केंद्रीय मोटर यान दुर्घटना निधि नियम 2022 ,, ,, बीमाकृत ,, अबीमाकृत ,, और हिट ऐंड रन अवे , के तीन खाते होंगे ,, जो राष्ट्रिय निधि के रूप में काम करेगी , नए क़ानून में मोटर यान दुर्घटना मामले में अन्वेषण प्रक्रिया निर्धारित की है , उसकी समय सीमा , अन्वेषण अधिकारी की ज़िम्मेदारी , जवाबदारी , अनुशासन के बंधन तय किये हैं , जिसमे दुर्घटना की सुचना मिलते ही , फोटो , नक़्शा , प्रत्यक्ष दर्शी  जांच , रिपोर्ट प्रारूप एक में अड़तालीस घंटे के भीतर एफ आई आर के साथ , अनुसंधान अधिकारी , प्रतिकर के लिए , घायल मृतक की तरफ से दावा पेश करेगा ,, , मोटर यान दुर्घटना के अन्वेषण की प्रर्किया भी निर्धारित की गई है , जिसमें पुलिस अधिकारी किस तरह से अन्वेषण करेगा , बिमा कम्पनी को , तत्काल अड़तालीस घंटे में एफ आई आर के साथ देगा ,, संबंधित चार्ट अन्वेषण अधिकारी द्वारा पडित को तत्काल प्रारूप 2 पर देना होगी ,, अन्वेषण अधिकारी दावा  अधिकरण के समक्ष , पचास दिन के भीतर अंतरिम अन्वेषण रिपोर्ट पेश करेगा , जिसकी एक एक रिपोर्ट विधिक सेवा ,प्राधिकरण  दावाकर्ता , बीमा कम्पनी को भी देगा ,, अन्वेषण अधिकारी साठ दिनों के भीतर सम्पूर्ण जानकारी ,, विशिष्ठ प्रारूप पर देगा ,, अवयस्क बच्चों की दुर्घटना के मामले में विस्तृत रिपोर्ट जिला बाल कल्याण समिति को भी देगा ,, अन्वेषण अधिकारी साठ  दिनों के भीतर दुर्घटना संबंधित अन्वेषण हर हाल में पूरा ,करेगा , जबकि अस्पतालों और  चिकित्सकों के लिए पंद्रह दिनों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट , एम एल सी  रिपोर्ट देने की पांबदी लगाई गई है ,, दावा अधिकरण इस मामले में प्रस्तुत दावों की जांच करेगा , अनुसंधान और सभी मामलों में , कर्तव्य ,, अनुशासन को लेकर , संबंधित  राज्यों के  अनुशासन नियमों से पुलिस अधिकारी पाबंद रहेंगे ,, बीमा  कम्पनी एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर पुलिस को सूचित करेगी , जिसके लिए बीमा कम्पनी कर्तव्यबद्ध रहेगी , ,दुर्घटना के मामले में बीमा कम्पनी प्रतिकर का प्रस्ताव भी देगी , जिसकी अधिकरण जांच करवाएगा ,, निर्णय की प्रति अब फौजदारी न्यायालयों ,, राजय विधिक सेवा प्राधिकरण को भी भिजवाई जायेगी , विधिक सेवा प्राधिकरण , फौजदारी मामलों में ड्राइवर के दोषी होने पर , तीस दिन में एक विहित प्रारूप पर दाण्डिक न्यायालय के समक्ष पीड़ित प्रभाव रिपोर्ट वी आई आर फ़ाइल करेगा ,, उक्त सभी प्रावधानों के बाद , अनुसंधान प्रणाली के ,तहत  संबंधित दुर्घटना स्थल की अनुसंधान रिपोर्ट संबंधित , प्रतिकर प्रार्थना पत्र , रिपोर्ट , अधिकरण के समक्ष पेश करने के  मामले में केंद्र सरकार के यह  निर्देश , यह क़ानून फिसड्डी साबित हो रहे है , और वही , महंगी प्रणाली के तहत ,, कार्यवाहियां पूर्ववत चल रही हैं , , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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