तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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07 दिसंबर 2020
तूने बख्शे है जो आजार कहाँ रखूँगा,
तूने बख्शे है जो आजार कहाँ रखूँगा,
ये गिरे गुम्बदों मीनार कहाँ रखूँगा..!
मेरा घर है कि किताबो सें भरे है कमरे,
सोच इसमे भला हथियार कहाँ रखूँगा..!
अपने बच्चों सें हर एक जुल्म छुपा लूंगा मगर,
ऐ वक़्त ! तेरे अखबार और दर्द कहाँ रखूँगा.
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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