रोमांचक साहसिक पर्यटन” पुस्तक पर राष्ट्रीय वर्चुअल संवाद कार्यक्रम
कोटा 31 जनवरी/
राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा में
मंगलवर 31जनवरी को डॉ प्रभात कुमार सिंघल द्वारा लिखित नवीनतम पुस्तक “रोमांचक साहसिक पर्यटन” पर राष्ट्रीय वर्चुअल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया । इसमे देश के विभिन्न राज्यों से साहित्य के एवं अन्य विषयों के विशेषज्ञ जुडे। जिनमे डॉ संध्या चतुर्वेदी सेवानिवृत प्राचार्या एवं एशोसियेट प्रोफेसर (राजनिति विज्ञान) जे.डी.वी. एम. पी.जी कोलेज कानपुर (उत्तरप्रदेश) , निशा गुप्ता व्याख्याता हिंदी जोरा ( मध्यप्रदेश) , रजनीश यादव मुख्य प्रबंधक राजभाषा रायपुर छत्तीसगढ , यतेन्द्रनाथ सेवानिवृत मुख्य प्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया बेंगलुरू (कर्नाटक) , डॉ प्रितिमा व्यास , डॉ प्रिति शर्मा , शशि जैन प्रमुख रहे ।
कार्यक्रम के आयोजक इनेली साउथ एशिया मेंटर डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव मण्डल पुस्तकालय अध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा ने कहा कि -किसी भी यात्रा पर लिखित पुस्तक की सफलता को पुरस्कारों में नहीं, लेखक की निजि यात्रा एवं अनुभूत अध्ययनों के जरिये मापा जा सकता है। वे हमारी कल्पनाओं को जितनी दूर तक ले जाते हैं, और जिस मीलों तक वे हमें बढ़ने, ड्राइव करने और उड़ने के लिए प्रेरित करते हैं - यही चीजें हैं जो इन किताबों को खास बनाती हैं।
पूर्व प्राचार्य डॉ.संध्या चतुर्वेदी ने कहा कि जोश और ऊर्जा से भरे युवा आज अपने पर्यटन कार्यक्रम में एडवेंचर को विशेष तौर पर पसंद करने लगे हैं। जब भी हम समुंद्री बीच पर जाते हैं तो वॉटर स्पोर्ट्स के प्रति सैलानियों का क्रेज देखते ही बनता हैं। यतेंद्र नाथ ने अपने विचार रखते हुए कहा कि लेखक ने पर्यटन के जिस क्षेत्र पर लिखा है वह अपेक्षाकृत नया उभरता क्षेत्र हैं और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
डॉ.सिंघल ने सभी का स्वागत कर पुस्तक की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आज पर्यटन किसी भी देश और राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ता है। साहसिक पर्यटन के महत्व को इसी से आंका जा सकता है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2018 को साहसिक पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया था। प्रारम्भ में डॉ.प्रितिमा व्यास ने लेखक के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये निरन्तर पर्यटन के विविध पक्षों पर लिख कर पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे। शशि जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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