तुम जियो हजारो साल और साल के दिन हो हजार ...तुम्हे दुनिया की हर ख़ुशी हर कामयाबी मिले ..आमीन
दोस्तों आदाब सलाम ..आप सोच रहे होंगे के यह बेवक्त आदाब और सलाम क्यूँ ..जनाब हर चीज़ का एक पहलु एक जरूरत और एक वक्त होता है आज का दिन मेरे लियें और मेरी जिंदगी के लियें एक अहमियत वाला दिन है ..दोस्तों आज की रात राजस्थान के नवाबों के नगर टोंक में ठिठुरती सर्दी में एक गर्म मिजाज़ लडकी का जन्म हुआ जी हाँ यह वही लडकी है जो मेरी बगल में मेरी जीवन साथी बनी है.... मेरे साथ कदम दर कदम मिला कर चल रही है ...लगभग हज़ारों हज़ार साल से हम दोनों एक दुसरे को भुगत रहे है.. कभी यह मुझ से रूठती है.. कभी में इससे रूठता हूँ.. कभी यह मुझे मनाती है.. कभी में इन्हें मनाता हूँ ..में अपनी जिंदगी में अकेला था ..और यकीन मानिए अकेले रहने का एहसास रखना चाहता हूँ... लेकिन यह जीवन संगिनी जो है इसने मेरे अकेलेपन को दूर किया ..... एक प्यारा सा राजकुमार.. दो प्यारी सी बिटियों का तोहफा दिया है ..आज मेरी इसी जीवन संगिनी ..जीवन साथी ..अहलिया आली जनाब मोहतरमा साहबजादी टोंक स्टेट श्रीमती रिजवाना अख्तर का जन्म दिन है... दोस्तों यह ओरत है... में इनकी मजबूरी समझता हूँ.. इनका जन्म किस साल में हुआ.. यह तो बताकर में इनके बुढापे की पोल नहीं खोलूँगा... लेकिन बीस जनवरी को इनका जन्म दिन है.. और मेरी तरफ से इन्हें आज का दिन इनका जन्म दिन मुबारक हो ..सालगिरह मुबारक हो ..यह हमेशा इनके शोहर की गुलाम उनकी गुलाब रहे ..उनके साथ यह और इनके साथ इनके शोहर रहैं... बच्चे इनके फरमाबरदार और तहज़ीब याफ्ता होकर ऊँचे ओहदे दारान होते रहें .. इन्हें अपनी जिंदगी में सभी सुख मिले ..इज्ज़त मिले ..धन मिले ..शोहरत मिले.. सुकून मिले ..लम्बी उम्र मिले.. सह्त्याबी मिले ..इनके सर पर हमेशा सास , बढ़ों, छोटों का साया बना रहे ..इनकी हर ख्वाहिश पूरी हो ..इनकी गोद इनकी हर मुराद पूरी करे ...इनकी जवानी बरकरार रहे... दुश्मनों के फरेब से इन्हें खुदा हमेशा बचाए ..दुनिया की हर ख़ुशी इन्हें मिले .आमीन सुम्मा आमीन ........ दोस्तों वेसे तो मेने यह ब्लॉग लिखना जब शुरू किया था ..तो मेरे मन में मेरी अहलिया को जन्म दिन की मुबारकबाद देने के साथ साथ शरारत का मुड था ...में मजाहिया अंदाज़ में उन्हें मुबारकबाद देना चाहता था लेकिन न जाने एक लम्हे में मेरे दिमाग के तार क्यूँ तार बिखर गये और में अब इस अंदाज़ में मेरी अर्द्धांगनी को मुबारकबाद दे बेठा हूँ ..एक और खास बात है..... कम्प्यूटर और ब्लोगिग्न को पिछले कई सालों से कोस रही . मेरी बीवी के लियें में यह 39 हज़ार 786 वीं, पोस्ट लिख रहा हूँ ..मेरे लियें यह गोरव की बात है के मेरी शरीक ऐ हयात मुझे सुबह , शाम , उठते, बैठते, डरा धमका कर उंगलियों पर नचाती रहती है, ..एक बार फिर जन्म दिन .सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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