. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के भावी चिकित्सकों को अध्ययन के लिये कोटा की संस्था से मिल रही मृत देह
2. माँ-बेटीयों ने देहदान करवाकर,दी पिता को श्रद्धांजलि
3. कोटा से 80 किलोमीटर दूर जाकर,चौथा देहदान हुआ झालावाड़ मेडीकल कॉलेज को
संस्था
शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान अंगदान और देहदान जागरूकता अभियान में
अब कोटा शहर के साथ-साथ कोटा से लगे बड़े जिलों में भी देहदान के प्रति
जागरूकता बढ़ने लगी है ।
एक
वर्ष पूर्व संस्था सदस्यों ने निश्चित किया था की, झालावाड़ जिले में
देहदान के कार्य को बढ़ाने के लिये,वह कोटा शहर में शोकाकुल परिवार के
सदस्यों को प्रेरित करेंगे,और यदि परिजन सहमति देंगे तो पार्थिव देह को
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को अध्ययन के लिए सौंपेंगे ।
इसी
क्रम में गुरुवार दोपहर को वल्लभ नगर निवासी देवेंद्र करनावट के ससुर
बुधमल समदरिया का हृदयघात से आकस्मिक निधन हुआ,जिसके उपरांत उनकी पत्नी
लीला देवी,बेटियाँ ममता, सपना, पूनम और बेटे महेंद्र समदरिया की सहमति से
सर्वप्रथम उनका नेत्रदान का कार्य संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से
संपन्न कराया गया ।
नैत्रदान
की प्रक्रिया के दौरान ही बुधमल जी की पत्नी लीला देवी जी ने अपने पति के
पार्थिव शव को मेडिकल कॉलेज के छात्रों को अध्ययन करने के लिए देहदान करने
की बात रखी । डॉ कुलवंत गौड़ ने उसी समय परिवार के अन्य सदस्यों से सहमति
लेकर आज शुक्रवार को समदरिया जी का पार्थिव शरीर झालावाड मेडिकल कॉलेज के
शरीर रचना विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर मनोज शर्मा को सौंपा ।
पार्थिव
देह को सौंपते समय,वहाँ बुधमल जी की बेटा महेंद्र,बेटी पूनम,भाई देवेंद्र
समदरिया,दामाद देवेन्द्र करनावट,के साथ शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ मौजूद
थे ।
बुधमल जी पेशे से
चार्टर्ड अकाउंटेंट थे, कर्म ही पूजा है,इस सिद्धांत को मानने वाले,बुधमल
जी अंत समय तक भी अकाउंट संबंधित कार्य कर रहे थे,विनम्र हंसमुख और शांत
स्वभाव के बुधमल जी हमेशा सेवा कार्यों को प्राथमिकता देते थे,यही कारण था
की उनकी सहमति सदा ही नेत्रदान-अंगदान और देहदान के कार्यों में रही ।
महादानी
श्री महर्षि दधीचि देहदान समिति कोटा के सचिव श्री गोपाल शर्मा जी ने
बेटियों द्वारा पिताजी के देहदान के कार्य की सराहना करते हुए कहा
कि,देहदान से मेडिकल कॉलेज के आने वाले चिकित्सक तो अध्ययन करते ही हैं साथ
ही देहदान करने वाली पुण्य आत्मा को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
सीनियर
प्रोफेसर डॉ मनोज शर्मा ने देहदानी परिवार का धन्यवाद देते हुए कहा कि शोक
के समय में देहदान करने का निर्णय पूरे समाज और देश के लिए प्रेरणादायक व
अनुकरणीय है । संस्था शाइन इंडिया के माध्यम से यह पिछले 1 वर्ष में चौथा
देहदान है,इससे पूर्व में कमलाबाई जैन,रघुनंदन पोखर और अशोक जैन जी का
देहदान संपन्न हुआ है।
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