अखबार ,न्यूज़ चेनल्स ,, कोरोना मरीज़ों की दिन प्रतिदिन संख्या के बारे में , खतरनाक तरीके से प्रस्तुतिकरण कर खौफ का वातावरण बनाने की जगह , अगर अपने संवाददाताओं को , पत्रकारों को , कैमरामैन के साथ , कोविड इलाज कर रहे , अस्पतालों की व्यवस्थाये , डॉक्टर्स ,नर्सिंग स्टाफ के कार्यव्यवहार , मरीज़ों की तकलीफों और , सरकार द्वारा उन्हें दी जा रही सुविधाये , उनमे बढ़ोतरी की ज़रूरतों पर रिपोर्टिंग करे ,तो मौतों का आंकड़ा भी कम होगा ,, व्यवस्थाएं भी सुधरेंगी , हो सकता है कुछ अकाल मौतें भी रुक जाए ,, अख्तर
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