रुई का गद्दा बेच कर
मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने
और ख़ुशी खरीद ली ।
सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली ।
मेरी एक खवाहिश मुझसे
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली
इस ज़माने से सौदा कर
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और
शामें खरीद ली ।
शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही
"सुकून-ए-ज़िंदगी" खरीद ली ।
मुस्कुराया करो
जब भी करो बात
मुस्कुराया करो।
जैसे भी रहो,
खिलखिलाया करो।
जो भी हो दर्द,
सह जाया करो।
ज्यादा हो दर्द तो,
अपनों से कह जाया करो।
जीवन एक नदी है,
तैरते जाया करो।
ऊँच नीच होगी राह में,
बढ़ते जाया करो।
अपनापन यहाँ महसूस हो तो,
चले आया करो ।
बहुत सुंदर है यह संसार,
सुंदर और बनाया करो।
इसलिए,जब भी करो बात
मुस्कुराया करो!!
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