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18 जनवरी 2022

कोटा में पत्रकारिता के सूत्रधार , समाजसेवी ,, कोटा के लोगों को , प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त सिखाकर , अपना घर , अपनी ज़मीन दिलवाने के हुनरमंद ,, स्वर्गीय चमन लाल आहूजा की आज 26 वीं पुण्य तिथि पर उन्हें नमन

 कोटा में पत्रकारिता के सूत्रधार , समाजसेवी ,, कोटा के लोगों को , प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त सिखाकर , अपना घर , अपनी ज़मीन दिलवाने के हुनरमंद ,, स्वर्गीय  चमन लाल आहूजा की आज  26 वीं पुण्य तिथि पर  उन्हें नमन ,, ,पत्रकारिता की दुनिया के जनक भाई चमन लाल आहूजा , चमन न्यूज़ एजेंसी के ज़रिये , सभी को अलग अलग अख़बारों के वितरण के माध्यम से , खबरें पहुँचाने वाले सबसे पहले हाड़ोती के भीष्म पितामाह है ,, कोई भी बढ़ी घटना हो , चुनाव हों , चमल लाल आहूजा की चमन न्यूज़ एजेंसी के यहां से एक माइक , एक दो स्पीकर , एक सुचना बोर्ड , कोटा के आम नागरिकों की उत्सुकता को , तात्कालिक खबरें देकर , उनकी उत्सुकता   शांत करने का काम करते थे , ,माइक पर खबरों की घोषणा , सुचना पट्ट पर  आवश्यक खबरों , नौकरियों के विज्ञापन की सुचना रोज़ मर्रा का स्वर्गीय चमन लाल आहूजा का काम था , हाड़ोती का पानी , हाड़ोती की बिजली , और हाड़ोती की उपेक्षा से वोह नाराज़ थे , इसीलिए वोह हाड़ोती को हाड़ोती के लोगों के प्रतिनिधित्व , हाड़ोती की धरा के उत्पादन का पहला हक़ हाड़ोती के लोगों के लिए हो , इस मामले में , चंबल देशम ,, अलग  राज्य की  मांग को लेकर , चबल देशम पार्टी की तरफ से चुनाव भी लड़ते थे , अपने विचार को , लोगों तक , धरने , प्रदर्शन , सिम्पोजियम के माध्यम से पहुंचाते भी थे , उन्हें नमन , श्रद्धांजलि , लेकिन सभी जानते है , के उनके सुपुत्र भी है , जो उनके सपनों को साकार करने में लगे है , दोस्तों ,   हर एक पिता श्री का अपना एक ख्वाब होता है ,वोह ख़्वाब देखता है ,उसको साकार करने का प्रयास करता है ,लेकिन कई बार ,हालातों की बंदिशों के चलते वोह ख्वाब अधूरे के अधूरे रह जाते है ,अल्लाह का शुक्र ही कहिये कि  उसी पिता श्री के सुपुत्र उनके इस ख्वाब को पूरा करने  का संकल्प भी  ले ,सफलतम कोशिश भी करे ,तो और कामयाब भी हो तो ऐसे सुपुत्र को  इक्कीस तोपों का सलाम ,सेल्यूट ,, जी  हाँ  दोस्तों में बात कर रहा  हूँ ,भाई पवन  आहूजा साहिब  की ,,जिन्होंने अपने स्वर्गीय पिता श्री चमन लाल आहूजा का ,एक तेज़  ,तर्रार ,आम  ,जनता  की आवाज़ उठाने वाले ,,निष्पक्ष लेखनी के समाचार  पत्र के प्रकाशन  का सपना ,,दैनिक चंबल संदेश ,,समाचार पत्र के प्रकाशन के साथ पूरा किया ,,स्वर्गीय चमन लाल आहूजा किसी पहचान के मोहताज नहीं ,,आज़ादी की  लड़ाई का संघर्ष उन्होंने सक्रिय आंदोलन के साथ नज़दीकी से देखा था ,चमन लाल आहूजा ,एक विचारक ,चिंतक ,बेहतरीन वक्ता और यारों के यार थे ,, उन्होंने कोटा की धरती को अख़बार घर घर पहुंचा कर पढ़ना सिखाया ,न्यूज़ एजेंसी  का  कुशल प्रबंधन कोटा के प्रिटं मीडिया युग में उन्हें सरताज कहे जाने के लिए काफी था ,कोटा की हर गली ,हर मोहल्ले ,हर घर में इच्छित समाचार पत्र ,निर्धारित समय पर पहुंचना ,,दैनिक समाचार पत्रों को खबरों की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराना ,स्वर्गीय चमन लाल आहूजा का शोक था ,,शहर  की बसावट में  भूखंडों का व्यवस्थित ,ईमानदाराना व्यवसाय कोटा के शहर के प्रॉपर्टी रियल स्टेट कारोबार में  उनकी पहचान रही  है ,पत्रकार ,कवि स्वर्गीय समुन्द्र सिंह जी हाड़ा ,दादा महेन्द्रनाथ चतुर्वेदी ,दादा पांडेय जी ,सहित कई उनके हम उम्र साथी ,उनके साथ ,विचार विमर्श में  शामिल होते थे ,नयापुरा स्थित चमन  न्यूज़ एजेंसी ,रियल स्टेट कारोबार कम और शहर की समस्याओं पर चिन्ताशील रहने का प्रमुख केंद्र था ,,यहाँ हर कारोबारी ,सियासी लीडर ,समाजसेवी ,,सभी तरह के लोग मौजूद रहते थे ,कुछ आंदोलन की रूपरेखा बनती थी ,तो कभी समाजसेवा के प्रति जागरूकता कार्यक्रम की तरफ आह्वान होता था ,,सभी छोटे बढे समाचार पत्र ,मेगज़ीन्स इसी  चमन न्यूज़ एजेंसी से पुरे शहर में वितरित होना ,,इनेक लिए गर्व की बात ,,थी ,स्वर्गीय चमन लाल आहूजा हाड़ोती की बिजली ,हाड़ोती का पानी ,हाड़ोती के संसाधन ,और फायदे दूसरे लोग उठाये इसके खिलाफ थे ,इसलिए वोह ,चंबल देशम ,नाम की पार्टी के माध्यम से  ,,कोटा का हक़ कोटा में ही खर्च होने के पक्ष में रहते थे ,,वोह छोटे ,मंझोले ही नहीं ,राष्ट्रिय ,राज्य स्तर के समाचार पत्रों में अपनी पकड़ रखते थे ,उन्हें लिखने का भी शोक ,था तो वोह अपने विचारों से लोगों को प्रभावित कर ,विकास ,समाजसेवा ,शोषण उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए भी संकल्पबद्ध थे ,मुझे याद है ,स्वर्गीय भंवर शर्मा अटल सहित कई दिग्गज पूर्व पत्रकारों से वोह ,अपना खुद के अख़बार प्रकाशन के बारे में चर्चा करते थे ,मुझ से भी उनका प्रेम था , वोह मेरी क़लम की तारीफ  भी करते थे ,कहते थे ,अख्तर ,तुम अकेले ही हो ,इसलिए डर लगता है ,तुम्हारी क़लम  की ज्वाला को कोई ठंडी न करदे , उनका आशीर्वाद था , यह अकेला की कलम है , न झुकेगी , न रुकेगी , न बिकेगी , अल्लाह का शुक्र है , उनकी दुआएं अभी भी साथ है ,वोह कहते थे ,मेरा आशीर्वाद तुम्हारी क़लम की निष्पक्षता ,निर्भीकता के हमेशा साथ है ,दैनिक अख़बार निकालने की उनकी अपनी योजनाए थी ,वोह सभी अख़बारों को नज़दीक  से जानने के बड़ा ,हाड़ोती की निष्कर्ष निर्भीक आवाज़ के रूप में उनका अपना खुद का अख़बार प्रकाशन के प्रयासों में थे ,  लेकिन होनी को कोन टाल सकता था ,क़ुदरत के क्रूर हाथों ने उनकी  कार्ययोजना क्रियान्वित होने के पूर्व ही उठा लिया  ,,में  प्रणाम करता हूँ ,अपने स्वर्गीय पिताश्री चमन लाल आहूजा के ,अख़बार प्रकाशन ,निर्भीक निष्पक्ष अखबार प्रकाशन का सपना पूरा करने वाले ,चंबल संदेश दैनिक के प्रकाशक ,निदेशक ,सम्पादक भाई पवन आहूजा को ,उन्होंने अपने पिता के सपनों को साकार किया ,चंबल देशम पार्टी से ,चंबल   संदेश नाम लिया , इस चंबल के तट पर ,,दैनिक चंबल संदेश  के नाम से ,शीर्षक आवंटित कर ,पिता श्री स्वर्गीय चमन लाल आहूजा के विचारों के अनुरूप शोषितों ,उत्पीड़ितों  की आवाज़ उठाने के लिए ,दैनिक  समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया ,,विकट परिस्थितयों  में जब प्रिंट मीडिया के हालात संघर्षशील है ,,प्रिंट मीडिया पर हज़ार बंदिशे ,हज़ार इल्ज़ामात है ,,कम्पीटिशन है ,, ऐसे माहौल में भाई पवन आहूजा ने ,,चुनौती को स्वीकार किया ,अपने दूसरे रियल स्टेट ,होटल ,टूरिज़्म वगेरा के व्यवसाय के साथ ,दैनिक चंबल संदेश ,का सफलतम प्रकाशन ,सफलतम वितरण किया ,और आज यह दैनिक चंबलसंदेश , कोटा संभाग सहित ,राज्य ,राष्ट्रिय ,अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख खबरों का ,सफलतम समाचार बन गया है ,,प्रतिदिन एक विचार ,ऐक मुद्दा ,एक सलाह ,शोषित उत्पीड़ितों  की आवाज़ ,,खबरों ,सूचनाओं ,व्यवसायिक व्ययवस्थाओ का आदान प्रदान ,,निष्पक्ष पत्रकारिता  की मिसाल के साथ प्रकाशन हो रहा है ,पवन आहूजा संपादक मंडल में शामिल रहकर पारिवारिक वातावरण में ,खबरों का मोटिवेशन करते है , सहयोग  करते है ,प्रबंधन संभालते है , लेकिन  इनकी कोशिश होती है के अधिकतम कोटा वासियों की खबरे इनके समाचार पत्र में हो ,,दैनिक चंबल संदेश ,की  खासियत यह है , के इस समाचार पत्र का सम्पादक मंडल ,रिपोर्टर मालिकाना हक़ के हस्तक्षेप से बिलकुल  मुक्त है ,पवन आहूजा समाचार पत्र के बेहतर प्रकाशन के लिए सलाह ज़रूर देते है ,लेकिन सम्पादक मंडल ,रिपोर्टर्स पर कोई दबाव नहीं बनाते ,उन्हें किसी खबर  को किसी व्यक्ति  का पीछा कर प्रकाशित करने ,या फिर बनी बनाई खबर को रोकने का कभी दबाव नहीं बनाते ,बस यही अदा ,पवन आहूजा को ,उनके स्वर्गीय पिता चमन लाल आहूजा के सपनो को शत प्रतिशत साकार करने में कामयाब साबित करती है ,इसीलिए भाई पंकज आहूजा को एक बेहतर व्यवसायी ,एक बेहतर ,प्रकाशक बेहतर पत्रकार ,बेहतर लेखक ,बेहतर समाजसेवी ,बहतर सम्पादक के साथ साथ ,ऐसा सुपुत्र जो अपने स्वर्गीय पिता के विचार ,उनके सपनों को साकार  करने पर बधाई
 ,मुबारकबाद ,सेल्यूट ,,अख्तर  खान अकेला कोटा राजस्थान

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