संभाग में सम्पन्न हुये,दो महिलाओं के नैत्रदान
2. एक शहर में,दूसरा 120 किलो मीटर दूर सम्पन्न हुआ नैत्रदान
हाड़ौती
संभाग में नेत्रदान के प्रति जागरूकता अब दिनों दिन बढ़ती जा रही है, जहां
साल भर में सिर्फ 2 जोड़ी नेत्रदान से इस कार्य की शुरुआत हुई थी,वहाँ अब
माह में 20 से अधिक नेत्रदान साधारणतया हो जाते है।
*500 से अधिक ज्योतिमित्र से संभाग में बढ़ रहा नैत्रदान*
हाड़ौती
की संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान के कार्य को राष्ट्रीय पहचान
देने में ज्योति-मित्र का बहुत ही बड़ा योगदान है । संस्था के बनाए हुए
ज्योति मित्र प्रतिदिन नेत्रदान के संदर्भ में शहर में चर्चा में रहते
हैं,यही कारण है कि, जब कहीं शोक का समय आता है तो,नैत्रदान का कार्य बहुत
आसानी से संपन्न हो जाता है ।
आज
भवानी मंडी निवासी,नरेंद्र सांवला की माता जी श्रीमति लाड़बाई सांवला जी का
हृदयाघात से आकस्मिक निधन के उपरांत बेटे नरेंद्र और पोते डॉ अमित,जयंत की
सहमति के उपरांत उनका नेत्रदान का कार्य करवाने के लिए संस्था के ज्योति
मित्र कमलेश दलाल जी को संपर्क किया गया ।
कमलेश
जी की सूचना पर कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन व बीबीजे चैप्टर के
कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ ने टैक्सी से 120 किलोमीटर का सफ़र तय कर
भवानीमंडी में लाड़बाई जी के निवास पर उनका नैत्रदान लिया । ज्ञात जो कि 4
वर्ष पूर्व लाड़बाई की बहू प्रेमलता देवी का भी नैत्रदान परिवार के सहयोग
से सम्पन्न हुआ था ।
इसी
दौरान कोटा शहर की तलवंडी क्षेत्र निवासी सूरजमल गुप्ता जी की धर्मपत्नी
मालती देवी का आकस्मिक निधन हुआ । क़रीबी रिश्तेदार भी धीरे-धीरे शोक प्रकट
करने के लिए आ चुके थे, तभी संस्था के ज्योति-मित्र व दामाद महेश गर्ग को
याद आया कि,यदि अंत समय में नेत्रदान का कार्य संपन्न हो सकता है तो, इससे
ज्यादा पुनीत कार्य कुछ नहीं हो सकता हैं।
तुरंत
ही संस्था के सदस्य अपने साथ तकनीशियन को लेकर मौके पर पहुंच गये और
नेत्रदान का पुनीत कार्य तलवंडी स्थित निवास पर संपन्न हुआ।
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