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16 सितंबर 2021

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर , भारत जो विश्व का सबसे बढ़ा लोकतंत्र है

 अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर , भारत जो विश्व का सबसे बढ़ा लोकतंत्र है , क्या जवाब देता , चुनाव आयोग हो , भारत सरकार हो , राज्य की सरकारें हो , क्या कार्यक्रम करतीं , सब अपने अपने हमाम में नंगे है , सब के गिरेहबान चाक है , ,फिर इन सात सालों में तो लोकतंत्र रोज़ घुट घुट कर मरा है , कांग्रेस से जीता सांसद , कांग्रेस से जीते विधायक , भाजपा में जाकर , सरकार में बैठे है ,    बहुमत नहीं हुआ तो , इस्तीफा देकर बहुमत कम कर बैठे है , महाराष्ट्र में ,तो ऍन सी पी के नेता जी के साथ भाजपा की एक दिन की सरकार , और उसी दिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुक़दमों की वापसी , हरियाणा में सरकार और ,पिता श्री की आज़ादी , दिल्ली में पूर्ण बहुमत से , आप पार्टी की सरकार और फिर वहां दिल्ली की गुलामी , केंद्र का आधिपत्य कोई काम करने की छूट नहीं , आज़ादी नहीं , राजस्थान में सरकार गिराने की साज़िश , बहुमत साबित करने के लिए , बार बार राजस्थान में राज्यपाल महोदय जी को , केबिनेट का फैसला , लेकिन इजाज़त नहीं , धरने , प्रदर्शन , आखिर बहुमत की जीत हुई , मध्य्प्रदेश , मिजोरम  , कर्नाटक , का खेल , लोकतंत्र के लिए कलंक है , छोटे चुनाव में ,पंचायत , जिला परिषद , नगर निगम , नगरपालिका चुनावों में , वोटों का इधर से उधर होना , बाड़े बंदी होना , फिर गुजरात में ,  विधायक दल के नेता को मुख्यमंत्री बनाने के बाद , बिना लोकतनत्रिक प्रणाली के , इस्तीफा लेकर हटा देना ,, नए विधायक दल के नेता के निर्वाचन के बाद , मंत्रिमंडल के गठन  की तय्यारियों का विरोध ,, चुनी हुई सरकारें गिराना , जो बोले , उसके खिलाफ , एजेंसियों को छू लगानां ,,  अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर इन मुद्दों पर बहस होना चाहिए थी , बात होना चाहिए थी , ,लेकिन हमारे देश के पत्रकार , सोर्री पत्रकार नहीं , भटकजन  पैरोकार ,, देश में ,भूख ,गरीबी , बेरोज़गारी , महंगाई , चुनावी वायदों के प्रति बेवफाई , मनमानी कार्यवाही ,  महिलाओं , बुज़ुर्गों पर अत्याचार , सहित ज्वलंत मुद्दों पर तो  ,  आवाज़ नहीं उठाने की क़सम खा चुके है , मज़े कर रहे है , फील गुड़ कर रहे है , और  उनकी सारी ताक़त ,  चीन , पाकिस्तान , अफगानिस्तान , तालिबान , को भारत में फैलाने की है , उन्हें तालिबान क्या कर रहा है , अफगानिस्तान क्या कर रहा है ,  चीन में क्या हो रहा है , पाकिस्तान में क्या हो रहा है , ,इसकी रत्ती रत्ती की खबर है , जो वोह बढ़ी हिम्मत से , लाइव बहस के साथ कुछ पेडवर्कर , एक्सपर्ट को बिठाकर , रोज़  , घंटों दिखाता है , लेकिन इन बेचारे पत्रकारों सोरी , भटकजन पैरोकारों को , भारत में क्या हो रहा है , भारत के मंत्री क्या कर रहे है ,  भारत के प्रधानमंत्री को  क्या करना चाहिए ,जो वोह नहीं कर पा रहे है , भारत के प्रधानमंत्री , प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं  बुलाते है ,  हर मुद्दे को हिन्दू मुस्लिम ऐंगल से प्रचारित करने वाले लोग , जेल  क्यों   नहीं जा रहे है ,निर्वाचन आयोग  ,,,  धर्म निरपेक्ष चुनाव के विधि नियमों के बाद , धर्म आधारित चुनावों के प्रचार , प्रसार , वोटों की अपील के बाद , इन चुनावों को रद्द क्यों  नहीं  करता , यह सब इन आँखों के अंधों को ,  नज़र नहीं आता है  , बस पालतू डौगी की तरह ,,  जो  इन्हे स्क्रिप्ट दी जाती है , उस स्क्रिप्ट को , बार बार , रट्टू तोते की तरह दिखाकर ,  देश  की आत्मा को तार तार कर रहे है ,,  इन्हे देश से , देश  के लोकतंत्र से ,देश के विधि नियमों  से क्या लेना देना , यह तो अपने चेनल्स पर , मर्दाना दवाये , ड्रग मैजिक प्रतिषेध अधिनियम  का उलंग्घन कर खूब काम करते है , देश के हर क़ानून  जिसमे अमिताभ बच्चन ,   जो  पेट सफा कभी नहीं खाते , जो घड़ी डिटर्जेंट पॉवडर से  अपने कपड़े कभी  नहीं धुलवाते , जूही चांवला ,  जिनके पति गंजे है , उनसे बाल उगाने ,के तेल का विज्ञापन करवाते है , कम वस्त्रों  की महिलाओं से  अनावश्यक विज्ञापन करवाकर प्रसारित करवाते है , उपभोक्ता क़ानून का उलंग्घन कर , उपभोक्ताओं को गुमराह करने  ठगी करवाने के लिए विज्ञापन प्रसारित करते है , खबर भी अब इनकी विज्ञापन है , लोग  इस  लोकतत्र में , विश्व लोकतंत्र दिवस हो या कोई सा भी दिवस हो ,  ,देश  की ओरिजनल खबरें जिन्हे यह इन  नौटंकियों में छुपाते है ,भटकाते है ,  सोच  बदलने की कोशिश  करते है , नॉट बंदी के  वक़्त ,  दो हज़ार के नॉट में ऐसी चिप  बताते है  ,जो नॉट जहाँ भी होगा उसे ट्रेस करके , ब्लेक मनी को पकड़वा देगा  ,, जो कोरोना को  हिन्दू मुस्लिम कर देते है , जो कोरोना के लिए तब्लीग़ियों को ज़िम्मेदार बताने का खुलकर प्रचार करते है ,ऐसे भटकजन पैरोकारों , झूंठे और मक्कारों से , अंतर्राष्ट्रीय  विश्व  लोकतंत्र दिवस पर कुछ भी डिबेट करना , प्रधानमंत्री से चुनी  हुई सरकारों को गिराने , सहित सभी मुद्दों पर , आँखों में आँखें डालकर , सवाल करने की उम्मीद करना , बेमानी है ,बेवकूफी है ,  एक  अकेला रवीश ,  एक अकेले   दुकेले ,  कुछ  लोग बेचारे क्या  करेंगे ,,   अख्तर  खान अकेला कोटा राजस्थान

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