अलविदा बी एस एन एल ,, भारतीय दूर संचार के टेलीफोन ,, इंटरनेट ,,तुम्हे अलविदा , तुम्हारा शुक्रिया , चालीस साल से भी ज़्यादा वक़्त तक ,तुम मेरे हमदर्द ,मेरे साथी ,मेरे संवाद की वजह बने रहे ,, मुझे तुमने लिखना सिखाया ,, कई ज्ञानवर्धक जानकारिया देना सिखाया ,, लेकिन में क्या करता ,तुम्हे संचालित करने वाले ,प्रधानमंत्री महोदय , आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब को भी लिखित में दे चूका था ,अगर व्यवस्थाएं तुम्हारी उन्होंने नहीं सुधारी तो मजबूरी में मुझे तुम्हे अलविदा कहना होगा ,,,, बी एस एन एल , मेरे भारत महान की सौगात है , मेरे लिए गौरव की बात है , लेकिन खुद हमारे देश के प्रधानमंत्री ने जब , अपने उद्योपति मित्र अम्बानी की जिओ कम्पनी में अपना फोटो लगवाकर विज्ञापन दिलवाया , तो में चकित था ,, भारत सरकार के प्रधानमंत्री , जिनका अपना व्यवसाय , सेवाएं ,बी एस एन एल के रूप में चल रही है ,, खुद प्रतिस्पर्धा में है ,ऐसे में कैसे कोई प्रधानमंत्री एक दोस्ती के खातिर ,एक उद्योपति के मित्र होने के खातिर , अपनी ही व्यवस्था को कमज़ोर कर सकते है , लेकिन बार बार खराबियां ,स्टाफ की कमी , लगातार शिकायतों के बाद कोई सुनवाई नहीं ,,, अधिकारीयों , कर्मचारियों की कटौती , अरबों अरब रूपये की सम्पत्ति ,, उपकरण , विशेषज्ञ इंजीनियर होने के बाद भी , हम जिओ के आने के बाद , अम्बानी की जिओ से पिछड़ते रहे , लोग टूट टूट कर , जिओ के साथ जा जुड़े , मेरा संकल्प था ,में बी एस ऍन एल को चाहे लोग ,भाई साहब नहीं लगेगा , कहते रहे , लेकिन मुझे , लेखन की ऊँगली पकड़ कर चलाने वाले इस इंटरनेट ,से में नाता नहीं तोडूंगा , मेने आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय नरेंद्र भाई मोदी को कई ई मेल किये पत्र लिखे ,, संचार मंत्री को लिखे ,लेकिन आये दिन इंटरनेट की खराबी ,, आय दिन स्पीड की कमी ,बिल पूरा काम अधूरा , में भारत सरकार से जुड़ा रहकर ,भारत को ही मेरा रुपया सेवाओं के बदले देना चाहता था ,, लेकिन अचानक कोरोना का कहर ,इस कहर में ,बच्चों की ऑन लाइन क्लासेज़ ,अदालतों की सुनवाई ओन लाइन कम्पीटिशन में ,, भाई बी एस ऍन एल तुम्हे ,, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहिब ने बढ़ाया नहीं ,जिओ की एक तरफ बेरोकटोक सेवाएं ,तुमसे सस्ती सेवाएं , त्वरित सेवाएं ,, जिओ फाइबर फाइव जी , लेकिन सारी व्यवस्थाएं होने ,तुमसे ,,व्यवस्थाएं उधार लेने के बाद भी , जिओ फाइबर तुमसे सस्ता ,तुमसे तेज़ ,तुमसे बेहतर ,,एक उद्योगपति मित्र ने , अपने दोस्त से मिलकर ,तुम्हे नीचा गिरा ही दिया , तुम्हे हरा ही दिया , कोई पैकेज देकर , फिर से घाटे से उबारने की जगह ,, कमर्चारियों की छटनी ,बंद करने की तैयारियां सेवाओं में कमी ,यह सब , प्राइवेट संस्था , खासकर जिओ फाइबर को बढ़ाने ही जैसा कहा जाएगा ,वरना अरबों अरब रूपये की सम्पत्ति , विशेषज्ञ स्टाफ ,, बेहतरीन उपकरण के बाद भी हम पिछड़ जाए तो यह एक साज़िश से ज़्यादा कुछ नहीं , खेर मेने कोशिश की आप से जुड़े रहने की , लेकिन बार बार रुक जाना ,खराब हो जाना ,फिर शिकायत के बाद भी ठीक नहीं होना ,,,बच्चों की ओन लाइन शिक्षा में बाधा , अदालती सुनवाई में बाधा ,, क्या करता , आखिर बोझिल मन से ,, चालीस साल पुराना साथ , तुम्हारे ही व्यवस्थापकों ने ,तुम्हारे ही प्रधानमंत्री ,संचार मंत्री जो तुम्हे संचालित करते है ,उनकी बिक्री , ठेके व्यवस्था , उनके जानबूझकर तुम्हे खत्म करने की साज़िश के आगे मेरी एक न चली और मुझे तुमसे नाता तोडना पढ़ा , में बेबस और लाचार हो गया , इसलिए ऐ बी एस ऍन एल ,, तुम्हे अलविदा , तुम्हे अलविदा , मुझे तुमने ऊँगली पकड़कर लिखना सिखाया ,दुनिया के बारे में जानकारी देना सिखाया ,,इसके लिए में आपका अहसानगुज़ार हूँ ,शुक्रिया , शुक्रिया , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,
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