राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा, महात्मा गाँधी के शहीद दिवस , तय शुदा वक़्त के एक दिन पहले ही समापन करवाने के लिए मजबूर कर दी गई , कार्यक्रम एके दिन पहले करवा दिया गया , क्या मजबूरियां यही , इन सवालों के जवाब , बिकाऊ मिडिया जी को खोजकर आम जनता के सामने रखना चाहिए , सुरक्षात्मक वजह अगर है , तो फिर सरकार तक तो इस आवाज़ को पहुंचा कर ऑपरेशन कॉकरोच सफाई अभियान चलाना ही चाहिए , कश्मीर लाल चौक आज भी सुरक्षित नहीं है , ,भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार , अमित शाह का ग्रह मंत्रालय , देश को आज़ादी के साथ ,, भयमुक्त कश्मीर खासकर लालचौक देने में नाकामयाब साबित हुआ ,है ,, कश्मीर राज्य है , कश्मीर आज़ाद है , कश्मीर सुरक्षित है , कश्मीर फाइल्स ,, की पोल पट्टी के बाद , किसकी वजह से कश्मीर की फ़िज़ां बिगड़ी , बहस खत्म नहीं हुई , हिंसा, मारकाट ,गोलीबारी , आद्नोलन , सब चल ही रहे हैं , हमारे सुरक्षा बल बढ़ी बाहदुरी से अपनी जान जोखिम में डालकर , जान देश की सुरक्षा पर दिन प्रति दिन न्योछावर कर रहे है ,, फिर भी कहाँ गड़बड़ी है , जो हम , ,370 हटने ,, सुरक्षा बलों की कढ़ी चौकसी , सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी , आज कश्मीर लालचौक को आम आदमी के लिए सुरक्षित घोषित नहीं कर पा रहे हैं , शाबाश राहुल गाँधी , जो तुमने कश्मीर से कन्याकुमारी की भारत जोड़ो यात्रा के वक़्त ,, कश्मीर के लालचौक पर , महात्मा गाँधी के शहीद दिवस पर , तिरंगा फहराने का कार्यक्रम रखा , सुरक्षा की क्या मजबूरी थी , सुरक्षा कर्मियों की क्या कमी थी , क्या आंतरिक इन्फॉर्मेशन थी , यह तो सुरक्षा बल जाने , केंद्र सरकार जाने ,लेकिन यह तय हो गया के , कुछ गड़बड़ अभी भी है , अभी भी ,वहां लोग असुरक्षित हैं , तय शुदा कार्यक्रम में भारी सुरक्षा के बाद भी , खतरे की संभावनाओं से इंकार नहीं है , इसीलिए तो , राहुल गाँधी का लाल चौक पर झंडा फहराने का महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम था , देश में भारत से भारत जोड़ो यात्रा के समापन का कार्यक्रम था , जो ,सुरक्षाबलों ने , नहीं होने दिया , और एक दिन पहले ही , इस कार्यक्रम को , लाल चौक पर तिरंगा फहराने के कार्यक्रम को करवा दिया , यक़ीनन कुछ तो गड़बड़ है , , ऐसे में , नरेंद्र जी मोदी प्रधानमंत्री भारत सरकार को , सर्वदलीय बैठक बुलाकर , इस पर चर्चा करना चाहिए , कहाँ कमी है , कहाँ हम खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं , ,, कहाँ से हमे खतरा है , कैसे हम इन खतरों से बचकर , बेखौफ होकर लालचौक पर जब चाहें झंडा फहरा सकते हैं ,, मिलजुलकर एक दूसरे की मदद से , हम कैसे भारत को आतंकवाद मुक्त कर सकते हैं , इस पर ईमानदाराना चर्चा के बाद , क्विक एक्शन लेकर, जो बुनियाद में छुपे लोग हैं , जो आतंककारी गतविधियों के संरक्षक है , मददगार है , जो आतंककारी हैं , जो प्रशिक्षण स्थल है , उन सब को तबाह कर , एक अभियान के साथ , ऑपरेशन कॉकरोच सफाई के साथ , देश को सुरक्षित कर देश को ओरिजनल आज़ादी की जंग लड़ कर ,देश को मज़बूत करना है , आंतकवाद से देश को आज़ाद कराना चाहिए ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 जनवरी 2023
राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा, महात्मा गाँधी के शहीद दिवस
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