अब परिवार में भी परंपरा बन रहा है नेत्रदान
बेटों की सहमति से पिता के बाद अब मां का भी नेत्रदान
आज
सुबह तलवंडी निवासी प्रफुल्ला जैन (75 वर्षीया ) का घर पर ही हृदय गति
रुकने से आकस्मिक निधन हो गया । उनके निधन की सूचना शाइन फाउंडेशन के
ज्योति मित्र विशाल रस्तोगी को भी लगी,उन्होंने अपने मित्र डॉ कुलवंत गौड़
को इसकी सूचना दी,डॉ गौड़ ने शोकाकुल परिवार के बेटे दीपेश जी से नैत्रदान
करवाने के लिये समझाइश की ।
शोकाकुल
परिवार के सभी सदस्य तुरंत ही माताजी के नेत्रदान करवाने के लिए राजी हो
गये, डॉ गौड़ ने बताया कि, यह परिवार पूर्व से ही नेत्रदान के कार्यों में
अग्रणी रहा है । ठीक वर्ष पूर्व 17 जनवरी को माताजी श्रीमति प्रफुल्ला जी
के पति श्री महेंद्र कुमार जैन जी का भी आकस्मिक निधन हुआ था,जिसके उपरांत
सभी की सहमति से उनका नेत्रदान भी उस समय संभव हुआ था ।
तीनों
बेटों जयेश, कीर्ति, दीपेश व बेटी जयश्री की सहमति मिलने के बाद ईबीएसआर
के तकनीशियन टिंकू ओझा को बुलाकर नैत्रदान की प्रक्रिया को सम्पन्न करवाया
गया।
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