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01 अक्तूबर 2022

बेशक इबराहीम हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों में थे

 बेशक इबराहीम हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों में थे (111)
और हमने इबराहीम को इसहाक़ (के पैदा होने की) खु़शख़बरी दी थी (112)
जो एक नेकोसार नबी थे और हमने खु़द इबराहीम पर और इसहाक़ पर अपनी बरकत नाजि़ल की और इन दोनों की नस्ल में बाज़ तो नेकोकार और बाज़ (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सरीही सितम ढ़ाने वाला (113)
और हमने मूसा और हारून पर बहुत से एहसानात किए हैं (114)
और खु़द दोनों को और इनकी क़ौम को बड़ी (सख़्त) मुसीबत से नजात दी (115)
और (फिरऔन के मुक़ाबले में) हमने उनकी मदद की तो (आखि़र) यही लोग ग़ालिब रहे (116)
और हमने उन दोनों को एक वाज़ेए उलम तालिब किताब (तौरेत) अता की (117)
और दोनों को सीधी राह की हिदायत फ़रमाई (118)
और बाद को आने वालों में उनका जि़क्रे ख़ैर बाक़ी रखा (119)
कि (हर जगह) मूसा और हारून पर सलाम (ही सलाम) है (120)

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