ये लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब को न देख लेगें उस पर इमान न लाएँगे (201)
कि वह यकायक इस हालत में उन पर आ पडे़गा कि उन्हें ख़बर भी न होगी (202)
(मगर जब अज़ाब नाजि़ल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक़्त कुछ) मोहलत मिल सकती है (203)
तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं (204)
तो क्या तुमने ग़ौर किया कि अगर हम उनको सालो साल चैन करने दे (205)
उसके बाद जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा किया जाता है उनके पास आ पहुँचे (206)
तो जिन चीज़ों से ये लोग चैन किया करते थे कुछ भी काम न आएँगी (207)
और हमने किसी बस्ती को बग़ैर उसके हलाक़ नहीं किया कि उसके समझाने को (पहले से) डराने वाले (पैग़म्बर भेज दिए) थे (208)
और हम ज़ालिम नहीं है (209)
और इस क़़ुरआन को शयातीन लेकर नाजि़ल नही हुए (210)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 नवंबर 2020
ये लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब को न देख लेगें उस पर इमान न लाएँगे
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