मुझे,,, शर्म भी आती है,,,, उन शेतानो की,,, उन करतूतो पर,,,, जो वोह इस्लाम के नाम पर करते है ,,मुझे रोना भी आता है ,,,उन नादाँन हरकतों पर,,,, जो चंद पेशेवर मोलवी ,,मौलाना ,,,अपनी व्यवसायिक ,,सियासी दूकान चलाने के लिए,,,, नफरत फैलाने के लिए करते है ,,,,निर्दोषो की हत्या तो ,,,इस्लाम का हिस्सा है,,, ही नहीं ,,,,इसलिए किसी भी,,, आतंकवादी का इस्लाम से ,,,कोई संबंध हो ही नहीं सकता ,,लेकिन दोस्तों ,,भाइयो ,,बुज़ुर्गो ,,जो पेशेवर ,,सियासी मौलाना ,,अपनी सियासी दूकान चलाने के लिए ,,,चँदेखोरी का व्यवसाय चलाने के लिए,,,,इस्लाम के सिद्धांतो के खिलाफ ,,,,मुसलमानो को ,,,इस्लाम के अलंबरदारों को ,,,बाटने ,,,उनमें नफरत फैलाने का ,,,काम करते है,,, उनके पीछे,,, नमाज़ पढ़ना तो दूर,,, उन्हें मुसलमान कहना भी जुर्म है ,,वोह लोग,,, जो क़ब्रिस्तान से ,,,सिर्फ मसलक के नाम पर,,, एक मय्यत को क़ब्र से निकाल कर,, बाहर फेंक देते है ,,वोह नफरत की हदें पार करने वाले है ,,ऐसे लोगों को सजाये मोत से कम कोई सज़ा होना ही नहीं चाहिए ,,जो लोग सियासत में फायदा उठाने के लिए ,,,सुन्नी ,,शिया ,,वहाबी का खेल खेलते है ,,,उन्हें तो चुल्लू भर पानी में,,, डूब कर मर जाना चाहिए ,,या ऐसे लोगों की पहचान कर ,,,उन्हें संग सार कर देना चाहिए ,,,हर चुनाव में ,,किसी न किसी पार्टी के भांड ,,,कोई ना कोई मोलवी ,,कोई ना कोई मौलाना होते है ,,उत्तर प्रदेश ,,बिहार सब जगह और अब शांत राजस्थान में भी,,, यह मस्लको की गंदगी आ गयी है ,,सरकार की चमचागिरी करो ,,इस्लाम के नाम पर,, मुसलमानो में मसलमानों से ,,,नफरत फैलाओ ,,गुटबाज़ी बढ़ाओ ,,,फ़िरक़े के झगड़े पैदा करो और बस ,,,सरकार से ओहदे लो ,,सरकार से सहूलियतें लो ,,मदरसो में मज़े करो ,,यह इस्लाम नहीं ,,मस्जिदों में मसलक बाज़ी ,,अल्लाह के घरो का बटवारा ,,,एक आम मुसलमान को कतई बर्दाश्त नहीं ,,अभी हाल ही में ,,,राजस्थान में अल्लाह की राह में ,समर्पित सम्पत्ति की देखरेख के लिए सरकारी वक़्फ़ की नुमाइंदगी के चुनाव थे ,,मुफ़्ती मौलानाओ की गंदगी शर्मसार करने वाली थी ,,प्रत्याक्षियो को रिश्वत लेकर,,, माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये ,,,सार्टिफिकेट दिए जा रहे थे ,,यह सुन्नी ,, यह शिया ,,यह जमाती ,,यह वहाबी वगेरा वगेरा ,,सिर्फ इसलिए के वोटर्स लामबंध हो ,,गुमराह हो और जिन लोगों से रिश्वत लेकर ,,यह लोग बैठे है वोह जीत जाए ,,बढे इज़्ज़तमाब कहे जाने वाले आलिमो ने भी,,, इस मामले में शर्मसार किया है ,,इस्लाम का सिद्धांत है अगर कोई मस्ज्दि बेच रहा है ,,मस्जिद बेचने या फिर वक़्फ़ सम्पत्ति को खुर्द बुर्द करने का मुल्ज़िम है ,, तो फिर उसकी मदद नहीं होना चाहिए ,,लेकिन सरकारी तोर पर ,,आम मुसलमानो में इस बात की शोहरत होने पर भी ,,यह लोग ऐसे आरोपियों को कथित रूप से ,,,मस्लको के नाम पर ,,,बढ़ी बेशर्मी से हीरो बना कर पेश करते देखे गए ,,,,,अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी ,,,मस्लको के नाम पर नफरत फैलाने वालों ,,,फतवों के नाम पर ,,,किसी को अपमानित करने वालों को ,,,सख्त से सख्त सज़ा देने की पैरवी की है ,,,दोस्तों यह ज़हर ,,यह ज़ख्म ,,,मोलवी मौलानाओ की सियासी चाले,,, इनका व्यवसायीकरण ,,,अब नासूर बनता जा रहा है ,,जो बेहतरीन मोलवी ,,मौलाना ,,मुफ़्ती क़ाज़ी जो सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की राह में चलकर,,, लोगों को गुमराही से बचाने का काम कर रहे है ,,उनकी गिनती कम रह गई है ,,लेकिन दोस्तों,,, यह अच्छे मोलवी मौलाना गिनती में कम ही सही ,,,फिर भी सियासी सौदेबाजो ,,व्यापारी मौलानाओ ,,मौलवियो पर भारी है , इनके हम शुक्रगुज़ार है और हम इनके साथ है इनके ताबेदार है ,,,हमे ऐसे सियासी गुलाम,, व्यापारिक मोलवी मौलानाओ की पहचान करना होगी ,,कौन मोलवी मौलाना खुदा की बारगाह से अलग हठ कर नेताओ को खुदा समझकर उनके यहाँ हाज़री बजाते है ,,उन्हें काम बताते है ,,अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए ,,सिफारिशें करते है ,,ऐसे मौलानाओ को नामज़द करना होगा ,,पहचान करना होगी ,,जनता के सामने,,, उन्हें बेनक़ाब करना होगा ,,सीधा सिद्धांत है,,अगर कोई मुफ़्ती ,,मौलाना सरकार से सहूलियतें लेगा ,,सियासी पद लेगा ,,अपने किसी रिश्तेदार ,,,दोस्त के लिए सिफारिश कर ,,,उसे मनवायेगा ,,तो फिर वोह ऐसी सियासत के गुलामी में ,,इस्लाम भूल जाने वाला मोलवी मौलाना है ,,इसका इस्लाम से क्या लेना देना ,,,वोह मुसलमान हो सकता है ,,लैकिन हमारा इमाम हरगिज़ नहीं हो सकता,,, जो ओरो से अफज़ल है ,,वोह गुलामी अगर करता है ,,,पक्षपात अगर करता है ,,,तो फिर वोह अफज़ल नहीं हो सकता ,,,लेकिन जो मोलवी ,,मौलाना ,,मुफ़्ती ,,क़ाज़ी ,,खामोशी से बिना किसी पक्षपात ,,बिना किसी चन्दाखोरी ,बिना किसी सियासी चाहत के ,,इस्लाम के खिदमत गार है ,उन्हें अलग करके उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए ,,उन्हें सम्मानित करना चाहिए ,,,उत्साहित करना चाहिए ,,,और जो लोग ऐसे बुरे है ,,उन्हें अपमानित भी करना चाहिए ,,उन्हें हतोत्साहित भी करना चाहिए ,, क्योंकि इस्लाम की राह दिखाने वाले लोग ही,,, जब राहबर की जगह लुटेरे बन जाए ,,तो उन्हें सबक सिखाना हमारा इस्लामिक फ़र्ज़ ,,इस्लामिक हुक्म भी है ,,,ऐसे मौलाना ऐसे मोलवी ,,,जो शिया सुन्नी ,,,जमाती ,,,वहाबी के नाम पर नफरत फैलाते है ,,वोह तहक़ीक़ात करने पर ,,ऐसे ही लोगों से ,,,चन्दाखोरी ,,,गुप्तदान ,,,लेते नज़र आते है ,,तो दोस्तों मसलको के झगड़ों ,,,फ़ित्नों से बचो ,,,अल्लाह और उसके रसूल को मानने वाले ,,,एक है ,,वैसे ऐसा कहने वालों को ,,यह मुस्लिमो को बांटने के कारोबार में लगे लोग ,,,सुलह कुंद कहकर बदनाम भी करते है ,,क्योंकि कई मोलवी,,, मौलानाओ को तो ,,,इस्लाम की गुमराही के नाम पर मुसलमानो को बाँट कर ,,नफरत फैलाकर ,,उनकी एकता ,,उनकी ताक़त को,, कमज़ोर करने का टेंडर मिला हुआ है ,,जिसमे वोह काफी बढ़ा कारोबार कर रहे है ,,,,,,में जानता हूँ,,, मेरा यह लेखन एक ,,,आत्मघाती क़दम है ,मोलवी मौलानाओ में से वोह लोग,,, जो सिर्फ कारोबारी सियासी है ,,,वोह लोग उनकी बढ़ी जमात ,,,मेरे दुश्मन हो जाएंगे ,,,फतवेबाज़िया होंगी ,,इस्लाम से ख़ारिज करने के फतवे होंगे ,,जो अच्छे मौलाना है,, वोह डर के मारे मेरे साथ नहीं आएंगे ,,, कई बुरे लोग फतवेबाज़ों के साथ भी लगेंगे ,,लेकिन इस्लाम की एकता की जंग में ,,,,किसी को तो पहल करना ही होगी ,,किसी को तो शहीद होना ही होगा और में इस पहल को कर रहा हूँ,,, बिना किसी खौफ के ,,बिना किसी सियासत के सिर्फ अल्लाह और उसके रसूल के पैगाम के लिए ,, अल्लाह और उसके रसूल के खौफ और भरोसे के साथ ,,,ला इलाहा इल्लल्लाहां ,,मोहम्मद्दुर रसूल अल्लाह ,,नहीं है कोई अल्लाह के सिवा मोहम्मद उसके रसूल है ,,जो भी इस पैगाम ,,इस्लाम के इस सिद्धांत के साथ हो उसका स्वागत है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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