नैत्रदान कर अपना नाम सार्थक कर गये, प्रकाश जैन
2. दामाद के प्रेरणा से,सम्पन्न हुआ ससुर का नैत्रदान
महावीर
नगर प्रथम,निवासी प्रकाश जैन के निधन उपरांत उनके बेटे विनोद जैन,बेटी मधु
व बीना जैन को दामाद प्रवीण जैन ने नेत्रदान पिता जी के नैत्रदान के लिये
समझाइश की । बच्चों ने माँ ललिता जैन से नेत्रदान के लिए सहमति लेकर शाइन
इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया ।
दामाद
प्रवीण जी ने 2 वर्ष पूर्व अपने पिताजी श्रीमान दौलत कुमार जैन का भी
मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न कराया था,इसी कारण से जैसे ही ससुर प्रकाश जी की
मृत्यु हुई तो उन्होंने तुरंत ही नेत्रदान के लिए परिवार के सभी सदस्यों
को राजी किया ।
सभी की
सहमति मिलने के उपरांत शाइन इंडिया के सहयोगी टेक्नीशियन टिंकू ओझा और
सदस्यों के सहयोग से नैत्रदान का पुनीत कार्य सम्पन्न हुआ ।
परिवार
के सभी सदस्यों को नेत्रदान के कार्य से काफी प्रेरणा मिली,विनोद जी ने
कहा कि, सही मायनों में इस पुनीत कार्य से पिताजी का नाम भी सार्थक हुआ है ।
नैत्रदान के कार्य से अब वह किसी पुण्यात्मा की आँखों में रौशनी बनकर सदा
सदा के लिए प्रकाशित हो गए हैं ।
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