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24 फ़रवरी 2022

,,लिव इन रिलेशन शिप के नाम पर , कोटा की कुछ होटलों , कुछ हॉस्टल में एक एक घंटे के लिए किराये के कमरों से बिगड़ सकता है माहौल ,,

 ,,लिव इन रिलेशन शिप के नाम पर , कोटा की कुछ होटलों , कुछ हॉस्टल में एक एक घंटे के लिए किराये के कमरों से बिगड़ सकता है माहौल ,,
, लिव इन रिलेशनशिप है तो घर पर ही रिलेशन बनाये ,  इसके लिए एक एक घंटे के कमरों की ज़रुरत क्यों ,,
पुलिस को ऐसी होटलों को चिन्हित कर , मुखबिर प्रणाली से तलाशी अभियान की है ज़रूरत , ,
अभय कमांड के कैमरे ऐसी होटलों के मुख्य दरवाज़ों पर लगाकर हो कढ़ी निगरानी , सभी जानते है , पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत , जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा , ऐसे गंभीर मामलों में किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेंगे , उन्हें सूचनाएं दें , वोह कार्यवाही करेंगे , कोटा के संभ्रात व्यापारी , व्यापार संघ भी किसी भी गैर क़ानूनी काम के है खिलाफ ,, कुछ गिनती के लालची लोगों द्वारा लुका छीपी खेल के साथ बिगाड़ा जा रहा है , माहौल ,,
यह  कोटा की सर ज़मीं है , यहां , देश के हर कोने से बेटियां पढ़ने आती हैं , इसलिए यहां की पुलिस , यहां की आम जनता , यहां के बेटों , यहां के प्रशासन , शिक्षकों , खासकर होटल , हॉस्टल व्यापारियों के लिए बहुत बढ़ी ज़िम्मेदारी है , सावधानी हटी , दुर्घटना घटी , ,बेटियों को लेकर , कोटा बदनाम ना हो , इसके लिए , कोटा की  कुछ होटलों , कोटा के वोह  कुछ हॉस्टल , जो घंटे भर के हिसाब से कमरे किराये पर चलाते है , उनके बाहर अभय कमांड के कैमरे मुख्य दरवाज़ों पर लगाकर निगरानी करना ज़रूरी है ,, जी हाँ दोस्तों , ,कोटा बदल गया है , यहां के व्यापार भी बदल रहे है , लिव इन रिलेशनशिप के सुप्रीमकोर्ट वर्डिक्ट के बाद , घंटे भर होटलों में किराये से कमरा लेकर , आने जाने वालों के लिए पुलिस की भी अपनी दलीलें होने लगी है ,,वोह व्यभिचार और प्यार के बीच का अंतर ही नहीं समझ पा रहे ,  हाल ही में ,विज्ञाननगर थाने में आयोजित , सी एल जी समिति की बैठक में मेने जब यह मुद्दा उठाया तो दलील दी गयी , के लिव इन रिलेशन शिप के मामले में कुछ नहीं किया जा सकता , हाँ होटलों को निर्देशित कर दिया गया है , के जो आये उनका आधार कार्ड लो , अलग अलग मज़हब के लोग ना हों , और बालिग हों , अजीब बात थी , लेकिन यहां नव नियुक्त उप पुलिस अधीक्षक संजय राठोड ने इस दर्द को समझा , पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने इस व्यवस्था के खिलाफ छानबीन की, निर्देशित किया , नतीजा सामने था , विज्ञानं नगर मुख्य बाज़ार पर चल रही एक होटल में , बाहर से महिलाओं को लेकर ,ग्राहकों को बुलाकर वेश्यावृत्ति का व्यापार हो रहा था , भूमिका होटल संचालक , होटल को लीज़ पर लेकर चलाने वाले की क्या रही आज तक आम जनता के सामने नहीं आया , हाँ ,अलबत्ता  इसी होटल परिसर के नीचे बने एक हॉल में ,चल रहे अनुशासित , जिम ,, के बोर्ड की फोटो भी होटल के फोटो के साथ छपने , प्रकाशित , प्रसारित होने से , ज़िम से जुड़े लोग ज़रूर आहत हुए ,, पूर्व पुलिस अधीक्षकों सहित कई पुलिस अधिकारीयों को इस मामले में ,मेरे द्वारा , मेरे साथी आबिद हुसैन अब्बासी द्वारा , होटलों में ,एक घंटे के लिए आते जाते , लड़के , लड़कियों के बारे में कई बार सूचनाएं दिन , लेकिन अफ़सोस , एक जवाब , लिव इन रिलेशन शिप , बालिग होंगे तो हम क्या कर सकते है , अजीब बात है ना , लिव इन रिलेशन शिप , होटलों में ,हॉस्टलों में एक , एक घंटे के लिए कमरे किराए से लेकर , उन कमरों में रंगरेलियां बनाने की इजाज़त नहीं देता है ,, फिर अगर लिव इन रिलेशन शिप का रिश्ता है , तो उसकी खोजबीन भी तो हो, उस रिश्ते की तहत तक भी तो जाया जाए , आखिर ऐसा कोनसा लिव इन रिलेशन शिप का रिश्ता है , जो अपने घरों में रिश्ते बनाने की जगह , एक एक घंटे की महंगी होटलों के कमरों को तलाशते है , वहां बेफिक्र होकर जाते है , में होटल व्यवसाय के खिलाफ नहीं हूँ , में हॉस्टल व्यवसाय के खिलाफ भी नहीं हूँ , लेकिन क़ानून की अपनी ज़िम्मेदारी है , पुलिस की अपनी ज़िम्मेदारी है , इस रिश्ते की आड़ में , इस व्यवसाय की आढ़ में कई बेटियों को बहका कर , फुसलाकर भी ले जाने की पूरी सम्भावनाये है , फिर बिना किसी मर्यादित विवाहित रिश्ते के , कम उम्र के बच्चे ,बेटियां जिनमे सोचने समझने की ज़िम्मेदारियाँ नहीं है , सिर्फ भावनाये है , वोह लोग जो अपने घरों से , अपने परिजनों से छुप कर , होटलों में एक घंटे के कमरों में आ रहे है , आज वोह खुश है , लेकिन कल उनके बीच अगर विवाद होता है , तो फिर या तो निराशा में , ऐसे लोगों का गलत क़दम होता है , या फिर वाद विवाद होते है , या फिर मुक़दमेबाज़ी होती है , हर हाल में परेशानी पुलिस को होती है ,बदनामी कोटा की शिक्षा नगरी होती है , लिव इन रिलेशन शिप है , तो अपने घरों पर रहो , वहीँ रिश्ते निभाओ , एक घंटे के लिए होटल के कमरे किसी भी समाज में , किसी भी शक्ल में , प्यार के रिश्ते नहीं होते , लिव इन रिलेशन शिप के रिश्ते नहीं होते , यह सिर्फ , सिर्फ व्यभिचार  होता है , वक़्ती तोर की एक बहकावे की भावना होती है ,जो बाद में , खुद को ,खुद के परिवार को , समाज को , इस शहर को , इस शहर की क़ानून व्यवस्था को काफी तकलीफ देती है , ऐसे में इसे रोकने के लिए इस पर निगरानी के लिए ,, कोटा पुलिस को सजग , सतर्क होना होगा , एक्शन मोड , पर रहकर , ज़िम्मेदारी से हर थानाक्षेत्र ,  उस थानाधिकारी , उस उप पुलिस अधीक्षक की जानकारी में लाये बगैर , स्पेशल टीम के ज़रिये , कोटा की हर होटलों के मामले में , सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा , होटलों के बाहर पोहे वाले , चाय वाले , सायकल वाले , ठेले वाले , कैंची वाले , दूसरे लोगों से सूचनाएं एकत्रित कर ,छापामार कार्यवाही कर ,ऐसे होटल संचालकों , होटल को लीज़ पर लेकर संचालित करने वालों , होटल मालिकों के खिलाफ क़ानून का शिकंजा कसना होगा , कोटा के आम लोग ,सभ्य , नागरिकों , व्यापारियों ,, को भी ऐसी हरकत देखने पर , टोका टाकी के साथ पुलिस को शिकायत करना होगी , पुलिस को इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एक अलग से सेल का गठन कर ,गुप्त सूचनाओं पर  कार्यवाही  करना होगी ,, व्यापारियों , होटल संचालकों , होटल की तरह से हॉस्टल संचालकों को , बुलाकर उनकी बैठके आयोजित कर ,उन्हें मोटिवेट करना होगा , समझाइश करना होगी , और फिर भी अगर ना माने तो , ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर क़ानूनी कार्यवाही कर ,उनके होटलों को सीज़ करना होगा , ,लाइसेंस निरस्त करना होंगे ,, होटलों में तलाशी के दौरान ,बंद कमरों को भी खुलवाकर देखना ज़रूरी है ,कयोंकि कई होटलों में ,बाहर से ताला लगाकर , मस्त रहते है , ,,, ऐसे अपराधों की रोकथाम , निगरानी के लिए , कोटा पुलिस , जिला प्रशासन को ,, कोटा के हर होटल के मुख्य द्वार , कोई दूसरा चोर दरवाज़ा हो , हॉस्टल के मुख्य द्वार या कोई भी दूसरा दरवाज़ा हो , वहां अभय कमांड सेंटर से जुड़े , कैमरे लगाकर ,वक़्त ब वक़्त आने जाने वालों की निगरानी करना होगी , समाज को भी जागरूक करना होगा ,, क्योंकि अगर यह बेहयाई बढ़ती गयी , ,तो निश्चित तोर पर , ऐसे जोड़े ,, जो अभी स्वेच्छा से आ रहे हैं , उनके बीच अगर कोई बढ़ा वाद विवाद हुआ तो वोह कोटा की सुख , शांति , कोटा की गुडविल , कोटा के शैक्षणिक , औद्योगिक ,व्यापारिक माहौल के लिए , खतरनाक होगा ,, इसलिए हम सभी को ,, वर्तमान हालातों में , पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ,, जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा जैसे ज़िम्मेदार , समझदार , संवेदनशील अधिकारीयों को सूचनाएं देकर , उनका सहयोग लेकर,, इस एक घंटे की होटलों के व्यवसाय की गैर क़ानूनी समस्या को जड़ से खत्म करने के सामूहिक प्रयास करना होंगे, , ,, निश्चित तोर पर ,पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत , ऐसे गंभीर मामलों में , समझाइश के बाद भी अगर कोई नहीं माने , तो फिर कठोर कार्यवाही करने में नहीं चूकेंगे और ऐसे लोगों के साथ थाना क्षेत्र की पुलिस के मिले होने के सुबूत मिलेंगे तो , पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत उनके खिलाफ भी गंभीर कार्यवाही करेंगे , ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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