आपका-अख्तर खान

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22 फ़रवरी 2023

में उर्दू हूँ ,,मेरे क़ातिल शायद , मेरे मसीहा बन जाए ,, में मदरसा हूँ, में मुदर्रिस यानी पैराटीचर हूं, यूँ ही सिसक रहा हूँ , यूँ ही आई ए एस पैटर्न , मामूली से मानदय पर तरस रहा हूँ,

 

में उर्दू हूँ ,,मेरे क़ातिल शायद , मेरे मसीहा बन जाए ,, में मदरसा हूँ, में मुदर्रिस यानी पैराटीचर हूं, यूँ ही सिसक रहा हूँ , यूँ ही आई ए एस पैटर्न , मामूली से मानदय पर तरस रहा हूँ,
में उर्दू, स्कूल और मदरसे की उर्दू, पैराटीचर की उर्दू, अब ,, अदब ,, आदाब का मुद्दा नहीं , सियासत का मुद्दा बन गयी हूँ ,, गांय के नाम पर कुछ लोगों ने सियासत की , कुछ लोगों ने मज़हब के नाम पर , सियासत की , लेकिन तोबा , अल्लाह तोबा ,, कुछ लोग अब मेरे नाम पर, मेरे स्कूल , मेरे मदरसे, मेरे पैराटीचर्स के नाम पर, सियासत कर रहे है ,, मेरे वुजूद के नाम पर ,, कुछ नेता, कुछ नोसिखिये, कुछ संगठन और अब तो मुझे बचाने के ज़िम्मेदार बनाये गए , मदरसा बोर्ड , उर्दू एकेडमी के लोग भी मेरे हुक़ूक़ों को नज़र अंदाज़ कर, सियासत कर रहे है ,, तो कुछ ईमानदारी से कोशिश भिनकर रहे हैं, , सरकारें मुझे , वोटों की सियासत से जोड़ कर फैसले कर रहीं है , बजट में मुझे अंगूठा थम्स अप दिखाया गया है, मेरी आवाज़ उठाने वालों के साथ फोटू भी खिचवाने में अब तो, कुछ लोगों को, ऐतराज़ सा होने लगा है ,,, जी हाँ में उर्दू हूँ , में मदरसा , मेब पैराटीचर हूँ , मुझे हमदर्दी दिखाकर मुझे ही बर्बाद करने वालों ,मुझ पर सियासत करने वालों ,,मेरी ही जुबान में लोकसभा ,विधानसभा , अखबारों ,टी वी चेनल्स पर शेर ओ शायरी के साथ ,, अपनी बात कहने वालों , तुम्ही ने मुझे बर्बाद किया है ,, आज कोटा हो ,राजस्थान हो ,हिंदुस्तान हो , यहाँ में सिर्फ ऊंट के मुंह में ज़ीरा , बल्कि अब तो ज़ीरा भी नहीं हूँ ,, मुझे फरोग देने के नाम पर , मुझे इन्साफ देने के नाम पर सिर्फ बढ़ी बढ़ी बातें होती है , सियासत होती है ,मुझे अपना कहने वाले राजस्थान के नो विधायक , मेरी इस बेबसी ,, मेरी इस लाचारी पर चुप्पी साधे है ,, पिछले दिनों ,, कोटा के मरहूम शहर क़ाज़ी के साथ एक तहरीक मेरे नाम पर बनी ,, राजस्थान के सभी लोग इसमें जुड़े , खुद मेरे बारे में लिखने ,टोंक , कोटा , राजस्थान के बा अदब लोग ,जयपुर , बीकानेर ,भरतपुर सहित कई जगह के ज़िम्मेदार लोग जुड़े ,,, दांडी यात्रायें हुई , वार्ताएं हुई , समझौते हुए ,, बातचीत हुई ,, पैराटीचर्स को , हक़ देने की बात हुई ,, लेकिन आज मुझे लिखने वाले नामानिगार सहित,, सब सुकून की नींद सो रहे है में उर्दू , मुदर्रिस ,पैराटीचर्स की पेट की आग में, तड़प रही हूँ , में उर्दू स्कूलों में मेरी नज़र अंदाजी के नाम पर सिसक रही हूँ, तो सिर्फ में ,, मेरे पैराटीचर्स ,, मुझे पढ़ने वाले ,, बेरोज़गार ,,, ,,मुझे फिर से ज़िंदा करने , मुझे इन्साफ दिलवाने के नाम पर कोई बैठक ,मीटिंग नहीं , कोई चर्चा नहीं , कोई सर्वेक्षण नहीं ,,मुझे पढ़ाने के लिए स्कूलों में टीचर्स की वेकेंसी गिनती की है ,,, संख्यात्मक नहीं ,, हरगिज़ नहीं ,, मदरसों में मुझे पढ़ाने वाले उस्तादों की नौकरी पक्की नहीं , उन्हें सुविधाएं नहीं ,, मुझे हिफाज़त में रखकर , हर ज़िले में फैलाने वाली संस्था उर्दू एकेडमी का गठन हुआ तो सेक्रेटरी साहिब के चले जाने के बाद , नए सेक्रेट्री , अब तक नहीं , मेरी जुबां अक़लियत की जुबां है ,इसे हक़ दिलवाने ,इसके हक़ को महफूज़ रखने वाले , अल्पसंख्यक आयोग की कोई सुगबुगाहट नहीं ,, मेरी जुबां में दुआएं पढ़कर ,, हज पर जाने वालों के लिए कोटा ज़िला , हज कमेटी का गठन नहीं ,, मुझे महफूज़ रखने के मुद्दों पर चर्चा के लिए ,, पंद्रह सूत्रीय कमेटियों का गठन नहीं ,, ,, मुझे मज़ारों पर ,, मस्जिदों , खानकाहों , दरगाहों पर , हम्द नात के रूप में पेश करने वाली वक़्फ़ कमेटियों में ,, जिला स्तरीय चेयरमेन हैं भी तो उनकी कोई कोशिश नहीं , नए स्कूलों में उर्दू माध्यम के स्कूल नहीं ,, सर्व शिक्षा अभियान में मेरा वुजूद लगभग खत्म सा है ,, मुझ पर , मुझे ज़िंदगी देने के लिए किसी की भी तवज्जो नहीं ,में सिर्फ ,सिर्फ सियासत का एक ज़रिया बन गयी हूँ ,, मुझे पढ़ाने वाले हिन्दू भी है , मुस्लिम भी है ,,मुझे पढ़ाकर अपना , अपने परिवार का पेट पालने वाले , हिन्दू भाई भी है , मुस्लिम भाई भी है , लेकिन वोह भी सिर्फ पेट पाल रहे है , मेरे साथ इंसाफ की जंग में शामिल नहीं है ,, कुछ गिनती के लोग है ,, जो अंगड़ाई लेते है फिर बैठ जाते है ,, मुझे मेरा हक़ दिलवा दो यारों ,, में हुकूमत थी , हुकूमत की जुबां थी ,, , मुझे हुकूमत नहीं भी दिलवाओ , तो स्कूलों में ,कॉलेजों में मुझे आबाद करवा दो , यारो , मेरी भी सिसकियां सुन लो , जो मुझे सिर्फ मुस्लिम समझते है , मुस्लिमों के ठेकेदारों उनके अपने समाज के स्कूलों के रहबरों से ही कह दो ,,के वोह उनके मालिकाना हक़ वाले स्कूलों में खुद ही उर्दू चलवा दें , पढ़वा दें ,, हुकूमत के आगे हाथ बाँध के खड़े रहने वालों ,, तुम्हारी ज़ुबान , मुझे इंसाफ दिलाने के नाम पर हलक़ में क्यों अटकी पढ़ी है , कहाँ है मेरे ज़ख्मों पर मरहम लगाने वाली पंद्रह सूत्रीय कार्यक्रम , कहाँ है मेरी एकेडमी ,कहा है मेरा आयोग , कहाँ है ,,, मेरा निदेशालय , कहाँ है ,,मुझे स्कूलों में हिफाज़त करने वाले लोग कहाँ हैं ,,, ,, जी हाँ ,,, में उर्दू हूँ ,, प्राकृत ,,संस्कृत ,,फ़ारसी और अरबी जुबां मेरी जन्म दाता है,, में भारत देश ,,हिंदुस्तान की कोख में पली बढ़ी हूँ ,,,, मुझे पहले उर्दू ऐ हिन्द कहा गया ,,फिर हिंदी कहा गया ,,फिर लश्करी ज़ुबान कहा गया ,,क्योंकि मेने लोगों को जोड़ा है ,,लोगों को एक दूसरे से मिलाया है ,एक दूसरे को समझने लायक़ बनाया है,, मेरी तहज़ीब ,,,मेरा तमद्दुन ,,मेरा खुलूस विश्व विख्यात है ,,मेरी मोसिक़ी ,,मेरे गीत ,,,,मेरा मिठास भरा लहजा ,,,,मेरा लुभावना पुरखुलूस तलफ्फुज़ ,,आप सभी जानते है ,,मुझे आप सभी मानते है ,,में बोलने में अच्छी लगती हूँ ,,,,मेरे नाम पर सम्मेलन भी होते है ,,टी वी ,,फ़िल्म ,,,,मंचों पर मेरी ज़ुबान में गीत ,,गज़ल ,,डायलॉग होते है ,,मेरे नाम पर एकेडमी बनाकर सरकार सियासत करती है ,,जो मुझे ,नहीं समझते ,मुझे लिखना भी नहीं जानते , उन्हें मेरी एकेडमी में लिया जाता है, रिटायर्ड को लाया जाता है, मंत्री दर्जा चेयरमेन नहीं दिया जाता है , ,,,,,,,,,,,जी हाँ में उर्दू हूँ हिंदुस्तान की कॉख में जन्म लेकर सियासी ,,,अदालती ,,प्रशासनिक जुबां बनी ,,आज भी मेरी यादे अदालती जुबां में शेष है ,,दोस्तों मुझे बचाने के लिए ,,मुझे ज़िंदा रखने के लिए,, यूँ तो कई लोगों ने ,, जद्दोजहद की,, लेकिन मुझे मेरे ही हिंदुस्तान की कोख में, एक अनचाही बेटी की तरह,, अवैध रूपसे गर्भपात करवाया जाता रहा है ,,, ,,मुझे हंसी आती है,, मेरे ही क़ातिलों के हाथ में,,, मुझे बचाने की दवा तलाशी जा रही है ,,खेर कोशिश अच्छी है, लेकिन में बता दूँ,, में हिंदुस्तान की कोख में जन्मी जुबां हूँ,, में किसी धर्म ,,किसी जाती ,,किसी सम्प्रदाय की गुलाम नहीं,, में आज़ाद हूँ,, मुझे चाहे लाख खुबिया हो, लेकिन देश के एक बढ़े तबक़े ने,, मुझे सिर्फ एक धर्म एक सम्प्रदाय की जुबां मानकर,, मेरी मासूमियत छीन ली है,, मुझे स्कूलों से गायब किया जा रहा है ,,,मुझे पढ़ाने वालों को हटाया और छकाया जा रहा है,, उन्हें प्रताड़ित क्या जा रहा है ,,,कहने को तो मेरे नाम की देश और राज्यों एकेडमी है,, लेकिन मेरे नाम से ,,मेरी ज़ुबान में ,,,,,,मुझे रोशन करने के लिए,,, अंधेरों और सियाह दिल लोगों को ,,,ज़िम्मेदारी दी गयी लिहाज़ा में बीमार हूँ,, में डाइलीसीस पर नहीं ,,,,, में वेंटीलेटर पर हूँ ,,,मदरसों में मेरे साथ आर्थिक बलात्कार होता है ,,,मुझे पढ़ाने वालों का शोषण होता है ,,उनको उनका हक़ नहीं मिलता,, उनके साथ दूसरी जुबां पढ़ाने वालों के मुक़ाबले,, सौतेला व्यवहार होता है उन्हें उपेक्षित रखा जाता है ,,उनकी नोकरी पक्की नहीं होती,, उनसे नोकरी का शुल्क भी मदरसों में लूटखसोट के रूप में लिया जाता है और जब,,,, मुझे पढ़ाने के लिए उनकी नियुक्ती होती है तो,, इस में काफी गढ़बढ़ घोटाला होता है ,, एक ज़िले वाले को कोसों दूर दूसरे ज़िले में लगाया जाता है , उनके ट्रांसफर , खाली जगह पर , उनके अपने ज़िलों में ,काफी मिन्नतों के बाद भी नहीं किये जा रहे है ,, ,,शिकायतें होती है ,,,लेकिन जांच नहीं होती ,,,,अफ़सोस,,, सद अफ़सोस, में उर्दू हूँ, अलीगढ मेरा गढ़ है,, लेकिन वहाँ की डिग्री उर्दू बी ऐड , ,अदीब ,,माहिर ,,कामिल ,,मोअल्लिम को,, राजस्थान में उर्दू पढ़ाने के लिए,,,, सक्षम नहीं माना जाता ,,में उर्दू हूँ,, मुझे राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री भेरोसिंह शेखावत ने ,, सभी स्कूलों में पढ़ाने के लिए ,, स्कूल प्रिंसिपल को छूट देते हुए ,,, हुक्म दिया था ,, के मुझे पढ़ने के दस छात्र छात्राए अगर हो,,, तो मुझे पढ़ाने के लिए एक शिक्षक लगाया जाए,, लेकिन अफ़सोस मेरा क़त्ल क्या गया,, मुझे पढ़ाया नहीं गया,, अल्लाह का शुक्र है अशोक गहलोत सरकार ने , उस सर्कुलर को ,, फिर से ज़िंदा करने की कोशिश की है , लेकिन स्टाफिंग पैटर्न जस का तस , मेरे खिलाफ बना हुआ है ,उसे आज भी नहीं बदला है ,, जहां जहा में थी ,, वहाँ से मुझे बे आबरू कर,, निकाला गया ,मुझ से मेरा हक़ छीना गया ,, मेरी जवानी छीनी गयी ,, मुझसे बलात्कार किया गया और अब ,,, यही लोग मुझे रोशन करने का चिराग, अपने हाथ में थामे है , मुझ पर सियासत कर रहे है ,, खुदा इन्हे सद्बुद्धि दे ,अक़्ल दे , ,खुदा इन्हे पुरखुलूस करे,, इनकी कथनी और करनी में अंतर न करे , ,ऐ खुदा मुझे बचाने के लिए इस सरकार में जो लोग जो मंत्री जो विधायक ,,कार्यकर्ता जो शिक्षक ,,जो पत्रकार ,,जो लेखक ,जो समाजसेवक आगे आये है,, खुदा उन्हें कामयाब करे वरना पूर्व सरकारों ने तो मुझे चारों खाने चित कर,, बर्बाद कर दिया,,, मेरे नाम ,पर भ्रष्टाचार फैलाया ,,फरेबी और मक्कारों को , मुझे फरोग देने के लिए लगाया ,,,,,,अब मुझे,, फिर उम्मीद है, मेरे क़ातिल शायद , मेरे मसीहा बन जाए ,मुझे इन्साफ दें ,,यह लोग मुझे फिर से आबाद करे ,,मुझे गर्भ में ही पल रही बेटी की तरह से , अवैध रूप से गर्भपात न करवाये ,,,मुझे ग्रास रूट पर,, ज़मीनी हक़ीक़त पहचानते हुए मदरसों में स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ,,प्राइमरी स्तर से लोगों के बीच, एक जुबां एक भाषा ऐक साहित्य के तोर पर रखा जाए ,,मुझे स्कूलों से सीनियर स्कूल ,,कॉलेज तक आबाद किया जाए ,, में उर्दू हूँ ,बेबस हूँ लाचार हूँ ,मोहताज हूँ , मेरी मदद के लिए प्लीज़ ,सभी लोग आगे आएं , ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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