राजस्थान की लोक कला ,संस्कृति , भाषाओँ , रंगकर्मियों को प्रोत्साहित कर ,, राजस्थान की संस्कृति , भाषा को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देकर , पर्यटकों , शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के कामयाब प्रयासों में जुटे है , रंगकर्मी भाई रमेश बोराना ,,
,, अख्तर खान अकेला ,,
राजस्थान की लोक कला , , संगीत , भाषाओं की संस्कृति , राजस्थान के इतिहास को पुनर्जीवित कर , देश भर में ही नहीं , अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात क्रर , राजस्थान के मान सम्मान को यहां की कला संस्कृति के माध्यम से , पर्यटकों , शोध छात्र छात्राओं के लिए आकर्षक बनाने में , राजस्थान संगीत नाटक एकेडमी के पूर्व चेयरमेन रमेश जी बोराना कामयाब हुए है ,, , रमेश बोराना ,विख्यात रंगकर्मी, कलाकार होने के साथ साथ , रंगमंचों पर नाटकों को पुनर्जीवित कर रहे है , साथ ही , लोक कला , लोक संस्कृति , लोक कथाये ,, लोक संगीत , भाषाओँ की ऐतिहासिक विरासत को संजोने के प्रयासों में जुटे है , वोह काफी हद तक , राजस्थान की संस्कृति को पुनर्जीवित कर , पर्यटकों को राजस्थान की संस्कृति , लोक कलाओं के प्रति आकर्षित करने में कामयाब भी हुए है , इससे राजस्थान में देश विदेश के पर्यटकों का आगमन भी बढ़ा है , और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर , राजस्थान की संस्कृति , लोक कलाओं , संगीत का डंका भी बजने लगा है,, रमेश बोराना , नाट्य कला मंचन सहित सभी तरह की कला , के प्रति आम लोगों की रूचि कम, होने के बावजूद भी वोह लगातार , अपने प्रयासों में जुटे है , वोह कोटा के रंगमंचों पर भी कई कलाओं के प्रदर्शन कर चुके है ,, मार्मिक ,दार्शनिक , हर आयु वर्ग , हर लिंग के वर्ग को , पारिवारिक , सामाजिक , राजनितिक शुद्धिकरण की सीख देने के लिए , रमेश बोराना अपनी टीम के साथ रंगारंग आकर्षक कार्यक्रम देते रहे है , जो काफी सराहनीय रहे है , मेलों में , उत्सवों में , सरकारी , गैर सरकारी कार्यक्रमों में वोह लगातार सक्रिय है , कोटा डी सी एम रंगमंच के आयोजित कार्यक्रमों में , मुख्य कलाकार , निर्देशक के रूप में , वोह ऐसे कार्यकमों की आत्मा के रूप में पहचान बना चुके थे , कोटा के कई पुराने रंगकर्मियों के साथ रमेश बोराना ने कंधे से कंधा मिलाकर , राजस्थानी लोक कला , संस्कृति क्षेत्र में काम करते , रहे है , अपनी स्क्रिप्ट ,,निर्देशन पर , नाट्य प्रदर्शनों के माध्यम से , रेमश बोराना ,, कार्यक्रमों में , नीरस रंगमंचों पर ,, भी रंगारंग प्रदर्शन के साथ वाहवाही लूटते रहे है , रमेश बोराना पत्रकार , दार्शनिक , लेखक , निर्देशक , कलाकार , समाजसेवक , सहित कई तरह की बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी है , उनके अनुभवों , को देखते हुए , राजस्थान के गाँधीवादी , जादूगर , राजस्थान की संस्कृति लोककला , साहित्य नाट्य कलाओं के उत्थान को लेकर चिंतित रहने वाले , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने , रमेश बोराना को , वर्ष 2013 कला संस्कृति क्षेत्र ,सहित कई मुद्दों पर , वैधानिक रूप से अपना सलाहकार बनाया ,था , इस कार्यकाल में , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और रमेश बोराना के संयुक्त सुझावों के , बाद , राजस्थान में ,घुमन्तु ,विमंतुओं सहित ,ग्रामीण शहरी क्षेत्रों में , छोटे नाट्यकलाकारों , छोटे लघु हस्तशिल्प कलाकारों के लिए रोज़गारोन्मुखी योजनाओं के साथ कई योजनाए लागू हुईं ,, हर ज़िले में ,हाट बाज़ार , रंगकर्मियों को प्रोत्साहन देने के लिए ,, मंच बनाये गये , जो कार्य आज भी निरंतर जारी है ,, रमेश बोराना वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सांस्कृतिक मामलों के सलाहकार ,रहे , वोह राजस्थान सरकार में , राजस्थान संगीत एकेडमी जोधपुर के मंत्री दर्जा अध्यक्ष रहे , इस कार्यकाल में ,उन्होंने राजस्थान भर में , संगीत , कला के प्रदर्शन कार्यक्रमों को पुनर्जीवित कर , कलाकारों को प्रोत्साहन दिया ,, उनके प्रदर्शन को , फिल्मों , प्रशिक्षण , रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रम , राष्ट्रिय , अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से , आम लोगों के लिए जीवंत किया ,, रुचिकर , शिक्षाप्रद बनाया ,,, रमेश बोराना छात्र जीवन से ही सेवाभावी होने के साथ साथ , कला , साहित्य , लोककला ,संस्कृति के उत्थान के लिए काम करते रहे है , एक शुद्ध कलाकार के साथ , रमेश जी , दिल की आवाज़ सुनकर लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक भी हैं ,, रमेश बोराना पश्चिमी कल्चर ज़ोन उदयपुर , उत्तर कल्चर ज़ोन पटियाला , उत्तर केंद्रीय कल्चर ज़ोन इलाहबाद , के सक्रिय कार्यकारी सदस्य हैं , जबकि राजीव गाँधी टूरिज़्म मिशन राजस्थान सरकार राजस्थान कला संस्कृति कार्ययोजना प्रारूप कमेटी के सदस्य भी रहे है , रमेश बोराना आल इण्डिया रेडिओ जोधपुर में आर्टिस्ट ओडिएशन कमेटी के विषेषज्ञ सदस्य भी हैं , जबकि कत्थक केंद्र जयपुर , जवाहर कला केंद्र जयपुर , पदम एवार्ड राजस्थान स्टेट सलाहकार समिति राजस्थान सरकार के सदस्य के रूप में भी चनकर्ता रहे है ,, रमेश बोराना मिनी ऑडिटोरियम एडवाइज़री जोधपर , दूरदर्शन एडवाइज़री कमेटी जयपुर ,, दूरसंचार सलाहकार समिति जोधपुर , राजस्थान संगीत नाटक एकेडमी समिति सदस्य , जिला यूथ वेलफेयर बोर्ड जोधपुर , राजस्थान बाल फिल्म परफॉर्मेंस समिति , कल्चरल कमेटी पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्त शिल्प के चेयरमन रहे है , जबकि बीस सूत्रीय क्रियान्वन समिति सदस्य , राजस्थान कला संस्कृति समिति , राजस्थान साहित्य जोधपुर , दीप सोसाइटी , जोधपुर , से भी जुड़े , है , रमेश बोराना राजस्थान स्टेज आर्टिष्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं ,,राजस्थान संस्कृत संसद के सचिव ,, प्रगतीशील कलाकार मंच जोधपुर के महासचिव , कमल कला मंदिर सोसाइटी के महासचिव , कलाना संस्थान जोधपुर में सचिव , श्री बाल विद्या भवन जोधपुर के प्रबंधक सचिव , है , जबकि मरुधर मानव सेवा समिति , , जोधपुर महात्मा स्वरूपानंद कल्याण ट्रस्ट जोधपुर , संत स्वरूपानन्द महिला वेलफेयर सोसायटी जोधपुर , राजीव गांधी एडवेंचर सोसाइटी , जोधपुर , यूथ हॉस्टल एसोसिएशन , जोधपुर में कुशल प्रबंधन के साथ सक्रिय है , रमेश बोराना क़रीब 45 वर्षों से कला साहित्य , लोक ,गीत संगीत कार्यक्रमों को पर्यटन आकर्षण के साथ शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ जुड़े ,है , वोह नाट्य , कला , डांस , गीत ,संस्कृति सहित सभी तरह की कला संस्कृति के उत्थान कार्यक्रमों के लिए समर्पित रहकर कार्यरत हैं , रमेश बोराना खुद मंझे हुए कलाकार हैं , आठ सो से ज़्यादा , डांस , ड्रामा , साहित्यिक कार्यक्रमों में , रमेश बोराना , अपनी कला का जोहर दिखाकर , आम जनता के बीच वाहवाही लूटते रहे ,हैं ,जो राष्ट्रीय , अंतर्राष्टीर्य स्तर पर , कार्यक्रम आयोजित हुए , है , यह साठ से ज़्यादा अलग अलग भाषाओं के नाटकों को मंच पर कुशल प्रतिभा के साथ प्रदर्शित कर चुके है , डांस , संगीत , हिंदी और राजस्थानी थियेटर कार्यक्रम के तहत ,,अलग अलग जगह पर , रमेश बोराना 25 से भी अधिक वर्कशॉप , ट्रेनिंग कार्यक्रम सम्पादित करते रहे है , इनके खुद के एक दर्जन नाटक , इनकी लेखनी स्क्रिप्ट के साथ , दिल की गहराइयों को छूने वाले इनके अभिनय कला को समर्पित रहे है ,, जिन्होंने खूब वाह वाही लूटी है ,, रमेश बोराना के द्वारा लिखित नाटक ,चंदन बाला , जेठवा उजली , रिश्ते , जमाना बदल गया , अपूर्णयात्रा , भरमाली दखी री दीक्षा , काफी प्रसिद्ध हुए है , जबकि इनके द्वारा लिखित विडिओ फिल्मों में , धरती धोरांरी ,, रंगीलो राजस्थान , गोरबंध चिरमी , जनसपूत , जयनकोडा , कुचरनी , जय दादा गुरुदेव , गुरु दर्शन , जय ओसियान , सागर से सुरेश्वर ,, 108 पार्श्वनाथ ,, धरम सुमेर , काफी चर्चित रहे है ,जबकि दादा के जयकारे , प्रभु दे दो किनारा , अरदास वंदना ,, हरदम जापो अरिहम , मंगलम एकतीसा ऑडियो केसेट्स आज भी मशहूर है ,, सैकड़ों नाटकों के स्क्रिप्ट राइटर , रमेश बोराना सो से भी अधिक , दूरदर्शन , आकाशवाणी वार्ता कार्यक्रमों के हिस्सेदार रहे हैं ,, यह कई राजस्थानी फिल्मों में अभिनय भी कर चुके है , , गीत , डायलॉग भी लिखते रहे है ,इनका निर्देशन , भी रहा है ,, यह रंगयोग पत्रिका के मुख्य सम्पादक के साथ ,लगातार लिखते रहे हैं , इनके सैकड़ों लेख लगातार मैग्ज़ीनों में प्रकाशित होते रहे है , रमेश बोराना आज भी ,,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वफादारों की टीम में ज़िम्मेदार है , वोह अपनी कला संस्कृति , नाट्य , लोक कला ,साहित्य , संगीत को हर मंच पर , जिला , राज्य , राष्ट्रिय , अंतर्राष्टीर्य स्तर पर , लगातार जीवंत करने के प्रयासों में जुटे है , जिसमे वोह कामयाब भी है , और यही वजह है , के अब हर जगह राजस्थान की लोक कला ,,संस्कृति , संगीत , गीत , ,भाषा स्थानीय प्रतिभाओं की धूम मची है, ,रमेश बोराना राजस्थान की साहित्यिक संस्कृति , नाट्यकला ,, मंच , लोककला , के प्रति सम्पर्पित भाव से कार्य करते रहने के लिए बधाई , मुबारकबाद ,दिल से मुबारकबाद ,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 जनवरी 2022
राजस्थान की लोक कला ,संस्कृति , भाषाओँ , रंगकर्मियों को प्रोत्साहित कर ,, राजस्थान की संस्कृति , भाषा को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देकर , पर्यटकों , शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के कामयाब प्रयासों में जुटे है , रंगकर्मी भाई रमेश बोराना
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