मित्र की शादी छोड़,120 किलोमीटर जा कर लिया नैत्रदान
2. कोटा से 120 किलोमीटर दूर,रात 12 बज़े भवानीमंडी में सम्पन्न हुआ नैत्रदान
3. शादी से निकलकर,बीच रास्ते में कपड़े बदले,और पहुँच गये 120 km दूर नेत्रदान लेने
किसी
भी तरह की प्राकृतिक आपदा हो या मौसम की प्रतिकूलता,या फिर शहर से काफी
दूर होने पर भी यदि परिजन नेत्रदान के लिए अपनी सहमति देते हैं, तो शाइन
इंडिया फाउंडेशन के सदस्य दिन के किसी भी पहर,चौबीस घंटे, सभी तरह की
परेशानियों को सहते हुए नैत्रदान का पुनीत कार्य संपन्न करवाने में प्रदेश
में अग्रणी है ।
इसी क्रम
में कल कोटा से 120 किलोमीटर दूर भवानीमंडी निवासी श्री ओमप्रकाश गुप्ता का
रविवार शाम को आकस्मिक निधन हुआ,ओम प्रकाश जी के विनम्र स्वभाव,मृदुल व
सेवाभावी व्यवहार के कारण,वह शहर के सभी उम्र और वर्ग के लोगों में काफी
चर्चित थे । ओम जी शहर के सभी तरह के सामाजिक और धार्मिक कार्यों से भी
काफी समय से जुड़े रहे हैं ।
ओम
जी के देवलोक-गमन के उपरांत उनके बेटे अभिषेक, बेटी तृप्ति और नेहा ने,माँ
सुशीला गुप्ता से पिताजी के नेत्रदान करवाने की सहमति ली,और तुरंत ही शाइन
इंडिया फाउंडेशन की भवानीमंडी शाखा के ज्योति मित्र कमलेश दलाल को दी ।
कमलेश जी ने नेत्रदान से संबंधित सभी चिकित्सकीय जानकारी लेने के उपरांत
कोटा में बीबीजे चैप्टर के कोऑर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ को संपर्क किया ।
डॉ
गौड़ ,उस समय अपने करीबी मित्र हार्दिक पटेल की शादी में परिवार सहित
निकलने वाले ही थे कि,कमलेश जी ने नेत्रदान लेने के लिए भवानीमंडी आने को
कहा, डॉ० गौड ने उसी समय घर से नेत्रदान लेने वाला किट और 1 जोड़ी कपड़े
साथ में रखें,परिवार के सदस्यों को वैवाहिक स्थल पर छोड़ा,अपनी उपस्थिति दी,
और तुरंत ही नेत्रदान लेने के लिए रवाना हो गये,शादी के कपड़ों में शोक
वाले घर पर जाना थोड़ा असहज लग रहा था,इसलिए बीच रास्ते में गाड़ी रोक कर
उन्होंने कपड़े बदलें,और आगे के लिये रवाना हो गये ।
देर
रात 12:00 बजे भवानी मंडी स्थित निवास पर नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न
हुई । नेत्रदान प्रक्रिया के दौरान परिवार के सभी सदस्य मौके पर मौजूद
थे,छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं ने भी नैत्रदान की पूरी प्रक्रिया को अपने
सामने होते देखा । ज्ञात हो कि यह भवानीमंडी का 79 वां नेत्रदान है, कोटा
के बाद भवानी मंडी क्षेत्र,हाड़ौती संभाग में नेत्रदान के कार्य में अग्रणी
स्थान रखता है ।
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