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04 जून 2022

गर्मियों में बाहर के खेल बंद तो घर में कसरत चालू

 

गर्मियों में बाहर के खेल बंद तो घर में कसरत चालू
बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति हम सजग कैसे रहे
डॉ वितुल खंडेलवाल
कोटा। ईश्वर ने हर किसी को बहुत कुछ खूबियां एवं खासियत भी हैं तो उनके जीवन में कुछ गुंजाइश भी रखी हैं परिपूर्ण ना होना ही जीवन की खूबसूरती है यही लगन का कसौटी का चुनौतियों का नाम भी है अधूरे पन के साथ पूर्णता की ओर बढ़ना ही दक्षता है अगर आप पूरे समय अपनी नाकामियों और गलतियों के बीच झूलते रहेंगे तो आपकी योग्यता एवं विशेषताएं धरी रह जाएंगी यदि आप अपनी कमियां ही खोजते रहेंगे तो खूबियां प्रत्यक्ष होने के बावजूद नजर नहीं आएंगी इसलिए हम सभी को ध्यान रखना है कि हम इतना खुश और सफल होने की प्रयास करते हैं यह उनके सोचने के तरीके पर भी निर्भर करता है खुशियां वर्तमान में होती हैं भविष्य में खुशियों की कल्पना करना वास्तव में अपने जीवन मैं वर्तमान पर अफसोस करना ही होता है । डॉ वितुल खंडेलवाल ने बताया कि हम सभी को इस सच को पूरी तरह जान लेना चाहिए कि ईश्वर को छोड़कर कोई भी परिपूर्ण नहीं है हर कोई बहुत सारे मामलों में औरों से कमतर है जाहिर है आप एक साथ सुंदर फैशनेबल अकलमंद मजाकिया गंभीर आदि नहीं हो सकते हैं ना ही आपको चेहरे की सुंदरता के साथ अच्छी आवाज रंग कद बाल फिगर और चाल का वरदान मिल सकता है इसलिए अपनी नेताओं को देखें और उन्हें खुश रहें और केवल सुंदरता में ही नहीं वरन हर मामले में ऐसा सोचे और करें। डॉ विपुल खंडेलवाल ने बच्चों के ऊपर फोकस करते हुए बताया कि अभी के मौसम को देखते हुए इस भरी गर्मी में बच्चों को घर के भीतर ही रहते हुए ऐसी दिमागी कसरत कराई जा सकती है जो उनकी रचनात्मकता का इस्तेमाल करते हुए एकाग्रता बढ़ाएगी और मनोरंजन भी कर आएगी। इस भरी गर्मी के दौर के दौरान उन बच्चों के कदम भी घर पर बांध दिए हैं जिनके पांव एक पल भी नहीं सकते थे बच्चे ना स्कूल जा रहे हैं नापाक ना मोहल्ले में खेलने के लिए जा रहे हैं वह सिर्फ घर में ही गर्मी की वजह से पूरी तरह से रुके हुए हैं खेलकूद बच्चों के दिमाग को शांत रखने और उनके विकास के लिए बहुत जरूरी है जोकि इस समय बहुत कम संभव हो सक रहा है बच्चों का दिमाग शांत रखने तनाव दूर करने और विकास जारी करने के लिए कुछ दिमागी कसरत हम आपके सामने लेकर आ रहे हैं हालांकि बड़ों को भी बच्चों के साथ साथ दिमागी कसरत जरूर करनी चाहिए तभी वह भी रुचि लेंगे और हम सभी व्यस्त रहकर मस्त रहकर और आजीवन स्वच्छता की ओर अपने आप को अग्रसर कर सकेंगे।
1) कमी को समझें और खूबी को निखारे::: बच्चे अपनी भावनाओं को शब्दों में बयान नहीं कर पाते हैं ऐसे में चित्र के जरिए उनके दिमाग को पढ़ा जा सकता है पूरा दिन गुजरने के बाद बच्चे के साथ बैठे हैं उसे आंखें बंद करने के लिए कहें और पूरा दिन कैसे गुजरा या कैसा महसूस किया इस पर विचार करने के लिए कहें क्या आज के दिन में खुशी दुख निराशा क्या उनको महसूस हुआ इन विचारों के आधार पर उसे कागज पर चित्र बनाने के लिए कहे चित्र सटीक बने इस पर दबाव नहीं डालें साथ ही वह पेन कलर चौक या जिसकी भी तरह उसे बनाना चाहे बनाने दें इसके बाद आपको लगता है कि बच्चा निराश है तो उससे बात करने की कोशिश कर सकते हैं।
2) ग्लिटर का जार ::::::: एक साफ बोतल या जार में पानी भरे लेकिन ऊपर से दो तीन सेंटीमीटर उसे खाली छोड़ दें इसमें पारदर्शी गोंद या फूड कलर की कुछ बूंदें हैं और ग्लिटर डालकर अच्छी तरह से बंद कर दें फिर जार को हिला कर इन्हें मिलाएं जब बच्चे को बताएं कि यह यार उसका दिमाग है और ग्लिटर उसकी भावनाएं जार को हिलाकर टेबल पर रख दें और बच्चे को घूमते हुए 1 लीटर को नीचे आने पर ध्यान से देखने को कहें उसे बताया कि हमारा दिमाग ही कुछ इसी तरह से कार्य करता है जब हम परेशान होते हैं तो हमारे दिमाग में भी भावनाएं लीटर की तरह घूमती हैं और दिमाग इस हलचल से कई दफा गलत फैसले भी कर लेता है पर जब पानी की हलचल शांत हो जाती है तो ग्लिटर दिए दिए नीचे बैठ जाता है उसी तरह जब हम खुद को शांत करते हैं तो चीजें साफ दिखने लगती हैं और हम बेहतर सोच पाते हैं सही फैसला ले पाते हैं इस कसरत से बच्चे के दिमाग को शांत रखने और भावनाओं को संभालना बच्चे सीख पाएंगे और यह मन को शांत करने और कभी भी बच्चों को गुस्सा ना आने में इस प्रोसेस की तरफ से काफी मदद हमें मिल सकती है।
3) चुप रहने की कसरत:::::: बच्चे के सामने बैठ जाएं और यह कसरत शुरू कर रहे हैं बच्चे को आंख बंद करके और चुप होकर बैठना है मुंह से कोई भी आवाज नहीं निकालनी है साथ ही शरीर को भी यथासंभव से शांति एवं स्थिर इस दौरान उसे आसपास से आने वाली आवाजों को सुनना है इस खेल के लिए 2 मिनट का समय तय कर सकते हैं समय खत्म होने के बाद उसने क्या क्या सुना और क्या क्या महसूस किया इस पर बात करें इससे वह खुद को केंद्रित करना सीखेगा और तनाव होने पर दिमाग को शांत रखना भी अच्छी तरह से सीख जाएगा और अगर दिमाग शांत रहेगा तो मान के चलिए कि वह बच्चा अपने आप को काफी ज्यादा फोकस कर पाएगा और उसकी वजह से को पढ़ाई में बहुत मदद मिलेगी उसका कंसंट्रेशन लेवल बढ़ेगा और साथ ही वह अपनी याददाश्त को और बढ़ाने में सफल हो सकेगा ।
4) संतुलन जरूरी:::::: यह कसरत कम खेल ज्यादा है जिसे करने से बच्चे को बहुत मजा आएगा बच्चे को एक पैर पर चलने के लिए कहें चलते हुए दूसरा पैर जमीन पर बिल्कुल भी नहीं आना चाहिए और ना ही संतुलन बिगड़ना चाहिए जब पूरा ध्यान संतुलन पर केंद्रित करने के लिए बच्चा इस तरह से खेलते हुए पूरे कमरे में चलेगा तो बच्चे को बेहतर कसरत कराने के लिए अपने आप को केंद्रित करने में पूरी तरह से सक्षम महसूस करेगा इस कसरत के साथ-साथ हंसी मजाक का माहौल भी बनेगा जो घर में बंद बच्चों के लिए बहुत जरूरी है और इन्हीं से बच्चे का कंसंट्रेशन लेवल और उसका मेंटल स्ट्रेस कम होता चला जाएगा।
5) दिनचर्या एवं खान पान का प्रभाव:::::: हम सभी घर में रहकर बहुत ज्यादा खान पीन करने के लिए बाध्य हो जाते हैं ऐसे में कैलोरी मैनेजमेंट का ध्यान रखते हुए शेक एवं प्लांट बेस्ड प्रोटीन का इस्तेमाल अपने खाने एवं नाश्ते में करने से हम अपने कैरोली मैनेजमेंट को अच्छी तरह से निभा सकते हैं और हमें भूख पर भी नियंत्रण रह सकता है क्योंकि कसरत करने के बाद जैसे ही कोशिकाएं एक्टिवेट होती हैं और उन्हें अच्छा खाने की जरूरत होती है उस समय अगर गलत खान-पान हम लेंगे तो इससे हमारा शरीर का वेट बढ़ेगा और हमारा मेटाबॉलिक रेट डाउन हो जाएगा। हमारे पूरे शरीर के लिए विटामिन ,मिनरल ,कार्बोहाइड्रेट इत्यादि का पूरा समावेश यदि रोज नियमित रूप से लिया जाए तो हमारे पूरे शरीर की सभी तरह की तत्वों की पूर्ति यह मल्टीविटामिन टेबलेट कर देती है जिसके की हम पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रह सकते हैं। साथ ही अपने दिन में कम से कम तीन बार फ्रेश एनर्जी ड्रिंक लेने मात्र से ही हमारे पूरे शरीर में जितने भी टॉक्सिंस बढ़ते चले जाते हैं उन्हें धीरे-धीरे अपने शरीर से यूरिन के रास्ते निकाला जा सकता है जिससे कि हमारा पूरी तरह से एनर्जी लेवल बढ़ने में हमें मदद मिलती है और हमारा कंसंट्रेशन लेवल ,हमारी विल पावर, हमारी चल डिफेंसइन पावर और हमारा इम्यून सिस्टम पूरी तरह से इंप्रूव होता है जिससे कि हम अपनी सफलताओं को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हो सकते हैं।
डॉ वितुल खंडेलवाल ने बताया कि पीने के पानी को हमेशा उबालकर छानकर ठंडा कर कर ही इस्तेमाल करें ठंडा खट्टा बासी एवं बाजार के किसी भी तरह का पैक प्रोसेस फूड और ड्रिंक को अवॉइड करें ।साथ ही वाटर को ही पूरी तरह से अपने जीवन का हिस्सा बना लें और उसी का प्रयोग करें जिससे कि आपके शरीर का पीएच लेवल हमेशा मेंटेन रहेगा और आपके शरीर में किसी भी तरह के रोग के कीटाणु एवं जीवाणु नहीं पनप सकेंगे और आप आजीवन स्वस्थ बने रह सकेंगे। हमारे शरीर का वात पित्त कफ का संतुलन ठीक रह सकेगा।
डॉ वितुल खंडेलवाल ,अध्यक्ष ,हाडोती स्वास्थ सेवा संस्थान ,फिजीशियन, काउंसलर ,योगा इंस्ट्रक्टर एवं वैलनेस कोच

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