परिवार में परंपरा बनने लगा है नेत्रदान, एक ही परिवार से पांचवा नेत्रदान प्राप्त
2. संभाग का पहला परिवार, जहाँ से पाँचवां नैत्रदान
देर
रात,भाटापाड़ा,रामपुरा निवासी श्री राजेंद्र जैन (63 वर्षीय) का मध्यरात्रि
में अचानक ह्रदयाघात से देवलोक गमन हो गया,जिसके पश्चात बेटे अंकित
जैन,दामाद वैभव जैन,व भतीजे योगेश जैन ने उसी समय शाइन इंडिया फाउंडेशन को
नैत्रदान करवाने के लिये सम्पर्क किया।
राजेंद्र
जैन जी सरल स्वभाव,मृदुभाषी व सेवाभावी व्यक्ति रहे हैं, एक एक करके अपने
सभी भाइयों के देवलोक गमन के बाद परिवार की सभी जिम्मेदारी को इन्होंने समय
पर निभाया,बस दुख की बात यही रही कि,मई में बेटे अंकित का विवाह था,वह
नहीं देख पाये ।
नैत्रदान
के लिये सूचना मिलने,पर डॉ कुलवंत सुबह 4 बज़े,आई बैंक के तकनीशियन को सूचना
देकर मौके पर पहुँचे,थोड़ी देर में अस्पताल परिसर में परिवार के सभी
सदस्यों के बीच तकनीशियन ने नैत्रदान की प्रक्रिया पूरी हुई।
समस्त
सम्बन्धियों ने उनके निधन के पश्चात, आई बैंक सोसाइटी की टेक्नीशियन के
सहयोग से नेत्रदान का पुनीत कार्य संपन्न कराया, उनके द्वारा दिए गए दो
नेत्रों से किन्ही दो दृष्टिहीनों को पुनः इस सुन्दर सृष्टि को देखने का
सौभाग्य प्राप्त होगा।
ज्ञात
हो कि,संस्था के सहयोग से इसी परिवार से राजेंद्र जी के तीन सगे भाई, वीर
कुमार जैन, पदम कुमार जैन,अशोक कुमार,व भतीजे राकेश जैन का भी नेत्रदान हुआ
है । इस तरह से यह सम्भाग का पहला ऐसा परिवार है,जहाँ से एक ही परिवार के 5
पुण्यात्माओं का नैत्रदान हुआ हैं ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)