नहीं रहे ,जन संघर्षों के हिरावल
कामरेड कन्हैया लाल जैन
आज सुबह के अखबार में ,पढ़ कर हतप्रभ हूँ कि ,कोटा के जन संघर्षों की अग्रिम पंक्ति में रहे हमारे प्रिय साथी कन्हैया लाल जैन का कल 24 जनवरी को जयपुर में निधन हो गया . वे कुछ समय से अपनी बेटी के पास जयपुर में रह रहे थे . अभी करीब एक माह पहले उनके अनन्य साथी बद्री लाल सेन का मोबाइल आया था कि कामरेड जैन ,कसार आये हुए हैं और आपसे मिलना चाहते हैं . वे स्वयं कमजोर स्वास्थ्य के कारण नहीं आ सकते थे और मैं केरल जाने की तैयारियों के चलते ,गहरी इच्छा होते हुए भी उनसे मिलने न जा सका .
कामरेड के.एल. जैन उस दौर के संघर्षों के साथी थे जब कोटा में लाल झंडे
की अगुआई में मजदूर आन्दोलन की प्रचंड लहर चल रही थी . इस लहर का असर मध्य प्रदेश के नागदा ,उज्जैन और रतलाम तक पहुँच गया था . कामरेड जैन कोटा से 20 किलोमीटर दूर ओरिएण्टल पॉवर केबिल्स कारखाने में काम करते थे . कामरेड परमेन्द्र नाथ ढंडा के साथ मिल कर उन्होंने ओ.पी.सी. में लाल झंडा यूनियन की स्थापना की . कामरेड जैन ने मार्क्सवाद के सिद्धांतों को पढ़ कर वहां की यूनियन को एक वैचारिक और सांस्कृतिक शिक्षा का केंद्र भी बनाया . उन्होंने कुछ समय पत्रकारिता भी की . उनके व अन्य साथियों के प्रयासों से आसपास के गाँवों में भी कम्युनिस्ट आन्दोलन की बढ़त हुई . किसान सभा और नौजवान सभाओं का गठन भी हुआ .
कामरेड कन्हैया लाल जैन 2-3 बार कसार गाँव से सरपंच भी निर्वाचित हुए . कोटा के अधिकांश कारखाने मिल मालिकों ने षड्यंत्र करके बंद कर दिए .ओ.पी.सी. भी बंद हो गया . कामरेड जैन ने इस कारखाने को पुनः चालू कराने के अथक प्रयास किये ,अपने प्रयासों को असफल होते देख वे मानसिक रूप से विचलित हो गए .इलाज के बाद पुनः जन संगठनों में सक्रिय हो गए .उनके जीवन का अंतिम प्रयास कसार क्षेत्र के भीलों को संगठित करने की दिशा में था .भीलों को उनके अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने सुदूर गाँव में एक सम्मलेन आयोजित किया ,जिसमें त्रिपुरा के एक मंत्री भी शामिल हुए थे .
मैंने उनसे अपनी आत्मकथा लिखने को कहा था ,उनकी इच्छा भी थी , किन्तु वह काम आगे न बढ़ सका . उनके पास एक आलोचनात्मक द्रष्टि थी ,जिसके कारण वे संगठन और पार्टी में काम करते हुए भी ,एक स्वतंत्र मार्क्सवादी द्रष्टिकोण भी रखते थे . सर्वहारा वर्ग के जागरूक योद्धा कामरेड कन्हैया लाल जैन को मैं स्वयं एवं " विकल्प" जनवादी सांस्कृतिक सामाजिक मोर्चा की ओर से क्रांतिकारी अभिवादन -लाल सलाम पेश करता हूँ .
# महेंद्र नेह
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