आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

15 नवंबर 2020

यक़ीनन में मुर्दा हूँ ,

यक़ीनन में मुर्दा हूँ ,
लेकिन में , मरा भी नहीं ,
में सियासत हूँ ,
ओहदों के लालच में
अपनी क़ोम के
हक़ के लिये भी
देखो में खामोश हूँ , अख़्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...