बीच राह में एंबुलेंस को रोक कर लिया नेत्रदान
सोमवार
रात अंबेडकर कॉलोनी कुन्हाड़ी निवासी श्री कैलाश जी विजयवर्गीय (63
वर्षीय) रिटायर्ड इंजीनियरिंग सुपरवाइजर का दुर्घटना में निधन हो गया था,
उसके उपरांत उनके पार्थिव शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया
गया । उनके निधन की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी,इस खबर को जैसे
ही शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ ने पढ़ी, तो उन्होंने तुरंत ही कैलाश जी के
बड़े भाई सी पी विजयवर्गीय को संपर्क किया ।
उनसे
अनुरोध किया कि शोक की इस घड़ी में हम सब आपके साथ हैं ,यदि कैलाश जी के
नेत्रदान का पुनीत कार्य संपन्न हो, तो हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति की आंखों
में इनको जीवित रख सकेंगे । पूरी बात सुनने के बाद सी पी विजय जी ने अन्य
भाइयों,कैलाश जी के बेटे जलज,पत्नि वीणा से बात करके पोस्टमार्टम के बाद
नेत्रदान की प्रक्रिया के लिये कहा।
आज
सुबह पोस्टमार्टम के बाद नेत्रदान लेने के लिए पुनः संपर्क किया तो डॉ गौड़
तुरंत ही आई बैंक सोसाइटी के टेक्नीशियन को सूचना दी और मौके पर पहुंच गए
,इसी बीच परिजनों के लगातार फोन आने पर कैलाश जी के पार्थिव शव को लेकर
एंबुलेंस घर के लिए रवाना हो गयी, एंबुलेंस के पीछे पीछे डॉक्टर गौड़ और
टेक्नीशियन भी रवाना हो गये।
संस्था
सदस्य जानते थे कि,कैलाश जी का पार्थिव शव घर पहुंच गया,तो वहाँ और ज्यादा
समय लग सकता है,इसलिए बीच राह में ही एंबुलेंस को रोकने का अनुरोध किया
गया,जिसे परिजनों स्वीकार कर लिया और थोड़ी देर बाद कुन्हाड़ी पेट्रोल पंप
के पास बीच रास्ते में नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया गया ।
कैलाश
जी की बेटे जलज और मयंक का कहना है कि, ईश्वर की मर्जी के आगे हम सब मजबूर
थे, परंतु अंत समय में नैत्रदान के कार्य से पिताजी के आंखों से दो
दृष्टिबाधित लोग दुनिया देख सकेंगे,इससे ही हमको काफ़ी सुकून रहेगा ।
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